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राशि के अनुसार कौन से रंग की राखी बांधें, इस साल राखी बांधने का ये है मुहूर्त

26 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन इस बार नहीं है भद्रा, गायत्री जयंती और संस्कृति दिवस भी मनाया जाएगा। आइए जानें राशि के अनुसार कौन से रंग की राखी बांधें भाई को और कौन सी मिठाई खिलाएं

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 24 Aug 2018 10:56 AM (IST)Updated: Fri, 24 Aug 2018 11:19 AM (IST)
राशि के अनुसार कौन से रंग की राखी बांधें, इस साल राखी बांधने का ये है मुहूर्त
राशि के अनुसार कौन से रंग की राखी बांधें, इस साल राखी बांधने का ये है मुहूर्त

जम्मू, जागरण संवाददाता। सावन की पूर्णिमा के दिन 26 अगस्त को रक्षाबंधन है। भाई की सलामती के लिए बांधा जाने वाला सूत का धागा रक्षाबंधन कहलाता है। राखी बांधने के मुहूर्त को लेकर हर साल असमंजस रहता है। इसकी वजह इसी दिन भद्रा का रहना है, लेकिन इस साल राखी के दिन भद्रा नहीं है।

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’सुबह 7.43 से दोपहर 12.28 बजे तक, ’ दोपहर 2.03 से 3.38 बजे तक ’ शाम 7:27 से 8:13 बजे तक, सूर्योदय व्यापिनी तिथि में होने से रात में भी बांध सकेंगी। सुबह से रात तक राखी बांधी जा सकती है। परंतु कुछ समय को छोड़ना होगा क्योंकि इस दौरान अशुभ चौघड़िया, राहु काल, यम घंटा और गुली काल रहेगा। इसी दिन संस्कृत दिवस, गायत्री जयंती और हयग्रीव जयंती भी है।

उधर रक्षाबंधन को लेकर अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है। बाजारों में राखी की दुकानें सज गई गई हैं। दुकानदारो ने इस साल आकर्षक और  रंग-बिरंगी राखियां मंगवाई हैं।रोहित शास्त्री ने कहा कि सगी बहन न हो तो मामा, चाचा, मित्र, पुरोहित भी अपने यजमान को राखी बांध सकते हैं। 

राखी बांधने के दौरान एक खास मंत्र का उच्चारण किया जाता है जो निम्नलिखित है :-

मंत्र : ‘येन बद्धो बली राजा, दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वां प्रतिबध्नामि, रक्षे! मा चल! मा चल!!’

इसका अर्थ है - जिस प्रकार राजा बलि ने रक्षा सूत्र से बंधकर विचलित हुए बिना अपना सब कुछ दान कर दिया, उसी प्रकार हे रक्षा! आज मैं तुम्हें बांधता हूं, तू भी अपने उद्देश्य से विचलित न होना और दृढ़ बना रहना।

कैसे बांधे राखी

राखी बाबा कैलख देव स्थान के महंत एवं ज्योतिषाचार्य रोहित शास्त्री ने बताया कि शाम 5.25 बजे पूर्णिमा तिथि समाप्त हो जाएगी। सूर्योदय व्यापिनी तिथि मानने के कारण रात्रि में भी राखी बांधी जा सकेगी।बहन सबसे पहले भाई को तिलक कर उसकी आरती करे। उसके ऊपर अक्षत अर्पण करे। राखी भाई की दाहिनी कलाई पर बांधे। इस पूरी प्रक्रिया तक भाई और बहन दोनों को उपवास रखना चाहिए।

इसके बाद बहन भाई को मिठाई खिलाए और भाई बहन के पैर छूकर आशीर्वाद ले। इस प्रकार भाई आजीवन अपनी बहन की सुरक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित हो जाता है। इसके बाद भाई बहनों को उपहार दें।

राशि के अनुसार कौन से रंग की राखी बांधें-मिठाई खिलाएं

मेष : भाई की राशि मेष है तो मालपुए खिलाएं एवं लाल रंग की राखी बांधें।

वृषभ : दूध से निर्मित मिठाई खिलाएं एवं सफेद रेशमी डोरी वाली राखी बांधे।

मिथुन : बेसन से निर्मित मिठाई खिलाएं एवं हरी रंग की राखी बांधे।

कर्क : रबड़ी खिलाएं एवं पीली रेशम वाली राखी बांधें

सिंह : रस वाली मिठाई खिलाएं एवं गुलाबी रंग या पंचरंगी डोरे वाली राखी बांधें

कन्या : मोतीचूर के लड्डू खिलाएं एवं गणेश जी के प्रतीक हरे रंग वाली राखी बांधें

तुला : हलवा या घर में निर्मित मिठाई खिलाएं एवं सफेद रंग या रेशमी हल्के पीले डोरे वाली राखी बांधें

वृश्चिक : गुड़ से बनी मिठाई खिलाएं एवं गुलाबी डोरे वाली राखी बांधें

धनु : रसगुल्ले खिलाएं एवं पीली व सफेद डोरी से बनी राखी बांधे।

मकर : मिठाई खिलाएं एवं नीले धागे या मिलेजुले वाली राखी बांधें

कुंभ : ग्रीन मिठाई खिलाएं एवं नीले रंग से सजी राखी बांधें

मीन : मिल्क केक खिलाएं एवं पीले-नीले जरी की राखी बांधे। 


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