दर्जनों आतंकी वारदात में शामिल रहे अबु माज का अंत
उत्तरी कश्मीर में बीते तीन सालों से आतंक का पर्याय बने लश्कर के डिवीजनल कमांडर अबु माज का सोपोर में हुई मुठभेड़ में अंत हो गया।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। उत्तरी कश्मीर में बीते तीन सालों से आतंक का पर्याय बने लश्कर के डिवीजनल कमांडर अबु माज का गत मंगलवार को सोपोर में हुई मुठभेड़ में अंत हो गया। माज की पहचान की पुष्टि बुधवार को हुई। वह पाकिस्तान का रहने वाला था और दर्जनों आतंकी वारदात में शामिल था। इस बीच, सोपोर और उसके साथ सटे इलाकों में दो आतंकियों की मौत के खिलाफ पूर्ण हड़ताल से सामान्य जनजीवन ठप रहा।
मुठभेड़ में मारे गए स्थानीय आतंकी अब्दुल मजीद मीर उर्फ समीर के जनाजे में सैकड़ों लोग शामिल हुए।गौरतलब है कि सोमवार रात को नौपुरा में सुरक्षाबलों और आतंकियों बीच शुरू हुई मुठभेड़ गत मंगलवार दोपहर को समाप्त हुई थी। इसमें दो आतंकी अब्दुल मजीद मीर निवासी बोम्मई सोपोर और अबु माज मारे गए थे। बुधवार को किसी आतंकी या अलगाववादी संगठन ने बंद का एलान नहीं किया था, लेकिन स्थानीय लोगों ने स्वेच्छा से बंद रखा। सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे।
शिक्षण संस्थानों को प्रशासन ने एहतियातन बंद रखा। सोपोर के भीतरी इलाकों में वाहनों की आवाजाही भी लगभग ठप रही। इस बीच, मुठभेड़ में मारे गए स्थानीय आतंकी अब्दुल मजीद मीर के जनाजे में शामिल लोगों ने पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करते हुए शव लेकर कस्बे के कई हिस्सों में जुलूस भी निकाला। मजीद को उसके घर के पास स्थित उसके पैतृक कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया।
दर्जनों वारदात में शामिल था अबु माज :
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि मजीद मीर के साथ मारे गए दूसरे आतंकी की भी पहचान हो गई है। वह उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा, सोपोर, रफियाबाद और बांडीपोर में बीते तीन सालों से सक्रिय लश्कर का डिवीजनल कमांडर अबु माज था। उसने तैमूर अहमद लोन, फैयाज अहमद राथर, आरिफ मकबूल सोफी, मोहम्मद अशरफ मीर और गुलाम नबी ख्वाजा समेत छह नागरिकों की हत्या को खुद अंजाम दिया था।
इसके अलावा अलावा टीपी बैंक सोपोर में ग्रेनेड हमले में चार सुरक्षाबलों को जख्मी करने, लंगेट में सैन्य काफिले पर हमले में दो जवानों को जख्मी करने, उडीपोरा लंगटे में दो बीएसएफ कर्मियों को गोली मार जख्मी करने के अलाावा हाजिन हंदवाड़ा में एक सैन्य दल पर भी हमले की वारदात में भी शामिल था।
हाजिन हंदवाड़ा में आतंकी हमले में एक सैन्याधिकारी शहीद हुआ था। उसने हंदवाड़ा में एसपीओ मोहम्मद अल्ताफ खान पर भी जानलेवा हमला किया था। प्रवक्ता ने बताया कि अबु माज वर्ष 2015 में कश्मीर आया था और वर्ष 2016 में सर्दियों के दौरान वापस गुलाम कश्मीर लौट गया था। लेकिन कुछ माह तक पाकिस्तान में रहने के बाद वह वर्ष 2017 में गर्मियां शुरू होने से पहले दो और आतंकियों के साथ कश्मीर में घुसपैठ करने में कामयाब रहा था।