Coronavirus: कोरोना की चपेट में ज्यादा बुजुर्ग पर संक्रमित युवाओं से खतरा अधिक
कोरोना पॉजीटिव मरीजों की संख्या के आंकड़ों के आधार पर संबधित अधिकारी बताते हैं कि 65 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों की आयु 50 साल से ज्यादा है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर में कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले ज्यादातर बुजुर्ग हैं, लेकिन संक्रमित युवा दूसरों के लिए ज्यादा खतरा बने हुए हैं। प्रदेश में अब तक 158 (कश्मीर में 128 व जम्मू में 30) लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इसमें से तीन की मौत और छह लोग ठीक हो चुके हैं। इन संक्रमित मरीजों में 70 फीसद 50 वर्ष की आयु वर्ग से अधिक और 30 प्रतिशम कम आयु वर्ग के मरीज हैं। 30 प्रतिशत में सात माह से 14 साल के करीब 10 बच्चे भी शामिल हैं। स्वास्थ विशेषज्ञों के मुताबिक, भले ही प्रदेश में बुजुर्ग मरीज ज्यादा संक्रमित हैं, लेकिन युवा मरीज बुजुर्गों की तुलना में ज्यादा संक्रमण फैला सकते हैं। इसलिए युवाओं को विशेष एहतियात बरतनी चाहिए, क्योंकि जब तक उनमें लक्षण सामने आते हैं, तब तक वह कई लोगों में इस बीमारी को पहुंचा चुके होते हैं।
जम्मू कश्मीर में आबादी के लिहाज से प्रत्येक एक लाख लोगों पर एक कोरोना पॉजिटिव मरीज है, जो प्रदेश में गंभीर हालात को दर्शाने के लिए काफी है। प्रदेश की आबादी लगभग सवा करोड़ है। इस तरह 10 लाख लोगों में 10 संक्रमित हुए। कोरोना वायरस के संक्रमण से जुड़े मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से निपटने के लिए प्रदेश में 11 अस्पतालों को कोविड अस्पताल का दर्जा दिया गया है। पूरे प्रदेश में करीब 40 हजार लोगों को अलग-अलग जगहों पर क्वारंटाइन किया गया है।
कहां कितने फीसद मरीज भर्ती : श्रीनगर में बनाए गए प्रमुख कोविड-19 अस्पताल (सीडी अस्पताल) से संबधित अधिकारियों के अनुसार यहां भर्ती 65 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों की आयु 50 साल से ज्यादा है। श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल में भी उपचार के लिए लाए गए कोरोना पॉजिटिव और कोरोना के संदिग्ध मरीजों में से 70 प्रतिशत की आयु 50 साल से ऊपर ही है। शेरे कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान (सौरा) में भी भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों में 30 प्रतिशत ही 50 साल से कम आयु के हैं। कश्मीर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, अभी तक यही माना जा रहा है कि कोविड-19 सबसे ज्यादा बुजुर्ग लोगों को ही प्रभावित करता है, लेकिन युवा मरीज इस बीमारी को आबादी के एक बड़े हिस्से तक विशेषकर जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कुछ कमजोर हो, में तेजी से फैला सकता है।
युवा शारीरिक दूरी, लॉकडाउन और क्वारंटाइन पर पूरा ध्यान दें : राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में कम्यूनिटी हेल्थ विशेषज्ञ डॉ. शेख मोहम्मद सलीम ने कहा कि युवाओं को ज्यादा एहतियात बरतनी चाहिए। उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जाने-अंजाने उनके जरिए कोरोना वायरस का संक्रमण कमजोर लोगों या जो पहले से बीमार हैं उन तक न पहुंचे। उन्होंने कहा कि युवाओं में कई बार इसके लक्षण देर से सामने आते हैं या कई बार आभास ही नहीं होता और वह इसके कैरियर बनकर घूमते रहते हैं। इसलिए उन्हें क्वारंटाइन, शारीरिक दूरी और लॉकडाउन पर पूरा ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कश्मीर में जो मामले सामने आए हैं, उनमें कई युवा मरीजों पहले पूरी तरह स्वस्थ थे।