जम्मू कश्मीर में चतुर्थ श्रेणी के 8575 पदों के लिए 404873 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे
जम्मू कश्मीर में चतुर्थ श्रेणी के 8575 पदों के लिए 404873 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे है। कहने का मतलब यह है कि एक पद के लिए 47 उम्मीदवार मैदान में है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । जम्मू कश्मीर में चतुर्थ श्रेणी के 8575 पदों के लिए 404873 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे है। कहने का मतलब यह है कि एक पद के लिए 47 उम्मीदवार मैदान में है। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू कश्मीर में पहली बार सरकारी नौकरियों के लिए पद भरे जाने है। पारदर्शिता को बढ़ावा देते हुए इस बार सिर्फ लिखित परीक्षा ही होगी और साक्षात्कार नहीं होगा। युवाओं में भारी उत्साह देखने को मिला है। दस जुलाई से शुरू हुई आवेदन करने की अंतिम तिथि समाप्त हो गई है सर्विस सिलेक्शन बोर्ड पदों को भरने के लिखित परीक्षा की तिथि की घोषणा बाद में करेगा। चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए रिकार्ड संख्या में 727500 उम्मीदवारों ने पंजीकरण करवाया था लेकिन करीब तीन लाख से अधिक उम्मीदवारों ने फीस के साथ आन लाइन आवेदन नहीं किया जिस कारण वे बाहर हो गए।
हालांकि जम्मू कश्मीर में समय समय पर बहुत बढ़ी संख्या में उम्मीदवार पदों के लिए आवेदन करते है लेकिन इस बार तो रिकार्ड ही टूट गए है। यह बढ़ती बेरोजगारी के परिणाम तो हैं ही साथ ही साक्षात्कार समाप्त होने के बाद युवाओं में पारदर्शिता से नियुक्तियां होने की उम्मीद भी बढ़ी है। जम्मू कश्मीर में एक अनुमान के अनुसार साढ़े छह लाख युवा बेरोजगार है जिनमें दसवीं, बारहवीं, ग्रेजुएट, पीजी और पीएचडी के अलावा प्रोफेशनल कोर्स इंजीनियरिंग, एमबीबीएस, बीडीएस आदि भी शामिल है। जम्मू कश्मीर में प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के साधन काफी कम है इसलिए अधिकतर युवाओं की कोशिश सरकारी नौकरी हासिल करने की होती है।
प्रोफेशनल कोर्स करने वाले युवा तो बाहरी राज्यों या विदेश का रूख कर लेते है लेकिन कम पढ़े लिखे युवा आज के समय में भी सरकारी नौकरी ही ढूंढते है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री यह कई बार कहते आए है कि सभी काे सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती है। अब प्रधानमंत्री ने कौशल विकास को बढ़ावा देना शुरु किया है। वह कह चुके है कि हम रोजगार हासिल करने के बाजाए रोजगार देने वाला बनना होगा। उद्यमी बनना होगा। स्टार्ट अप को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। यह वो रास्ते है जो बेरोजगारी पर अंकुश लगा सकते है।