पंचायती चुनावों में इस बार देखने को मिलेगी युवा शक्ति
अब ग्रामीण राजनीति में भी गहरी रूचि दिखा रहे हैं। पंचायत चुनाव लड़ने वालों में बड़ी संख्या में युवा उम्मीदवार हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : अलगाववादियों के बहकावे में बेशक कश्मीर में कुछ युवा आतंकी संगठनों में शामिल हो रहे हैं, मगर राज्य की तस्वीर इससे बहुत जुदा है। यहां के सैकड़ों युवा विकास में अपना योगदान देना चाहते हैं। यही कारण है कि पहले जहां उन्होंने स्थानीय निकाय चुनावों में बढ़चढ़ कर भाग लिया। वहीं अब ग्रामीण राजनीति में भी गहरी रूचि दिखा रहे हैं। पंचायत चुनाव लड़ने वालों में बड़ी संख्या में युवा उम्मीदवार हैं।
राज्य में नौ चरणों में पंचायत चुनाव हो रहे हैं। चरणों के लिए अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। पहले चरण के लिए एक हजार से अधिक उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। अन्य चरणों के लिए अभी प्रक्रिया चल रही है। इसमें पच्चीस से पैंतीस साल तक की आयु वर्ग के युवाओं की बहुत बड़ी संख्या में है। आधे से अधिक उम्मीदवार युवा हैं। जिन पंचायतों के लिए अभी अधिसूचना जारी नहीं हुई है, उनमें भी कई युवा दावेदार है। आरएस पुरा, बिश्नाह, अखनूर, ज्यौड़ियां, मजालता, थियाल, डालसर, अमरोह, कघोट, किडमू, थलोरा सहित कई पंचायतें ऐसी हैं जहां पर युवा चुनाव लड़ रहे हैं।
जम्मू के खौड़ की पंचायत कलादन से सुखदेव सिंह चुनाव लड़ रहे हैं तो ऊधमपुर जिले की सुलह से राजेंद्र कुमार, अखनूर के अंबारां से नेहा शर्मा और रेवती शर्मा चुनाव लड़ रही हैं। अंबारा पंचायत से सरपंच का चुनाव लड़ रही रेवती शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट हैं। उनका कहना है कि वह सरपंच बनकर अपने क्षेत्र का विकास करवाना चाहती है। उन्हें लगता है कि एक शिक्षित उम्मीदवार अच्छी तरह से विकास करवा सकता है। यहीं से पंच का चुनाव लड़ रही नेहा शर्मा भी पोस्ट ग्रेजुएट हैं। उनका कहना है कि राजनीति में आना मकसद नहीं है। बल्कि विकास में अपना योगदान देना अहम है। दोनाें ही युवा उम्मीदवार है। परगवाल से युवा प्रशांत शर्मा चुनाव लड़ रहे हैं। इसी तरह सुलाह पंचायत से युवा एडवोकेट हरजीत चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे कई उम्मीदवार हैं जो कि शिक्षित हैं और पंच-सरंपच के चुनाव में भाग ले रहे हैं। हालांकि अभी पांच चरणों के लिए अधिसूचना जारी होनी है और इनके लिए नामांकन भरे जाने हैं। मगर पहले तीन चरणों में जिस तरह से उम्मीदवार नामांकन भर रहे हैं, उससे यह साफ है कि इस बार ग्रामीण राजनीति में युवाओं का दबदबा होगा। साठ से सत्रह प्रतिशत उम्मीदवार युवा हैं। कई उम्मीदवार मात्र ऐसे हैं जो कि अभी पच्चीस वर्ष से अधिक हुए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह जम्मू कश्मीर के लिए अच्छी बात है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पंच-सरंपच बनने के लिए युवाओं में जोश हैं। पहले इसमें युवा कम ही चुनाव लड़ते थे। मगर इस बार युवाओं की भागीदारी काफी अच्छी है। इन चुनावों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण है। ऐसे में महिला पंच-सरंपच भी बड़ी संख्या में चुन कर आएंगी। राज्य में करीब चालीस हजार पंच-सरपंच चुन कर आएंगे।