Move to Jagran APP

Year Ender 2019: साल भर में ही जम्मू-कश्मीर के बड़े भ्रष्टाचारियों के गले तक पहुंचे एसीबी के हाथ

पिछले एक साल में ब्यूरो ने करोड़ों रुपये के घोटालों के अलावा जम्मू कश्मीर बैंक में चोर दरवाजे से हुई नियुक्तियों का पर्दाफाश तक किया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 11:23 AM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 03:38 PM (IST)
Year Ender 2019: साल भर में ही जम्मू-कश्मीर के बड़े भ्रष्टाचारियों के गले तक पहुंचे एसीबी के हाथ

जम्मू, ललित कुमार। जम्मू कश्मीर में भ्रष्टाचार की जड़ पर वार करने के लिए एक साल पूर्व 26 अक्टूबर 2018 को राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भ्रष्टाचार कानून 2006 के तहत एंटी क्रप्शन ब्यूरो (एसीबी) का गठन किया था। इसके बाद एक साल के भीतर ही ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के ऐसे मामले खोद निकाले और ऐसे गिरहबानों पर हाथ डाला, जिन पर कार्रवाई होने की बात किसी ने सोची तक नहीं थी। एसीबी से पूर्व राज्य में भ्रष्टाचार के मामलों में स्टेट विजिलेंस आर्गेनाइजेशन काम करती थी। राज्यपाल प्रशासन ने इसे एसीबी में परिवर्तित करते हुए इसके हाथ मजबूत किए। पिछले एक साल में ब्यूरो ने करोड़ों रुपये के घोटालों के अलावा जम्मू कश्मीर बैंक में चोर दरवाजे से हुई नियुक्तियों का पर्दाफाश तक किया।

loksabha election banner

जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने से पूर्व अक्टूबर में ही भ्रष्टाचार के खिलाफ ब्यूरो की लड़ाई काफी तेज हो गई थी। एक ही महीने में ब्यूरो ने आधा दर्जन से अधिक भ्रष्टाचार के केस दर्ज कर करोड़ों रुपये के घोटालों का पर्दाफाश किया था। इस दौरान तीन बड़े मामलों का पर्दाफाश किया गया। ब्यूरो ने इस दौरान जेएंडके स्माल स्केल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (सिकाप) के जनरल मैनेजर पद से सेवानिवृत्त हुए भूपेंद्र सिंह दुआ, सिकाप के पूर्व मैनेङ्क्षजग डायरेक्टर एके खुल्लर व जेएंडके हैंडीक्राफ्ट कॉरपोरेशन के मौजूदा मैनेजिंग डायरेक्टर सरदार जसविंद्र सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया। यही नहीं, बीएस दुआ के घर में छापा मार कर लाखों रुपये के सोने-चांदी के जेवर व नकदी बरामद की। ब्यूरो ने कश्मीर के अस्पतालों में घटिया क्वालिटी की लिफ्ट लगाकर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के आरोप में जेएंडके प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेकेपीसीसी) अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया। इस दौरान ब्यूरो ने पीडब्ल्यूडी की रामबन डिवीजन के पूर्व हेड असिस्टेंट मोहम्मद असलम के ठिकानों पर छापा मारा। इस दौरान आरोपित की करोड़ों रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ।

सबसे बड़ी कार्रवाई जेके बैंक के खिलाफ

एसीबी की पिछले एक साल में सबसे बड़ी कार्रवाई जम्मू कश्मीर बैंक के खिलाफ रही। ब्यूरो ने बैंक में 177 करोड़ रुपये के लोन घोटाले का पर्दाफाश किया। वर्ष 2012-2017 के बीच बैंक अधिकारियों ने तमाम नियमों को ताक पर रखकर यह लोन मंजूर किया था। इस मामले में धीरे-धीरे लोन की राशि बढ़ाई गई और जब बाद में अकाउंट एनपीए हो गया तो बैंक ने 177 करोड़ रुपये के लोन को 130 करोड़ में सेटल कर दिया। इस पर भी बैंक को चालीस करोड़ का जो चेक मिला वह बाउंस हो गया। ब्यूरो ने बैंक में चोर दरवाजे से हुई नियुक्तियों के मामले में राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती व बैंक के तत्कालीन चेयरमैन परवेज अहमद को नोटिस जारी किया। इतना ही नहीं, ब्यूरो ने बैंक की ओर से नियमों को ताक पर रखकर बीमा कंपनी के साथ किए गए समझौते से बैंक को हुए नुकसान को लेकर तत्कालीन चेयरमैन परवेज अहमद के खिलाफ केस भी दर्ज किया।

