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Azad Jammu Kashmir Tour: आजाद कल से जम्मू में, तीन दिन रहेंगे प्रदेश में, प्रदेश में सियासी हलचल तय

तीन दिन के दौरान आजाद 27 फरवरी को जम्मू में गुरु रविदास सभा व गांधी ग्लोबल फैमिली के कार्यक्रम में शामिल होंगे। गुरु रविदास जयंती को लेकर जम्मू में लगाए गए पोस्टरों में आजाद की तस्वीर प्रमुखता से है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 08:23 AM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 10:44 AM (IST)
भाजपा से उनकी नजदीकियां को लेकर भी अटकलों का सियासत गर्म है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: राज्यसभा में सदस्य का कार्यकाल पूरा होने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद पहली बार 26 फरवरी को जम्मू कश्मीर आ रहे हैं। आजाद के इस दौरे को लेकर उनके करीबी और समर्थकों में जबर्दस्त उत्साह है। उनके जोरदार स्वागत के लिए रैली निकालने की भी तैयारी है। जम्मू में वह सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। कुछ कार्यक्रमों के जरिये वह ऐसे समुदाय के लोगों से भी जुड़ेंगे, जिनसे उनका पुराना नाता रहा है। इस सबके जरिये वह राजनीति में अपनी अहमियत और कद भी दिखाएंगे।

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तीन दिन के दौरान आजाद 27 फरवरी को जम्मू में गुरु रविदास सभा व गांधी ग्लोबल फैमिली के कार्यक्रम में शामिल होंगे। गुरु रविदास जयंती को लेकर जम्मू में लगाए गए पोस्टरों में आजाद की तस्वीर प्रमुखता से है। वह 28 फरवरी को गुज्जर देश चैरिटेबल ट्रस्ट के उस हॉल का भी उद्घाटन करेंगे, जिसे बनवाने में उन्होंने जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री रहने के दौरान सहयोग दिया था। इन कार्यक्रमों में आजाद को सम्मानित भी किया जाएगा। उनका जम्मू में दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीए मीर जम्मू में ही डेरा डाले हैं और पार्टी संगठन को मजबूत बनाने में जुटे हुए हैं।

प्रदेश में कांग्रेस के मौजूदा सियासी हालात में आजाद का दौरा और भी अहम हो जाता है। इस समय आजाद दिल्ली में कांग्रेस की सियासत में नजरअंदाज किए जा रहे हैं। कांग्रेस के महासचिव के रूप में उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद से उन्हें कोई अहम जिम्मेदारी भी नहीं दी गई है। उनका राज्यसभा में कार्यकाल भी पूरा हो चुका है। इसके बाद उनके राज्यसभा सदस्य के लिए उम्मीदवार भी नहीं बनाया गया। इस सबके बीच भाजपा से उनकी नजदीकियां को लेकर भी अटकलों का सियासत गर्म है।

प्रदेश कांग्रेस में सियासी हलचल तय: राज्यसभा में उनकी विदाई के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मिली तारीफ और इसके बाद एक सरकारी कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के नजदीक देखे जाने के बीच कांग्रेस के इस दिग्गज नेता के जम्मू कश्मीर दौरे के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। दिल्ली में हुए इस कार्यक्रम में आजाद के समर्थन में नारे भी लगे थे। आजाद के दौरे से प्रदेश कांग्रेस की अंदरूनी सियासत में हलचल होना तय है।

प्रदेश कांग्रेस को सूचना तक नहीं: गुलाम नबी आजाद तीन दिन के लिए प्रदेश दौरे पर आ रहे हैं। दिलचस्प यह भी है कि आजाद के जम्मू आने पर प्रदेश कांग्रेस स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कह रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार आजाद के तीन दिन के कार्यक्रम के बारे में आधिकारिक तौर पर प्रदेश कांग्रेस को कोई सूचना नहीं है। पार्टी नेताओं का कहना है कि वह सामाजिक संगठनों के बुलाने पर जम्मू आ रहे हैं।

जम्मू संभाग में अच्छा प्रभाव है आजाद का: आजाद जम्मू कश्मीर में कांग्रेस की राजनीति में अहम स्थान रखते हैं। प्रदेश कांग्रेस में पिछले दो दशक से कश्मीर के नेताओं का पलड़ा भारी रहा है। जीए मीर से पहले सैफुद्दीन सोज व उनसे पहले भी प्रदेश कांग्रेस की कमान पीरजादा मोहम्मद सईद के हाथ में थी। ये सभी नेता कश्मीर से हैं। जम्मू कश्मीर में जम्मू संभाग से पहले मुख्यमंत्री बनने वाले गुलाम नबी आजाद जम्मू क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं। 


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