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Jammu Kashmir : ट्रांसपोर्टरों का सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम, कहा- 30 प्रतिशत किराया बढ़ाओ नहीं तो चक्का जाम

शहर के वेयरहाउस में ऑल जेएंडके ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन टीएस वजीर की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें बस ट्रक ऑयल टैंकर टैक्सी आटो सहित अन्य कमशिर्यल वाहनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यात्री किरायों में कोरोनाकाल के लिए बढ़ाए गए 30 फीसद के आदेश वापस

By VikasEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 03:06 PM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 03:06 PM (IST)
Jammu Kashmir : ट्रांसपोर्टरों का सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम, कहा- 30 प्रतिशत किराया बढ़ाओ नहीं तो चक्का जाम
ऑल जेएंडके ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन टीएस वजीर की अध्यक्षता में बैठक हुई।

जम्मू, जागरण संवाददाता । केंद्रशासित प्रदेश के ट्रांसपोर्टर सरकार द्वारा सार्वजनिक वाहनों के यात्री किराये में 30 फीसद बढ़ोतरी के वापस लेने संबंधी आदेश से काफी नाराज हैं। ट्रांसपोर्टरों ने साफ किया कि अगर एक सप्ताह के भीतर सरकार की ओर से यात्री किरायाें में 30 फीसद बढ़ोतरी के आदेश को फिर से जारी नहीं किया तो फिर प्रदेश के प्रवेशद्वार लखनपुर से कश्मीर तक यात्री वाहनों के चक्के अनिश्चितकाल के लिए जाम हो जाएंगे और इसके लिए सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार होगी।

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शहर के वेयरहाउस में ऑल जेएंडके ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन टीएस वजीर की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें बस, ट्रक, ऑयल टैंकर, टैक्सी, आटो सहित अन्य कमशिर्यल वाहनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमें सर्वसम्मति बनने के बाद वजीर ने पत्रकारों को बताया कि सरकार की ओर से एक दिसंबर को यात्री किरायों में कोरोनाकाल के लिए बढ़ाए गए 30 फीसद के आदेश को वापस लेना दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि 22 जून के सरकार के आदेश में साफतौर पर उल्लेख किया गया था कि काेरोना महामारी के दौरान 30 फीसद यात्री किराया लागू रहेगा। ऐसे में एकाएक सरकार द्वारा आदेश को वापस लेना तर्कसंगत नहीं है। अभी न तो कोरोना महामारी खत्म हुई है और न ही जनजीवन सामान्य हुआ है। स्कूल, कॉलेज, इंटर स्टेट बस अभी भी बंद हैं। ऐसे में 30 प्रतिशत आदेश वापस लेना ट्रांसपोर्टरों के साथ सरासर अन्याय है। वर्ष 2018 में यात्री किरायों में 13 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की गई थी। तब से लेकर आज तक डीजल की कीमतें 75 रुपए प्रति लीटर के करीब पहुंच गई हैं। संकट की इस घड़ी में अगर सरकार ही ट्रांसपोर्टरों को सहयोग नहीं करेगी तो फिर आंदोलन पर जाने के सिवाय उनके पास अन्य कोई विकल्प नहीं रह गया है।

वजीर ने बताया कि कोरोना महामारी फैलने से पहले भी सरकार को यात्री किरायों में बढ़ोतरी करने बारे आग्रह किया गया था लेकिन उनकी एक भी नहीं सुनी गई। अगर अब ट्रांसपोर्टरों की मांग को एक सप्ताह के भीतर पूरा नहीं किया गया तो फिर प्रदेश में 65 हजार कमर्शियल वाहनों के चक्के जाम हो जाएंगे। इस अवसर पर मिनी बस वर्कर्स यूनियन के प्रधान विजय सिंह चिब, ऑल जेएंडके ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव विजय शर्मा सहित अन्य ट्रांसपोर्ट वर्ग के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।


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