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Roshni Land Scam : जम्‍मू के आसपास बसा दिया एक अलग ही कश्‍मीर, साजिश के तहत अस्तित्व में लाया गया रोशनी कानून

रोशनी घोटाले की लड़ाई लड़ने वाले योद्धाओं के अनुसार पूरी साजिश के तहत रोशनी कानून अस्तित्व में लाया गया। इसमें वन विभाग सहित कुछ विभागों में बैठे नौकरशाहों की मिलीभगत से सियासतदानों और प्रभावशाली लोगों ने सरकारी जमीनें निगलना शुरू कीं।

By lokesh.mishraEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 06:30 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 08:02 AM (IST)
Roshni Land Scam : जम्‍मू के आसपास बसा दिया एक अलग ही कश्‍मीर, साजिश के तहत अस्तित्व में लाया गया रोशनी कानून
जम्मू के बाहरी क्षेत्र सुंजवां में नालों और खड्ड को घेरकर अभी भी कई जगह निर्माण कार्य जारी है।

अवधेश चौहान, जम्मू : जम्मू-कश्मीर आतंकवाद की आग में सुलग रहा था और प्रदेश का आम आदमी परेशान। इसी का लाभ उठाकर कश्मीरी हुक्मरानों ने अनुच्छेद 370 की आड़ में मंदिरों के शहर के आसपास अलग ही कश्मीर बसाने की साजिश रची गई। इसके लिए जम्मू के आसपास के क्षेत्रों सुंजवां, बठिंडी, सिद्धड़ा को चुना गया, जो पूरी तरह से हरे-भरे और जलस्रोतों के पास थे। फिर शुरू हुआ जमीन को हथियाने का खेल।

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रोशनी घोटाले की लड़ाई लड़ने वाले योद्धाओं के अनुसार पूरी साजिश के तहत रोशनी कानून अस्तित्व में लाया गया। इसमें वन विभाग सहित कुछ विभागों में बैठे नौकरशाहों की मिलीभगत से सियासतदानों और प्रभावशाली लोगों ने सरकारी जमीनें निगलना शुरू कर दीं। चंद वर्षों में ही वन विभाग की जमींन पर एक कश्मीर अस्तित्व में आने लगा और समुदाय विशेष की आबादी भी यहां बढऩे लगी।

कश्मीरी नेताओं की देखा-देखी वहां के रसूखदारों ने जम्मू के आसपास की जमीनें निगलनी शुरू कर दीं। इस खेल में सबसे बड़ा मोहरा बने नौकरशाह, जो सियासतदानों की जेब में थे। फायदा सभी को लेना था। इसलिए कौडिय़ों के दाम में जम्मू से सटा हराभरा क्षेत्र लुटता चला गया और जम्‍मू कुछ समझ भी न पाया।

इन क्षेत्रों में जम्मू के पुराने शहर की अपेक्षा विकास भी बड़ी तेजी से हुआ। देखते ही देखते रोशनी घोटाले में हड़पी गई सुंजवां, बठिंडी, सिद्धड़ां की जमीन पर गोल्फकोर्स, मॉल, आलीशान गाडिय़ों के शोरूम, प्राइवेट अस्तपाल, फार्म हाउस, फ्लैट्स आदि बन गए। तवी के किनारों पर भी कब्‍जा कर लिया गया और वहां भी मकान बन गए। इस खेल में सरकारी अधिकारी अपनी जेबें भरते रहे। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू होने के कारण केंद्र में बैठी सरकार भी कुछ नहीं कर पाई।

लाखों कनाल जमीन भूमाफिया के कब्जे में : वन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जम्मू के सिद्धड़ा में करीब एक लाख कनाल वन भूमि है। इसमें से 20 हजार कनाल भूमि पर अभी भी कब्जा है। वहीं सुंजवां में 90 हजार कनाल वन भूमि में से 20 हजार कनाल भूमि पर कब्जे हैं। बेशक सरकार ने एक लाख से अधिक भूमि पर से अवैध एंट्री को हटाने का दावा किया है, लेकिन जंगलात की यह जमीन अभी भी भू माफिया के कब्जे में है।

अब तक पांच हजार से अधिक लाभार्थियों की सूची जारी : जम्मू कश्मीर में 'रोशनी' प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा 25 हजार करोड़ का घोटाला है। अभी तक प्रशासन पांच हजार से भी अधिक लाभार्थियों के नाम उजागर कर चुका है, जिन्होंने रोशनी घोटाले की आड़ में सरकारी जमीन कब्जाई है। सूची जारी होने का सिलसिला जारी है। इस मामले की जांच हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ कर रही है।

रोहिंग्‍याओं को बसाया जा रहा : भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं नमामी गंगे के जम्मू कश्मीर के संरक्षक चंद्रमोहन शर्मा ने कहा कि रोशनी घोटाला कश्मीरी सियासतदानों की जम्मू के जनसांख्यिकी स्वरूप को बदले की साजिश थी। रोहिंग्‍याओं और बंगलादेशी नागरिकों को जानबूझ कर बसाया जा रहा है। रोशनी कानून को खारिज करने से उम्मीद बंधी है कि जम्मू से न्याय होगा।

पहले पंडित अब जम्मू के लोगों को खदेड़ने की साजिश : विस्थापित कश्मीरी पंडितों की संस्था जगटी टेनमेंट कमेटी के प्रधान शादी लाल पंडिता ने कहा कि पहले कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों को खदेड़ा गया, फिर जम्मू में पैर पसार यहां के राष्ट्रभक्त लोगों को आगे खदेडऩे की साजिश की जा रही है। रोशनी घोटाले के तहत हड़पी गई भूमि को वापस लेने के साथ कश्मीर के सियासतदानों को सबक सिखाने का समय आ गया है।

दोषियों को मिले कड़ी सजा : राष्ट्रीय बजरंग दल के प्रदेश अध्यक्ष राकेश बजरंगी ने कहा कि रोशनी कानून घोटाला एक सोची समझी साजिश थी। इसके जरिए जम्मू के जनसंख्या के अनुपात को बिगाडऩे की कोशिश थी। इसके लिए जिम्मेदारी लोगों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए।


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