जम्मू-कश्मीर पुलिस का बिगड़ा निजाम, विभिन्न विंगों में डीआइजी रैंक के 24 पद खाली
अधिक पद रिक्त होने का मुख्य कारण राज्य पुलिस के अधिकारियों का केंद्र सरकार में डेपुटेशन पर जाना या फिर कई अधिकारियों के पदोन्नति को लेकर कोर्ट में जाने से यह पद भरे नहीं जा सके।
जम्मू, दिनेश महाजन। आतंकवाद ग्रस्त जम्मू कश्मीर में पुलिस विभाग का निजाम बिगड़ा हुआ है। राज्य में पुलिस अधिकारियों विशेषकर डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीआइजी) रैंक के अधिकारियों की भारी कमी है। राज्य पुलिस की विभिन्न विंगों में डीआइजी रैंक के 24 पद खाली हैं, लेकिन डीआइजी रैंक के सिर्फ चार ही अधिकारी हैं। पांच सीनियर सुपङ्क्षरटेंडेंट ऑफ पुलिस (एसएसपी) रैंक के अधिकारियों को इंचार्ज डीआइजी बनाकर विभिन्न रेंज में तैनात किया गया है, जिससे विभाग का कामकाज प्रभावित हो रहा है।
राज्य पुलिस की महत्वपूर्ण विंग स्टेट विजीलेंस आर्गेनाइजेशन को मजबूत बनाने के लिए राज्य प्रशासन ने उसका नाम बदल कर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) रख दिया है। उसमें अन्य विंगों के पुलिस अधिकारियों को लाया गया है, लेकिन राज्य पुलिस के पास डीआइजी न होने से दोनों डीआइजी के पद रिक्तपड़े हुए हैं।
राज्य पुलिस की क्राइम ब्रांच में भी डीआइजी के दोनों पद रिक्त हैं। यह हाल केवल इन्हीं दोनों विंगों का नहीं है बल्कि रेलवे पुलिस, खुफिया विंग सीआइडी, स्टेट डिजास्टर रिस्पांड फोर्स, आमर्ड विंग, इंडियन रिजर्व पुलिस बल, सिक्योरिटी विंग, स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप, तकनीकी विंग में भी डीआइजी रैंक के पद खाली पड़े हैं। इतने अधिक पद रिक्त होने का मुख्य कारण राज्य पुलिस के अधिकारियों का केंद्र सरकार में डेपुटेशन पर जाना या फिर कई अधिकारियों के पदोन्नति को लेकर कोर्ट में जाने से यह पद भरे नहीं जा सके।
केपीएस अधिकारियों की पदोन्नति के बाद समस्या हल होने की उम्मीद: जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा के वर्ष 1999 बैच के 37 केपीएस अधिकारी 20 वर्ष बाद भी डीआइजी नहीं बन पाए हैं। इन अधिकारियों की पदोन्नति को लेकर पुलिस विभाग के कुछ अधिकारी कोर्ट में चले गए थे। कोर्ट में मामला लंबित होने से उन्हें पदोन्नत नहीं किया जा सका। हालांकि राज्य प्रशासन ने इन अधिकारियों की पदोन्नति का रास्ता साफ कर दिया है। माना जा रहा है कि इस बैच के आठ अधिकारियों को जल्द पदोन्नत कर डीआइजी बना दिया जाएगा।
अतिरिक्त प्रभार सौंप कर चलाया जा रहा कामकाज: राज्य पुलिस में थानों का कामकाज देखने वाली कुल सात रेंज हैं। इनमें जम्मू संभाग में जम्मू, कठुआ व सांबा, ऊधमपुर-रियासी, डोडा-किश्तवाड़-रामबन, राजौरी व पुंछ हैं। जबकि कश्मीर संभाग में दक्षिण कश्मीर, उत्तरी कश्मीर व सेंट्रल कश्मीर तीन रेंज है। रेंज स्तर में डीआइजी रैंक के अधिकारी की भूमिका महत्वपूर्ण है। राज्य पुलिस के तीन डीआइजी के अलावा एसएसपी रैंक के चार अधिकारियों को इंचार्ज डीआइजी बनाकर रेंज का कामकाज चलाया जा रहा है। जम्मू संभाग के पुंछ और राजौरी रेंज के इंचार्ज डीआइजी विवेक गुप्ता को जम्मू, कठुआ व सांबा रेंज का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। ऊधमपुर-रियासी रेंज में सुजीत कुमार को इंचार्ज डीआइजी बनाया गया है। जबकि डोडा, किश्तवाड़ व रामबन रेंज का प्रभार भीमसेन टूटी के पास है। कश्मीर संभाग की बात करें तो सेंट्रल कश्मीर के डीआइजी विर्दी कुमार हैं। नॉर्दर्न कश्मीर में इंचार्ज डीआइजी अतुल कुमार तैनात हैं, जबकि दक्षिणी कश्मीर में इंचार्ज डीआइजी सुलेमान चौधरी कामकाज संभाल रहे हैं।
एसएसपी रैंक के अधिकारी पर काम का बोझ अधिक: राज्य पुलिस की विभिन्न विंगों में डीआइजी रैंक के अधिकारी तैनात नहीं होने से उनका कामकाज एसएसपी या फिर आइजीपी रैंक के अधिकारियों को देखना पड़ रहा है। डीआइजी के कामकाज का बोझ इन अधिकारियों के कंधे पर आने से उन पर काम का बोझ बढ़ गया है।
राज्य से डेपुटेशन पर गए डीआइजी
- उत्तम चंद फरवरी 2017 से केंद्र सरकार के अधीन हैं
- केशव राम जून 2012 से सीबीआइ
- सुनील गुप्ता फरवरी 2018 उत्तर प्रदेश पुलिस में सेवा दे रहे हैं
- अमित कुमार फरवरी 2019 में मुठभेड़ के दौरान घायल हो गए थे, इन दिनों छुट्टी पर हैं