दक्षिण कश्मीर में सात महीने में 70 युवा बने आतंकवादी
दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद को हवा देने के प्रयासो के चलते सात महीने में 70 युवा आतंकवादी बने। हालांकि सात महीने मे 132 आतंकवादी मारे भी गए
जम्मू, [राज्य ब्यूरो] । दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद को हवा देने के प्रयासो के चलते सात महीने में 70 युवा आतंकवादी बने। हालांकि इस दौरान आतंकवाद विरोधी अभियान मे तेजी के चलते यहां सात महीने में 132 आतंकवादी मारे भी गए और 54 युवाओ के आतंकवादी बनने के मंसूबो को भी नाकाम किया गया।
वही, इस वर्ष आतंकवाद मे शामिल हुए युवा पुलवामा, शोपियां व कुलगाम जिलो के निवासी है। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने उपलब्ध करवाई है। वर्ष 2014 के बाद से युवाओ के आतंकवादी बनने की संख्या निरंतर बढ़ रही है। वर्ष 2016 मे जहां 88 युवा आतंकी बने तो वही, 2015 मे 66 युवा आतंकी बने। वर्ष 2014 मे आतंकवादी बनने वाले युवाओ की संख्या 53 थी। वर्ष 2013 मे सिर्फ 13 युवा ही आतंकवादी बने थे।
वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पुलवामा मे आतंकवाद संबंधी गतिविधियो मे तेजी आई है। श्रीनगर, अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां व बड़गाम जिलो के मध्य मे पुलवामा है। मारे गए आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी के गृह जिले पुलवामा की भौगोलिक स्थिति भी आतंकवादी हमलो के लिए कारगर साबित होती है। जिले मे बाग व घने जंगल है। मारा गया आतंकवादी अबु दुजाना भी इसी क्षेत्र से अपनी गतिविधियां संचालित करता था। ऐसे इलाको मे सेना, सुरक्षाबलो की पूरी कोशिश है कि युवा आतंकवादी न बनें।