Darbar Move: इस बार हार्ड ड्राइव में जाएंगे दरबार मूव के दस्तावेज, 16 मार्च से डिजिटलाइज होगा सचिवालय रिकार्ड
Jammu Kashmir Darbar Move सचिवालय के सभी कार्यालयों के दस्तावेज डिजिटल बनाने की प्रक्रिया के लिए अधिकारियों की तीन टीमें बनाई जाएंगी। पहली टीम ऐसी फाइलों की पहचान करेगी जिन्हें प्राथमिकता के आधार पर डिजिटलाइज करना है। दूसरी टीम स्कैनिंग के लिए सारा बंदोबस्त करेगी।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: इस बार दरबार मूव के साथ विभिन्न विभागों के दस्तावेज साथ नहीं जाएंगे, बल्कि हार्ड ड्राइव में डिजिटल रूप में ले जाया जाएगा। राज्य प्रशासन ने दरबार मूव से जुड़े विभागों को 16 मार्च से अपने सभी दस्तावेजों का डिजिटलीकरण करने के निर्देश दिए हैं।
प्रशासन का यह आदेश बुधवार को आयुक्त सचिव मनोज कुमार द्विवेदी की ओर से जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि विभागों को अपने रिकार्ड व फाइलों को स्कैन व डिजिटलाइज करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेङ्क्षटग प्रोसीजर (एसओपी) का पालन करना होगा। इसके लिए सभी विभागों को अपनाए जाने वाले नियमों के बारे में लिखित में सूचित कर दिया गया है।
दरबार को श्रीनगर ले जाने के लिए तैयारियों के बीच सरकार ने ऐसे 47 विभागों की सूची जारी कर दी है। इन विभागों को जल्द से जल्द अपने रिकार्ड की स्कैनिंग व इसे डिजिटल रूप देने की कार्रवाई करनी है। इन विभागों में कई ऐसे भी हैं, जिनके कार्यालय सचिवालय के बाहर हैं। जम्मू में सचिवालय अप्रैल माह के अंत में बंद हो जाता है। इसके बाद श्रीनगर में सरकार का दरबार मई महीने के पहले सप्ताह में खुल जाता है।
पहले दरबार मूव के साथ दस्तावेजों को ट्रक में भरकर ले जाया जाता था। इस बार फाइलों की जगह हार्ड ड्राइव में डिजिटल रिकार्ड साथ जाएगा। दरबार मूव की प्रक्रिया के दौरान अधिकतर कंप्यूटरों को एक जगह से दूसरी जगह भेजने की प्रक्रिया पहले ही रोक दी गई है। उपराज्यपाल प्रशासन ने सभी सरकारी विभागों के प्रशासनिक सचिव को निर्देश दिए हैं कि वे इस सारी कार्रवाई की निगरानी कर इसे जल्द से जल्द पूरा करने की दिशा में काम करें।
तीन टीमों की निगरानी में होगा काम: सचिवालय के सभी कार्यालयों के दस्तावेज डिजिटल बनाने की प्रक्रिया के लिए अधिकारियों की तीन टीमें बनाई जाएंगी। पहली टीम ऐसी फाइलों की पहचान करेगी, जिन्हें प्राथमिकता के आधार पर डिजिटलाइज करना है। दूसरी टीम स्कैनिंग के लिए सारा बंदोबस्त करेगी। तीसरी टीम की जिम्मेदारी होगी कि कि इस प्रक्रिया को का पूरा हिसाब रखा जाए। इसके लिए हर विभाग अपना एक नोडल अधिकारी भी बनाएगा। नोडल अधिकारी सारी प्रक्रिया का लेखाजोखा रखेगा ताकि रिकार्ड व फाइलों को डिजिटिलाइज करने वाली एजेंसी को भुगतान किया जाए।