जम्मू कश्मीर के 40 फीसद सरकारी स्कूलों में नहीं हैं दिव्यांगों के लिए रैंप
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में चालीस फीसद सरकारी स्कूलों में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए रैंप नहीं है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में चालीस फीसद सरकारी स्कूलों में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए रैंप नहीं है। जम्मू कश्मीर में कुल 23112 सरकारी स्कूलों में से 13659 स्कूलों में ही रैंप बन पाए है।हालांकि जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद दिव्यांग अधिकार कानून 2016 लागू है। कानून में स्पष्ट तौर पर प्रावधान है कि सभी स्कूलों में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए रैंप होने चाहिए।
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव अगसर सेमून ने विभाग के जम्मू, कश्मीर के निदेशकों, सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों, जोनल शिक्षा अधिकारियों से कहा कि वे यह सुनिश्चित बनाए कि चार सप्ताह के भीतर सभी स्कूलों में रैंप बन कर तैयार हो जाने चाहिए। स्कूलों में इमारतों का निर्माण बिना रैलिंग या रैंप के लिए नहीं होना चाहिए। मौजूदा आंकड़ों के अनुसार, अनंतनाग में 1556 सरकारी स्कूलों में से 567 स्कूलों में रैंप नहीं है। इस तरह से बांडीपोरा में 795 में से 496, बारामुला में 1975 में से 793, बड़गाम में 1270 में से 712, डोडा में 1246 में से 926, गांदरबल में 575 में से 262, जम्मू में 1574 में से 716, कठुआ में 1454 में से 797, किश्तवाड़ में 812 में से 621, कुलगाम में 807 में से 341, कुपवाड़ा में 1844 में से 1068, पुंछ में 1494 में से 1265, पुलवामा में 885 में से 507, राजौरी में 1722 में से 1418, रामबन में 872 में से 643, रियासी में 1129 में से 724, सांबा में 503 में से 133, शोपियां मं 529 में से 216, श्रीनगर में 554 में से 396, ऊधमपुर में 1516 में से 1058 स्कूलों ने रैंप नहीं बनाए है।
विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि कानून का उल्लंघन करने वाले को दस हजार का जुर्माना हाेगा जो अधिकतम पांच लाख तक हो सकता है। सभी सरकारी स्कूलों के अध्यक्षों से कहा गया है कि वे दिव्यांगों को शिक्षा के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध करवाएं। चार सप्ताह के अंदर अंदर रैंप बनाए जाएं या उनकी मरम्मत की जाए। इसके लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए है। स्कूली इमारत या खेल मैदान की तरफ से जाने वाला रास्ता समतल होना चाहिए।