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जम्मू-कश्मीर में 38 पाकिस्तानी आतंकी सक्रिय, सुरक्षाबलों ने पहचान की, जल्द करेंगे खात्मा

कश्मीर घाटी में इस समय 38 पाकिस्तानी आतंकी सक्रिय हैं। इन सभी आतंकियों की पहचान कर ली गई है। जल्द ही इन सभी के खात्मे के लिए अभियान छेड़ दिया जाएगा। कश्मीर में सक्रिय कुल 38 आतंकियों में से 27 आतंकियों का संबंध आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से है

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sat, 13 Nov 2021 03:43 PM (IST)Updated: Sat, 13 Nov 2021 08:42 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में 38 पाकिस्तानी आतंकी सक्रिय, सुरक्षाबलों ने पहचान की, जल्द करेंगे खात्मा
सभी आतंकियों की पहचान कर ली गई है। जल्द ही इन सभी के खात्मे के लिए अभियान छेड़ दिया जाएगा।

जम्मू, जेएनएन। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सीमा पार देश पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। यहीं वजह है कि गुलाम कश्मीर में पाकिस्तान ऐसे कईं आतंकवादी कैंप चला रहा है यहां पर आतंकवादियों को प्रशिक्षण दिया जाता है।

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पाकिस्तानी रेंजर इन आतंकियों की भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करवाने में भी पूरी मदद करते हैं। हालांकि सीमा पर सतर्क भारतीय सेना के जवान पाकिस्तान की इस नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। बावजूद इसके कुछ आतंकी स्थानीय गाइड की मदद से घुसपैठ करने में कामयाब रहते हैं जो आए दिन प्रदेश में घुसपैठ के दौरान सुरक्षाबलों द्वारा मार गिराए जाते हैं।

कश्मीर घाटी में इस समय 38 पाकिस्तानी आतंकी सक्रिय हैं। इन सभी आतंकियों की पहचान कर ली गई है। जल्द ही इन सभी के खात्मे के लिए अभियान छेड़ दिया जाएगा।

कश्मीर घाटी में इस समय 38 पाकिस्तानी आतंकी सक्रिय हैं। इन सभी आतंकियों की पहचान कर ली गई है। जल्द ही इन सभी के खात्मे के लिए अभियान छेड़ दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, कश्मीर में सक्रिय कुल 38 आतंकियों में से 27 आतंकियों का संबंध आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से है जबकि 11 आतंकी जैश-ए-मोहम्मद से संबंधित बताए जा रहे हैं। इन सभी आतंकियों पर सुरक्षाबलों ने पैनी नजर रखी हुई है। ये सभी किन-किन क्षेत्रों में सक्रिय है इसका आंकड़ा जुटाया जा रहा है।

अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, कश्मीर में सक्रिय ये आतंकी श्रीनगर, पुलवामा, बारामुला और कुलगाम जिलों में अपना नेटवर्क बढ़ाने की फिराक में हैं। इनमें से अधिकतर आतंकी इस समय घने जंगलों की ओड़ में छिपे हुए हैं ताकि मौका मिलते ही वे अपनी नापाक गतिविधियों को अंजाम दे सकें। सुरक्षाबल और सुरक्षा एजेंसियां इनकी तमाम गतिविधियों से परिचित है। यही वजह है इनके खात्मे के लिए स्पेशल ग्रुप बनाया गया है। स्पेशल ग्रुप का गठन हाल ही में गत अक्टूबर महीने में टारगेट किलिंग की बढ़ रही घटनाओं के बाद किया गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों की मदद करने वाले ओवरग्राउंड वर्करों पर भी कड़ी नजर रखी हुई है। 

प्रदेश में फैले आतंकवादी के खात्मे के लिए स्पेशल ग्रुप के अलावा टेरर मानिटर ग्रुप (टीएमजी) का भी गठन किया गया है। यह ग्रुप आतंकवादी विरोधी अभियानों में विशेष सहयोग करेगा।


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