पहली जुलाई के बाद जम्मू-कश्मीर मे किसी ब्रांड के उत्पाद आयात नही हो पाएंगे
पहली जुलाई के बाद जम्मू-कश्मीर मे किसी ब्रांड के उत्पाद आयात नही हो पाएंगे, जीएसटी लागू होने के बाद हर बिल जीएसटी पर काटा जाएगा।
जम्मू, [ललित कुमार] । वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र के बेनतीजा खत्म होने से यह साफ हो गया है कि जम्मू-कश्मीर मे पहली जुलाई से जीएसटी लागू नही होगा। जीएसटी लागू न होने की स्थिति मे राज्य मे व्यापार भी लगभग थम जाएगा। ऐसे मे पहली जुलाई के बाद राज्य मे महंगाई व किल्लत का दौर शुरू हो जाएगा।
पहली जुलाई के बाद जम्मू-कश्मीर मे किसी ब्रांड के उत्पाद आयात नही हो पाएंगे, क्योकि देश भर मे जीएसटी लागू होने के बाद हर बिल जीएसटी पर काटा जाएगा। राज्य के व्यापारियो के पास जीएसटी नंबर न होने के कारण इन्हे कोई भी कंपनी अपना सामान नही भेज पाएगी। राशन व अन्य नान-ब्रांड चीजे मंगवाने पर टैक्स की दोहरी मार पड़ेगी। जिस राज्य से भी सामान आएगा, वहां जीएसटी चुकाना पड़ेगा और राज्य मे वैट। राज्य के व्यापारियो के पास जीएसटी नंबर न होने के कारण उन्हे 'इनपुट टैक्स क्रेडिट' नही मिलेगा। लिहाजा चीजो की किल्लत पैदा होगी, जो महंगाई को जन्म देगी।
जितना वैट, उतना महंगा
राज्य मे जिस उत्पाद पर जितना वैट लगता है, पहली जुलाई के बाद उस उत्पाद की कीमत मे उतनी बढ़ोतरी होना लगभग तय है। मसलन इलेक्ट्रॉनिक पर 28 फीसद जीएसटी लग रहा है। राज्य मे इन पर 14.5 फीसद वैट है। ऐसे मे अगर कोई इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद राज्य के बाहर से आयात किया जाता है तो उस पर 42.5 फीसद टैक्स देना पड़ेगा।
जितनी देर, उतना नुकसान
राज्य मे जीएसटी लागू करने मे जितना विलंब होगा, राज्य के सरकारी खजाने को भी उतना ही नुकसान झेलना पड़ेगा। दोहरे टैक्स की मार के चलते व ब्रांड उत्पादो के आयात बंद होने से सरकार को वैट के रूप मे राजस्व का घाटा झेलना पड़ेगा।
भंडारण व कालाबाजारी बढ़ेगी
जीएसटी को लेकर बने संशय के चलते राज्य मे खाद्य वस्तुओ के भंडारण व कालाबाजारी की संभावनाएं भी पैदा हो गई है। दोहरे टैक्स से बचने के लिए थोक व्यापारी पहली जुलाई से पूर्व अपने गोदाम भर लेगे और जुलाई के बाद महंगे दामो पर सामान बेचा जाएगा।
जीएसटी देश व व्यापार के हित मे है और इसे लागू करने मे देरी नही करनी चाहिए। राज्य के व्यापारियो के हितो को देखते हुए जीएसटी मे आवश्यक संशोधन करके पहली जुलाई से लागू कर देना चाहिए नही तो राज्य के व्यापार पर टैक्स की दोहरी मार पड़ेगी।
-दीपक गुप्ता, महासचिव ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाउस, नेहरू मार्केट
जीएसटी को लेकर सरकार ने कोई तैयारी नही की। अभी तक व्यापारियो को जीएसटी रजिस्ट्रेशन नही मिला। इसे व्यापार हित मे बताने वाले नेता पहले इस पर व्यापारियो के साथ खुली बहस करे। इसे लेकर संशय दूर करे, लोगो को जागरूक करे, फिर इसे लागू करने पर विचार करे।
-रमेश गुप्ता, पूर्व प्रधान ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाउस, नेहरू मार्केट
राज्य को दोहरे टैक्स की मार से बचाने के लिए सरकार हल ढूंढ रही है। जीएसटी पर ऑल पार्टी कमेटी अपने सुझाव देगी और सरकार को पूरी उम्मीद है कि बहुत जल्द राज्य मे भी जीएसटी लागू होगा।
-डॉ. निर्मल सिंह, उप-मुख्यमंत्री