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Jammu: कृषि मौसम वैज्ञानिक ने की सलाह, जल्द होगी बारिश, किसान रोपाई के लिए रहें तैयार

अगले एक दो दिन बाद बारिश के आसार हैं। इसलिए किसान बासमती फसल की उतनी ही कटाई करें जिसके दाने साथ ही साथ घर के अंदर पहुंच जाएं। इन दिनों धान की कटाई कर खेतों में ही छोड़ना सबसे ज्यादा जोखिम भरा कदम होगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 09:50 AM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 09:52 AM (IST)
Jammu: कृषि मौसम वैज्ञानिक ने की सलाह, जल्द होगी बारिश, किसान रोपाई के लिए रहें तैयार
अगर आप सामान्य धान सरकारी धान खरीद केंद्र पर बेचने जा रहे हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखें।

जम्मू, जागरण संवाददाता: लंबे अंतराल के बाद अब किसानों को बारिश मिलेगी। मौसम बिगड़ना शुरू हो चुका है। धूप के साथ साथ आसमान पर बादल नजर आएंगे। लेकिन अगले एक दो दिन में आसमान पर पूरी तरह से बादल रहेंगे। फिर बारिश हो सकती है। कृषि मौसम वैज्ञानिक डा. महेंद्र सिंह का कहना है कि कंडी के किसानों की राह आसान होगी जोकि जमीन में नमी नही होने के कारण गेहूं की रोपाई नही कर पा रहे हैं। इस सप्ताह बारिश के आसार बने हुए हैं व पहाड़ों पर बर्फवारी हो सकती है। जम्मू में इस सप्ताह अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। जबकि न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। जबकि पहाड़ों में अधिकतम तापमान 8 से 18 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा। किसानों को चाहिए कि मौसम के मिजाज देखकर अपने कामकाज आगे बढ़ाएं।

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बासमती की फसल सोच समझ कर समेटें: अगले एक दो दिन बाद बारिश के आसार हैं। इसलिए किसान बासमती फसल की उतनी ही कटाई करें जिसके दाने साथ ही साथ घर के अंदर पहुंच जाएं। इन दिनों धान की कटाई कर खेतों में ही छोड़ना सबसे ज्यादा जोखिम भरा कदम होगा। कृषि विशेषज्ञ अरुण जराल ने किसानों से कहा कि मौसम बिगड़ना आरंभ हो चुका है। इसलिए सोच समझ कर कटाई के काम में हाथ डाला जाए। फसल काटते जाएं तो दूसरी तरफ दाने समेट कर घर के अंदर लाते जाएं। जैसे ही मौसम और बिगड़ता दिखे तो कटाई के काम रोक दें और काटी जा चुकी फसल के दाने घर के अंदर पहुंचाए। ऐसी नौबत न आए कि काटी गई फसल खेत में ही पड़ी रह जाए। बारिश के कारण काटी गई फसल के दाने खराब हो सकते हैं। अगर बारिश तेज हुई और हवा चली तो खड़ी फसल को भी नुकसान हो सकता है। लेकिन इस समय मौसम के मिजाज के आगे किसान बेबस है। किसानों को अपनी सूझबूझ से काम लेना चाहिए। वहीं दूसरी ओर गेहूं की बिजाई के लिए तैयार बैठे किसान खाद, बीज का बंदोबस्त कर लें। बारिश के बाद जमीन में उचित नमी बनते ही गेहूं की बिजाई का काम शुरू किया जा सकता है।

स्ट्राबेरी की खेती में जुट जाएं किसान: तापमान अब नीचे आ गया है। ऐसे में स्ट्राबेरी की खेती की जा सकती है जोकि पिछले दिनों अधिक तापमान के कारण थम गई थी। अगर किसान इच्छुक हैं तो खेत को अच्छी तरह से तैयार कर देसी खाद डालें और खेत में बेड बनाएं। इस बेड पर मल्चिंग शीट बिछाई जा सकती है जिसमें थोड़ी थोड़ी दूरी पर उतना ही छिद्र करें ताकि पौधा जमीन पर लग सके। उन्नत किसान शाम सिंह का कहना है कि स्ट्राबेरी की खेती में मल्चिंग शीट बिछाना समझदारी है। क्योंकि जमीन पर शीट के बिछे रहने से घासफूस नही उगता और ऐसे में स्ट्राबेरी के पौधे को बढ़ने फूलने का अच्छा मौका मिल जाता है। अगर शीड नही बिछाई जाए तो घास अपनी जकड़ बना लेता है और इस घास को निकालने के लिए किसान को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।

धान खरीद केंद्र में जाने से पहले....: अगर आप सामान्य धान सरकारी धान खरीद केंद्र पर बेचने जा रहे हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखें। एक तो यह कि फसल मापदंड पर खरा बैठती हो। धान साफ सुथरी हो और इसमें मिट्टी कंकर न हों। वहीं दाना कच्चा न हो। इसलिए धान को केंद्र पर ले जाने से पहले अच्छी तरह से धूप में सुखाया जाए । इस तरह से केंद्र पर तैनात अधिकारी आपकी फसल लेने से आनाकानी नही करेगा। अगर आपकी फसल साफ नही है तो धान खरीद केंद्र पर उचित शुल्क पर धान की सफाई कराने की व्यवस्था रहती है, किसान इसका लाभ उठा सकते हैं। खरीद केंद्र में जाने से पहले किसान क्षेत्र के कृषि अधिकारी से सलाह ले सकता है ताकि किसानों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। 


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