रोशनी एक्ट घोटाले पर भी रही नजर

एसीबी जम्मू और श्रीनगर में रोशनी एक्ट घोटाले की जांच भी कर रही है। इस घोटाले में बड़े राजनेता, नौकरशाह और अन्य प्रभावशाली लोगों के शामिल होने का दावा किया जाता है। यह सभी कार्रवाई जम्मू कश्मीर से भ्रष्टाचार को समाप्त कर लोगों को सुशासन देने के सरकार के संकल्प को पूरा करने के अभियान के तहत की जा रही है। ब्यूरो की पिछले एक साल की कार्रवाई से साफ है कि अब जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार की उम्र ज्यादा नहीं।

केंद्रीय कानून हुआ प्रभावी

केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग ने वर्ष 2018 में भ्रष्टाचार निरोधक कानून में संशोधन किया था। इस संशोधन के तहत रिश्वत लेने वाले का साथ देने वाला भी बराबर का दोषी था। यह संशोधन अनुच्छेद 370 के चलते जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं हुआ, लेकिन जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के साथ ही यह संशोधित कानून भी यहां लागू हो गया है। इससे भ्रष्टाचार के मामलों से निपटने के लिए एंटी क्रप्शन ब्यूरो के हाथ सशक्त हुए हैं।

वेबसाइट भी हो चुकी है लांच

ग्यारह अक्टूबर 2019 को तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एसीबी की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉटर जेकेएसीबी डॉट एनआइसी डॉट इन को भी लांच किया था। यह वेबसाइट न सिर्फ ब्यूरो को अपनी गतिविधियों से आम लोगों को अवगत कराने में मददगार है, बल्कि आम लोग भी भ्रष्टाचार संबंधी मामलों पर इसके जरिए ऑनलाइन अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे।

छह थानों में दर्ज हो सकती है शिकायत

एंटी क्रप्शन ब्यूरो ने जम्मू व कश्मीर में छह पुलिस स्टेशन स्थापित कर उनके क्षेत्राधिकार निर्धारित किए हैं। लिहाजा, ब्यूरो का हर पुलिस स्टेशन अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले क्षेत्रों में पेश आने वाले भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करता है। हर थाने के अधीन कुछ क्षेत्र आते हैं और अगर वहां कोई भ्रष्टाचार का मामला सामने आता है, तो संबंधित थाने में एफआइआर दर्ज कर जांच की जाती है। पुलिस स्टेशन एंटी करप्शन ब्यूरो जम्मू के अधीन जम्मू, सांबा, कठुआ व रियासी जिला हैं। इसी प्रकार पुलिस स्टेशन एंटी क्रप्शन ब्यूरो डोडा के अधीन डोडा, किश्तवाड़, रामबन व ऊधमपुर जिला, पुलिस स्टेशन एंटी करप्शन ब्यूरो राजौरी के अधीन राजौरी व पुंछ, पुलिस स्टेशन एंटी करप्शन ब्यूरो श्रीनगर के अधीन श्रीनगर, बडगाम, गांदरबल, लेह व कारगिल, पुलिस स्टेशन एंटी करप्शन ब्यूरो अनंतनाग के अधीन अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां व कुलगाम जबकि पुलिस स्टेशन एंटी करप्शन ब्यूरो बारामुला के अधीन बारामुला, बांडीपोरा व कुपवाड़ा जिला लाए गए हैं।

हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया

भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज करवाने के लिए अब लोगों को एंटी क्रप्शन ब्यूरो के पास जाने की जरूरत भी नहीं है। ब्यूरो ने अपना हेल्पलाइन नंबर 9419678060 जारी किया है जिस पर फोन करने के साथ वाट्सऐप करके भी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। फिलहाल जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं प्रभावित हैं लेकिन सोशल मीडिया के बढ़ते दायरे को देखते हुए ब्यूरो ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया था जिस पर वाट्सएप से शिकायतकर्ता भ्रष्टाचार से जुड़ी फोटो या वीडियो भी अपलोड करके भ्रष्टाचार को उजागर कर सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.