प्रशासन ने निजी मेले के आयोजन की जिम्मेवारी से किया इन्कार
संवाद सहयोगी, रामगढ़ : प्रशासन द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर के बाबा चमलियाल वार्षिक मेले के आयोजन
संवाद सहयोगी, रामगढ़ : प्रशासन द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर के बाबा चमलियाल वार्षिक मेले के आयोजन को स्थगित किए जाने का अंतिम फैसला लिया जा चुका है। सरहद पर तनाव एवं जनहित की रक्षा के मुद्दों को ध्यान में रखकर लिए गए प्रशासन के इस फैसले पर दरगाह प्रबंधन तथा दग पंचायत सदस्यों में तालमेल का अभाव भी साफ दिखाई देने लगा है। दग पंचायत के लोगों का कहना है कि प्रशासन भले ही चमलियाल मेले के आयोजन को स्थगित करने का फैसला ले चुका है लेकिन दग पंचायत मेले का अपने स्तर पर आयोजन कर श्रद्धालुओं की आस्था भंग नहीं होने देगी।
ज्ञात रहे कि बीते सप्ताह चमलियाल मेले के आयोजन को लेकर स्थानीय पुलिस चौकी अधिकारियों ने दग पंचायत के प्रतिनिधियों तथा दरगाह प्रबंधक सदस्यों के साथ विशेष वार्ता कर प्रशासन के फैसले का पूरा समर्थन करने का वादा किया था। लेकिन गत वीरवार देर शाम को जिला प्रशासन द्वारा तमांम पहलुऔं और सरहद के तनाव को मद्देनजर रखते हुए मेला स्थगित करने का लिया गया फैसला गांव पंचायत के लोगों को रास नहीं आ रहा। पंचायत प्रमुख ओम प्रकाश के अनुसार चमलियाल मेला गांव पंचायत का निजि मेला होता है। इसके आयोजन को लेकर पंचायत को किसी प्रशासनिक अधिकारी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं। वहीं भाजपा पूर्व जिला उपप्रधान सुभाष वर्मा के अनुसार प्रशासन भले ही चमलियाल मेले का आयोजन स्थगित करे। लेकिन गांव पंचायत की तरफ से चमलियाल मेले का आयोजन करने की तैयारी जारी है। चमलियाल मेले को लेकर दरगाह प्रबंधक कमेटी सदस्यों में भी तालमेल स्थापित नहीं हो पा रहा। बिल्लू चौधरी के अनुसार जिला प्रशासन सांबा ने चमलियाल मेला स्थगित करके अपनी दूरदर्शी सोच तथा जनहितों की रक्षा का जिम्मा निभाने का काम किया है। प्रशासन के इस लिए गए फैसले का विरोध करना जनविरोधी माना जाएगा, और श्रद्धालुऔं की भावना से खिलवाड़। उधर मेला अधिकारी तहसीलदार रामगढ़ रमेश बख्शी के अनुसार जारी प्रशासनिक आदेशों का पालन करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों का चमलियाल मेले में किसी किस्म की भागीदारी निभाना आदेशों का उल्लंघन होगा। डीसी सांबा र¨जद्र ¨सह तारा के अनुसार अगर गांव पंचायत द्वारा निजी तौर पर चमलियाल मेले का आयोजन किया जाता है, तो उसमें प्रशासन की कोई जिम्मेबारी नहीं होगी। अगर कहीं किसी किस्म की कानून व्यवस्था एवं मेले की शांति व्यवस्था पर आंच आती है, तो उसकी पूरी जिम्मेवारी गांव पंचायत सदस्यों की होगी। प्रशासन निजि मेले के आयोजकों से लिखित तौर पर इस बात की जिम्मेबारी लेगा, ताकि बाद में प्रशासन पर कोई आंच न आए।