Jammu Kashmir: बीमार महिला को चारपाई पर लादकर 15 किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाया
मता गांव के नायब सरपंच राकेश कुमार ने बताया कि सड़क नहीं होने पर लोगों को 15 किलोमीटर पैदल चलकर पौनी से खाने-पीने की सामग्री को पीठ या फिर घोड़ों पर लादकर लाना पड़ता है। जब गांव में कोई बीमार हो जाए तो स्थिति और अधिक खराब हो जाती है।
जुगल मंगोत्रा, पौनी : मता गांव में सड़क नहीं होने पर ग्रामीणों ने एक बीमार महिला को 15 किलोमीटर पैदल चलकर इलाज के लिए चारपाई पर लिटाकर अस्पताल पहुंचाया। महिला को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था। जिसके बाद गांव के लोग इलाज के लिए उसे प्राइमरी हेल्थ सेंटर पौनी लाए थे।
डॉक्टरों ने महिला का प्राथमिक उपचार करने के बाद बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज जम्मू में रेफर कर दिया। वहां महिला का इलाज चल रहा है। आजादी के सात दशक बाद भी अब तक कई गांवों के लोगों को सड़कें नसीब नहीं हुई हैं। रियासी जिले की पौनी तहसील के मता गांव में भी अब तक सड़क की सुविधा नहीं है। गांव के लोगों को किसी भी काम के लिए 15 किलोमीटर पैदल चलकर पौनी आना पड़ता है। मता गांव निवासी सावित्री देवी पत्नी मादो राम को ब्रेन स्ट्रोक होने पर परिवार के लोगों ने आसपास के लोगों को इसकी जानकारी दी।
परिवार वाले व गांव के लोग उसे चारपाई पर लादकर पौनी प्राइमरी हेल्थ सेंटर के लिए चल पड़े। इस बीच परिवार की पीड़ा देखते ही बन रही थी। उन्हें यह डर सता रहा था कि अधिक विलंब होने पर कहीं वे उसे खो न दें, लेकिन वे असहाय थे। क्योंकि गांव में सड़क नहीं होने से कोई वाहन चलता नहीं। अंतत: घंटों पैदल चलकर वे अस्पताल पहुंचे। पिछले कई साल से ग्रामीण गांव में सड़क बनाने की मांग कर रहे हैं।
माड़ी से मता गांव होते हुए टक्की कोट तक साढ़े 17 किमी सड़क निर्माण के लिए मता गांव में पीएमजीएसवाई द्वारा 19 जुलाई 2017 को शिलापट भी लगाए गए हैं, जिस पर निर्माण शुरू होने की तिथि 19 जुलाई 2017 और पूरा होने की तिथि 18 मार्च लिखी गई है। इस सड़क के निर्माण पर 10 करोड़ 31 लाख 65 हजार रुपये खर्च होने थे। लेकिन वन विभाग द्वारा एनओसी न मिलने के कारण यह सड़क नहीं बन पाई, जिससे आज भी लोग दुर्दशा झेलने को विवश हैं। मता गांव के लोगों ने माड़ी नाला क्षेत्र में सड़क निर्माण को लेकर गत दिनों प्रदर्शन भी किया था, लेकिन अब तक सड़क का काम शुरू नहीं हो पाया।
मता गांव के नायब सरपंच राकेश कुमार ने बताया कि सड़क नहीं होने पर लोगों को 15 किलोमीटर पैदल चलकर पौनी से खाने-पीने की सामग्री को पीठ या फिर घोड़ों पर लादकर लाना पड़ता है। खासकर जब गांव में कोई बीमार हो जाए तो स्थिति और अधिक खराब हो जाती है। मरीजों को अस्पताल तक ले जाने में चारपाई का सहारा लेने पड़ता है। सड़क बनने के बाद लोगों को राहत मिल सकती है, लेकिन स्थानीय प्रशासन और सरकार लोगों की समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
मता गांव में सड़क निर्माण के लिए वन विभाग से एनओसी नहीं मिली है। सड़क निर्माण की फाइल सचिवालय में हमने जमा कराई है। जैसे ही वन विभाग से अनुमति मिलती है, सड़क का काम शुरू हो जाएगा। - गुलाम रसूल, एक्सईएन, पीएमजीसएवाई, धरमाड़ी, रियासी
बीमार महिला को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था, जिसका प्राथमिक उपचार करने के बाद जीएमसी जम्मू रेफर कर दिया है। लोग चारपाई पर घंटों पैदल सफर तय कर बीमारी महिला को इलाज के लिए अस्पताल में पहुंचाए थे। - डॉ. कमल जी जाडू, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, पौनी