धारा 35-ए गैर संवैधानिक : अंकुर
राज्य ब्यूरो, जम्मू : इकजुट जम्मू संस्था के चेयरमैन एडवोकेट अंकुर शर्मा का कहना है कि 35-
राज्य ब्यूरो, जम्मू : इकजुट जम्मू संस्था के चेयरमैन एडवोकेट अंकुर शर्मा का कहना है कि 35-ए भारत में मुस्लिम राज्य बनाने का एक अनुच्छेद है। देर से ही सही लेकिन एक दिन सर्वोच्च न्यायालय भी इसे गैर संवैधानिक घोषित करेगा।
उन्होंने कहा कि अगर भारत को लोकतांत्रिक देश रहना है और सभी को एक समान अधिकार देना है तो इस अनुच्छेद को हटाना ही होगा। वह जम्मू में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। अनुच्छेद 35-ए ने यह साबित कर दिया है कि संविधान का संशोधन संसद की सहमति के बगैर भी हो सकता है। यह भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरा है। अनुच्छेद 35-ए ने जम्मू-कश्मीर में रहने वाले गैर मुसलमानों को द्वितीय श्रेणी का नागरिक बनाकर रख दिया है। यहां पर रहने वाली महिलाओं को कोई भी अधिकार नहीं है। उन्हें पुरुषों की दया पर निर्भर रहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अंकुर शर्मा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया केस में यह साफ हुआ है कि जम्मू कश्मीर में बहुमत में होने के बावजूद ¨हदू, सिख, बुद्धिस्ट, क्रिश्चियन और जैन समुदाय के लोगों को जो अधिकार मिलने थे। वे यहां पर मुसलमानों को मिल रहे हैं। अनुच्छेद 35-ए ने यह सुनिश्चित बनाया है कि जम्मू कश्मीर विधानसभा इस्लामिक बनी रहे। इसने विधानसभा को भारत के नागरिकों के खिलाफ वे अधिकार दिए हैं, जो संसद के पास भी नहीं हैं। इसमें यह साफ है कि राज्य विधानसभा भारत के लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन कर सकती है। यह ऐसे अधिकार हैं जो विश्व में किसी भी लोकतांत्रिक देश के पास नहीं है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों को चेतावनी दी कि वे 35-ए के मुद्दे पर किसी एक विशेष समुदाय को खुश करने की कोशिश न करें। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राज्य विधानसभा का कोई भी लेना देना नहीं है। संसद कभी भी इस अनुच्छेद को हटा सकती है। उन्होंने कहा कि इकजुट जम्मू देश के सभी राष्ट्रभक्त लोगों को एकजुट करेगी ताकि जम्मू कश्मीर में भी सभी समुदाय के लोगों को एक समान अधिकार मिले।