शुक्रिया जम्मू कश्मीर.. घर पहुंचाने में मदद के लिए
लॉकडाउन के कारण तीन महीने राज्य के विभिन्न भागों में फंसे ओडिशा के 311 श्रमिकों को तीन चार्टर्ड विमानों से से उनके घरों को भेज दिया गया। ओडिशा सरकार ने जम्मू कश्मीर प्रशासन के सहयोग से यह व्यवस्था की थी। इसका खर्च ओडिशा सरकार ने वहन किया।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : लॉकडाउन के कारण तीन महीने राज्य के विभिन्न भागों में फंसे ओडिशा के 311 श्रमिकों को तीन चार्टर्ड विमानों से से उनके घरों को भेज दिया गया। ओडिशा सरकार ने जम्मू कश्मीर प्रशासन के सहयोग से यह व्यवस्था की थी। इसका खर्च ओडिशा सरकार ने वहन किया।
घर को जाते समय वह बेहद खुश थे। इन श्रमिकों में से अधिकांश तो ऐसे थे जो कि पहली बार हवाई मार्ग से जा रहे थे। एयरपोर्ट के अंदर जाना भी उनके लिए एक सुखद अनुभव था। उन्होंने अपने गृह प्रदेश जाने से पहले मदद करने के लिए जम्मू कश्मीर सरकार को शुक्रिया बोला। लॉकडाउन के चलते प्रदेश में ओडिशा के नौ सौ से अधिक श्रमिक फंसे हुए थे। हालांकि, प्रशासन और गैर सरकारी संगठन इन श्रमिकों का पूरा ख्याल रख रहे थे और उन्हें खाना-पीना भी दे रहे थे। इन श्रमिकों को वफा फाउंडेशन का भी साथ मिला। संगठन ने भी ओडिशा सरकार के साथ समन्वय स्थापित करने का काम किया। श्रमिकों की पूरी सूची तैयार की गई।
श्रमिकों लेकर एयर एशिया की पहली फ्लाइट सुबह 10.08 बजे जम्मू एयरपोर्ट से रवाना हुई। इसमें 111 श्रमिक बैठे। दूसरी फ्लाइट सुबह 10.47 बजे गई, जिसमें 92 श्रमिक थे। 11.57 बजे तीसरी फ्लाइट से 108 श्रमिक भेजे गए। जम्मू एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के डायरेक्टर प्रभात रंजन ब्यूरिया ने बताया कि 311 श्रमिकों को भेजा गया है। इस मौके पर जम्मू के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर ताहिर फिरदौस भी पहुंचे हुए थे। शेष श्रमिक पहले ही ट्रेनों से अपने गृह प्रदेश जा चुके हैं। फोन आया तो खुशी से झूम उठा
श्रमिक संतोष बोडाह ने बताया कि उन्होंने घर वापसी के लिए सरकार के पोर्टल पर पंजीकरण कराया था। एक दिन उन्हें ओडिशा सरकार से फोन आया कि उनकी वापसी के लिए जहाज का प्रबंध किया गया है। वह खुश हो गए कि आखिर दो महीने बाद उनका नंबर आ गया है। वह भी विमान से जाने का। लॉकडाउन ने उन्हें बेरोजगार कर दिया है। वह जम्मू के पक्का डंगा क्षेत्र में रहते थे। उनके साथ 45 अन्य लोग भी थे। हालात ठीक होने के बाद वे फिर से जम्मू आएंगे। यहां के लोगों ने खूब मदद की
श्रमिक लक्ष्मण प्रधान ने बताया कि यहां पर खाने की भी समस्या हो रही थी। अभी रहना मुश्किल हो रहा था। पवित्र साहू ने कहा कि फिलहाल यहां कोई काम नहीं था। परिवार को चलाना मुश्किल हो रहा था। ओडिशा सरकार का धन्यवाद है कि अब घर जा रहा हूं। अली अकबर खान ने कहा कि दोनों सरकारों का शुक्रिया करता हूं। भीमसेन राणा ने बताया कि हम कोशिश कर रहे थे कि किसी तरीके से घर पहुंच जाऊं। अब जहाज पर जा रहा हूं। सरकार की मदद के बगैर घर नहीं पहुंच पाता। यहां के लोगों ने भी बहुत मदद की है। -----
ओडिशा सरकार ने इन श्रमिकों के लिए तीन फ्लाइट भेजी थीं। हमने उन्हें जहां पर भी वे किराये के मकानों में रह रहे थे, वहां से उन्हें एयरपोर्ट तक पहुंचाने में मदद की। सभी को रवाना करने से पहले स्वास्थ्य विभागा की टीमों ने स्क्रीनिग की। ओडिशा के करीब 600 लोग पहले से ही ट्रेन से घरों में चले गए थे।
-जाहिर फिरदौस, एडिशनल डिप्टी कमिश्नर जम्मू
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