जम्मू-कश्मीर में पिछले साल 213 आतंकी मारे गए
पाकिस्तानी सेना ने मंगलवार को भी उप जिला नौशहरा के लाम, कलाल, झंगड़ व कलसिया सेक्टर में गोलाबारी की। झंगड़ सेक्टर में कई मोर्टार लोगों के घरों पर आकर गिरे।
जम्मू, [जागरण संवाददाता]। पाकिस्तानी सेना ने मंगलवार को भी उप जिला नौशहरा के लाम, कलाल, झंगड़ व कलसिया सेक्टर में गोलाबारी की। झंगड़ सेक्टर में कई मोर्टार लोगों के घरों पर आकर गिरे। भारतीय सेना ने भी पाक सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया। देर शाम तक सीमा पर रुक-रुककर गोलाबारी जारी रही।
पाकिस्तान सेना बीती रात से ही भारतीय सैन्य चौकियों को निशाना बनाने के साथ-साथ रिहायशी क्षेत्रों पर गोलाबारी कर रही है। गोलाबारी के दौरान मोर्टार का एक शेल झंगड़ सेक्टर में मीर हुसैन पुत्र फतेह मुहम्मद के घर पर आकर गिरा। इससे घर के बाहर मवेशियों के लिए रखी काफी मात्रा में घास जल गई और मकान को भी नुकसान पहुंचा। दमकल विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। आग आसपास के क्षेत्रों में फैलती तो काफी नुकसान हो सकता था। इसके बाद भारतीय सेना ने भी पाक को करारा जवाब दिया। इसके बावजूद पाक सेना भारतीय क्षेत्रों में गोलाबारी कर रही है। उल्लेखनीय है कि पिछले एक माह से पाक सेना गोलाबारी कर आतंकियों की घुसपैठ करवाने का प्रयास कर रही है, लेकिन भारतीय सेना उसे हर बार नाकाम बना रही है।
पिछले साल 213 आतंकी मारे गए
राज्य में आतंकवाद और हिंसा फैलाने में विदेशी हाथ होने का पर्दाफाश हुआ है। जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में विदेशी आतंकियों का हाथ अधिक है। पिछले वर्ष 2017 में जम्मू-कश्मीर में स्थानीय आतंकियों की तुलना में विदेशी आतंकी मारे गए है। इसका खुलासा सूचना अधिकार कानून के तहत प्राप्त जानकारी से हुआ है। आरटीआइ कार्यकर्ता रमन शर्मा की तरफ से मांगी गई जानकारी के जबाव में केंद्रीय गृह मंत्रालय के चीफ पब्लिक इंफारमेशन अधिकारी ने बताया है कि जम्मू-कश्मीर में 2017 में 342 आतंकी घटनाएं हुई। पिछले वर्ष 213 आतंकी मारे गए। इनमें 127 विदेशी और 86 स्थानीय आतंकी शामिल थे। इन घटनाओं में 150 लोगों की मौत हुई। इस दौरान 80 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 226 घायल हो गए। वर्ष 2016 में 82 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे और 219 घायल हो गए थे। यह भी बताया गया है कि एक जनवरी 2015 से लेकर 31 दिसंबर 2017 के बीच सिर्फ तीन आतंकियों ने आत्मसमर्पण किया है। वर्ष 2017 में दो आतंकियों ने आत्मसमर्पण किया था। आरटीआइ कार्यकर्ता का कहना है कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की स्थानीय आतंकियों को हिंसा का रास्ता छोड़ देने की अपील का भी कोई असर नहीं हो रहा है। इस बात से इसका पता चलता है कि पिछले वर्ष मात्र दो आतंकियों ने आत्मसमर्पण किया है।
फायरिंग में पत्थरबाजों की मौत की जांच शुरू
जिला मजिस्ट्रेट शोपियां ने सोमवार को सैन्यकर्मियों की फायरिंग में दो पत्थरबाजों की मौत की जांच शुरू कर दी है। जिला मजिस्ट्रेट ने लोगों से आग्रह किया है कि जो कोई भी इस मामले में तथ्यों के साथ अपना पक्ष रखना चाहता है वह 30 जनवरी 2017 से एक सप्ताह तक अपने बयान दर्ज करा सकता है। इस बीच, राज्य पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने शोपियां मामले में एफआइआर का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें किसी सैन्य अधिकारी को चिन्हित नहीं किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।गौरतलब है कि 27 जनवरी को शोपियां के गनवनपोरा में आतंकियों की समर्थक भीड़ ने एक सैन्य काफिले पर हमला किया था। हिंसक भीड़ ने सैन्य वाहनों को जलाने का प्रयास करने के अलावा एक जेसीओ को भी पीट-पीटकर मौत के घाट उतारने की कोशिश की थी। हालात बेकाबू होते देखकर जवानों ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी, जिसमें दो पत्थरबाज मारे गए थे। इसके बाद पूरे दक्षिण कश्मीर में तनाव पैदा हो गया और मामला भी सियासी तूल पकड़ गया। राज्य पुलिस ने इस घटना के संदर्भ में जहां सेना के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करते हुए एक मेजर व उसके अधीनस्थ सैन्यकर्मियों को एफआइआर में नामजद किया, वहीं राज्य सरकार ने पूरे मामले की न्यायिक जांच का आदेश जारी करते हुए जिला मजिस्ट्रेट को 20 दिन में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। जिला मजिस्ट्रेट शोपियां ने सोमवार को सभी लोगों से आग्रह किया कि अगर कोई 27 जनवरी को गनवनपोरा में हुई घटना के संदर्भ में पक्ष रखना चाहता है या घटना के बारे मे कोई जानकारी देना चाहता है तो वह 30 जनवरी से एक सप्ताह के भीतर अपना बयान जिला मजिस्ट्रेट शोपियां के कार्यालय में आकर दर्ज करा सकता है।इस बीच, डॉ. एसपी वैद ने एक ट्वीट के जरिए स्पष्ट किया कि शोपियां मामले में दर्ज एफआइआर में किसी सैन्याधिकारी को दोषी या आरोपी के तौर पर चिन्हित नहीं किया गया है। एफआइआर तो जांच प्रक्रिया का एक हिस्सा है। जांच शुरू की जा चुकी है और इसमें पता लगाया जाएगा कि पथराव कब, क्यों हुआ, किसने किया और गोली किसने और क्यों चलाई। जो दोषी होगा, उसे सजा मिलेगी।