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पद संभालते ही कारपोरेटर लेने लगे हिसाब, सफाई कर्मियों की हाजिरी कर रहे चेक

करीब आठ साल से अधिकारियों की देखरेख में काम कर रहे सफाई कर्मियों को अब अचानक यह व्यवस्था रास नहीं आ रही। सेनेटरी सुपरवाइजरों समेत अन्य फील्ड स्टाफ भी असमंजस में है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 12:25 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 12:25 PM (IST)
पद संभालते ही कारपोरेटर लेने लगे हिसाब, सफाई कर्मियों की हाजिरी कर रहे चेक
पद संभालते ही कारपोरेटर लेने लगे हिसाब, सफाई कर्मियों की हाजिरी कर रहे चेक

जम्मू, जागरण संवाददाता। नवनिर्वाचित काॅरपोरेटरों ने रंग दिखाना शुरू कर दिए हैं। वार्ड में तैनात कितने सफाई कर्मियों की हाजिरी लग रही है और कितने काम कर रहे हैं, की जानकारी जुटाते हुए उन्होंने रजिस्टर जांचना शुरू किए हैं। इतना ही नहीं वे सख्ती भी दिखा रहे हैं कि कहीं कोई हेराफेरी न हो। मुहल्लों में बेहतर सफाई हो सके।

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करीब आठ साल से अधिकारियों की देखरेख में काम कर रहे सफाई कर्मियों को अब अचानक यह व्यवस्था रास नहीं आ रही। सेनेटरी सुपरवाइजरों समेत अन्य फील्ड स्टाफ भी असमंजस में है। अलबत्ता पिछली बार भी सफाई कर्मियों की हाजिरी कॉरपोरेटर ही जांचते हैं। इस संबंध में नगर निगम के जनरल हाउस में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था। इतना ही नहीं कॉरपोरेटरों ने अपने निगरान भी लगवाए थे। हरेक कॉरपोरेटर के दो-तीन लोग वार्ड में काम कर रहे थे। कर्मचारियों की हाजिरी ज्यादा और वार्ड में मौजूद कम होने का मुद्दा कई बार जनरल हाउस की बैठक में उठा। तत्कालीन म्यूनिसिपल कमिश्नर, हेल्थ आफिसर को जवाब देने पड़े थे। इस व्यवस्था को सख्ती से लागू करते हुए तब हरेक वार्ड में 22 सफाई कर्मी लगाने का फैसला लिया गया था।

वर्ष 2010 के मार्च माह में कॉरपोरेटरों का कार्यकाल समाप्त होने के साथ यह व्यवस्था खत्म हो गई थी। सेेनेटरी आफिसर के हस्ताक्षर के बाद हेल्थ आफिसर की तस्दीक के बाद एकाउंट सेक्शन वेतन बनाती है। पहले निगम के 71 वार्ड थे जिनमें से 35 में एनजीओ सफाई कर्मी काम कर रहे थे। इतना ही नहीं डेढ़ दर्जन के करीब वार्ड ठेके पर भी दिए गए हैं। निगम की इस व्यवस्था को जांचने के लिए अब नवनिर्वाचित काॅरपोरेटर सक्रियता दिखाने लगे हैं। सिविक सफाई कर्मचारी यूनियन के पूर्व चेयरमैन देवानंद गिल का कहना है कि सफाई कर्मियों व अन्य स्टाफ को पहले की तरह ही काम करने दिया जाए। उन्हें काॅरपोरेटरों के अधीन नहीं लाया जाए। इससे कामकाज में दिक्कतें हो जाएंगी। अन्यथा सख्त कदम उठाने पड़ सकते हैं।

हेल्थ एंड सेनिटेशन विंग

  • सेनेटरी आफिसर : 02
  • असिस्टेंट सेनेटरी आफिसर : 04
  • सेनेटरी इंस्पेक्टर : 25
  • सेनेटरी सुपरवाइजर : 97
  • क्लेरिकल स्टाफ : 14
  • चपड़ासी : 13

सफाई कर्मचारी व माश्की : 1481 (इनमें 761 स्थायी, 715 कैजुअल लेबर, 04 पीडीएल, कंसॉलीडेटेड 01 शामिल हैं।) इसके अलावा 753 एनजीओ सफाई कर्मी भी लगाए गए हैं।

स्रोत : जम्मू नगर निगम  


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