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Lockdown Effect: जम्मू-कश्मीर में अभी तक 3 विशेष ट्रेनों से पहुंचे 3287 लोग, क्वारंटाइन केंद्रों में भेजा

आज आए लोगों में 316 लोग कुलगाम से 275 रामबन से 131 श्रीनगर से 122 कठुआ से 91 ऊधमपुर से 58 पुंछ से 44 राजौरी से 31 बडगाम 22 बारामुला 21 अनंतनाग 17 सांबा और 13 जम्मू से थे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 03:20 PM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 03:20 PM (IST)
Lockdown Effect: जम्मू-कश्मीर में अभी तक 3 विशेष ट्रेनों से पहुंचे 3287 लोग, क्वारंटाइन केंद्रों में भेजा

जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में पिछले दो दिनों में विशेष ट्रेनों से अभी तक 3287 लोग पहुंच चुके हैं। गाेवा, बेंगलुरू और दिल्ली से सीधा ऊधमपुर पहुंचे इन लोगों के सैंपल लेने के बाद एसआरटीसी की बसों से सभी को उनके जिलों में भेज दिया गया है, जहां अगले 14 दिनों तक उन्हें क्वारंटाइन में रखा जाएगा। इस दौरान उनके लिए गए सैंपल की रिपोर्ट भी आ जाएगी। आज सुबह 5.30 बजे दिल्ली से ऊधमपुर पहुंची ट्रेन में करीब 1216 लोग आए थे। नियमों के अनुसार इन लोगों ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाए गए जांच केंद्रों में सैंपल दिए और उसके बाद उन्हें एसआरटीसी की बसों से उनके जिलों के लिए रवाना कर दिया।

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आज आए लोगों में 316 लोग कुलगाम से, 275 रामबन से, 131 श्रीनगर से, 122 कठुआ से, 91 ऊधमपुर से, 58 पुंछ से, 44 राजौरी से, 31 बडगाम, 22 बारामुला, 21 अनंतनाग, 17 सांबा और 13 जम्मू से थे। एसआरटीसी बसों से इन लोगों को उनके जिलों में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में ले जाया गया है, जहां उन्हें निर्धारित समयावधि तक रखे जाने के बाद घर भेजा जाएगा। हालांकि घर जाने के बाद भी उन्हें करीब दो सप्ताह सेल्फ क्वारंटाइन रहना पड़ेगा। आज शाम को गोवा से एक अन्य ट्रेन भी पहुंच रही है, जिसमें इतने ही लोग पहुंच रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि 14 मई को भी दोपहर 2:00 बजे नागपुर रेलवे स्टेशन से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों, छात्रों, प्रवासियों और मजदूरों को लेकर एक विशेष श्रमिक ट्रेन निर्धारित की गई है। ये वे लोग हैं, जो लॉकडाउन के चलते पिछले दो महीनों से वहां फंसे हुए थे।

गत मंगलवार को भी जम्मू कश्मीर के विभिन्न जिलों के 2049 लोगों को लेकर बेंगलुरु और गोवा से दो श्रमिक स्पेशल ट्रेनें ऊधमपुर पहुंची थी। रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद इन सभी लोगों को बसों के जरिये उनके गृह जिलों में भेज दिया गया। इसके साथ ही दूसरे राज्यों में फंसे जम्मू कश्मीर के लोगों को ट्रेनों से लाने का सिलसिला शुरू हो गया है।

बेंगलुरु से आई ट्रेन में 1003 लोग थे। इसमें 923 कश्मीर, 73 जम्मू संभाग और सात लेह के हैं। गोवा से आई ट्रेन 12 घंटे देरी से रात आठ बजे आई। इसमें 1046 यात्री आए। देर रात तक इस टेन के यात्रियों को पंजीकरण व गृह जिलों को भेजने की प्रक्रिया जारी थी। बेंगलुरु से आई ट्रेन जब सुबह 11:30 बजे ऊधमपुर स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर तीन पर रुकी तो इसमें सवार लोगों के चेहरे चमक उठे। हालांकि, इसे सुबह आठ बजे आना था। इनमें से अधिकतर विद्यार्थी और आइटी कंपनी में काम करने वाले लोग व श्रमिक थे। सभी लोगों को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का पालन कराया गया। सभी का पंजीकरण हुआ। इसके बाद उन्हें होल्डिंग एरिया में ले जाया गया। हर कोच के बाहर एक पंजीकरण बूथ और हर बूथ पर दो डाटा एंट्री ऑपरेटर तैनात थे। यात्रियों को पानी की बोतल और बिस्किट दिए गए।

होल्डिंग एरिया में हर जिले की अलग जगह : ट्रेन से आने वाले लोगों के लिए स्टेशन परिसर में होल्डिंग एरिया बनाया गया है। इसमें हर जिले के लिए अलग क्षेत्र निर्धारित किया गया था। जम्मू और कश्मीर संभाग के स्तर पर भी लोगों को अलग किया गया। होल्डिंग एरिया में जिले और जाने के रास्ते के स्टैंड फ्लेक्स लगाए गए थे।

22 डिबोर्डिग एरिया : ट्रेन के हर कोच के बाहर 22 डिबोर्डिग एरिया बनाए गऐ। हर डिबोर्डिग एरिया में कोच के गेट के बाहर पंजीकरण के लिए 22 काउंटर थे। यहां लोगों को उनके जिलों की बस का नंबर देकर होल्डिंग एरिया में भेजा गया। स्टेशन परिसर में सैनिटाइजिंग टनल है। बसों के लिए ट्रांसपोर्ट एरिया बनाया गया। 


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