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Jammu: जन्माष्टमी के लिए कान्हा की पोशाक व मोर मुकुट से सजने लगे बाजार

जन्माष्टमी पर हर कोई अपने बच्चों को बाल गोपाल की वेशभूषा में तैयार करके मंदिर जाता है लेकिन इस बार कोरोना महामारी के बीच मंदिरों में यह रौनक दिखने वाली नहीं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 11:36 AM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 11:43 AM (IST)
Jammu: जन्माष्टमी के लिए कान्हा की पोशाक व मोर मुकुट से सजने लगे बाजार
Jammu: जन्माष्टमी के लिए कान्हा की पोशाक व मोर मुकुट से सजने लगे बाजार

जम्मू, जागरण संवाददाता: रक्षाबंधन के बाद बाजारों में जन्माष्टमी का रंग छाने लगा है। दुकानों पर लड्डू गोपाल सज गए हैं। बाजारों में दुकानों पर लड्डू गोपाल और राधा कृष्ण की प्रतिमाओं की हर रेंज सज चुकी है। राधा कृष्ण की पोशाकों की बिक्री भी शुरू हो गई है। इस बार चूंकि जन्माष्टमी पर मंदिरों के कपाट बंद होंगे, लिहाजा महिलाएं घर के मंदिर सजाने के लिए रंग बिरंगे कागज व अन्य सजावटी सामग्री की खरीदारी में अभी से जुट गई है।

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पुराने शहर का पक्का डंगा बाजार जोकि रक्षाबंधन से पूर्व कई दुकानों पर भगवान कृष्ण के लिए लाल, हरे, पीले, नीले रंगों में गोटे से सजी पोशाकें बिकती नजर आई। बाल गोपाल की पोशाक के साथ-साथ पालना में बैठे कृष्ण भगवान, माखन खाते कान्हा की प्रतिमा भी खूब खरीदी जा रही हैं। भगवान कृष्ण को सजाने के लिए मुकुट, बांसुरी, मोतियों की रंग-बिरंगी माला, बाजूबंद और मोरपंख भी बाजार में मिल रहे हैं। इसके अलावा भगवान के लिए वृंदावन की पगड़ी व झूला बाजार में दिखाई दे रहा है। लड्डू गोपाल को झुलाने के लिए बाजार में रखे झूलें भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। पुराने शहर के सिटी चौक, पुरानी मंडी, राज तिलक मार्ग, मोती बाजार के अलावा गांधी नगर के अप्सरा रोड, गोल मार्केट समेत शहर की विभिन्न कालोनियों में जन्माष्टमी के लिए कान्हा की पोशाक, मोर मुकुट व अन्य सामग्री सज चुकी है और लोग इन दिनों खरीदारी में जुटे हैं।

कीमतें भी काफी कम: इस बार बाजार में बिक्री के लिए स्वदेशी सामग्री ही आई है जिसके दाम भी काफी वाजिब है। भगवान कृष्ण की मूर्ति 100 रुपये से 300 रुपये तक मिल रही हैं। मुकुट 10 रुपये से 50 रुपये, बांसुरी 20 रुपये से 50 रुपये और माला 100 रुपये तक बाजार में बिक रही हैं। मंदिरों में रखे कृष्ण भगवान की पोशाक 30 रुपये से लेकर 200 रुपये तक की रेंज में हैं। मोरपंख और बाजूबंद की कीमत भी 20 रुपये से शुरू है। इसके अलावा रेशम की गद्दी व तकिया भी लोग खरीद रहे है। घर के मंदिरों की सजावट के लिए लोग रंग-बिरंग लड़ियों की भी खरीद कर रहे है जिसके दाम बीस रुपये से शुरू हो जाते है।

इस बार कम ही दिखेंगे बाल-गोपाल: जन्माष्टमी पर हर कोई अपने बच्चों को बाल गोपाल की वेशभूषा में तैयार करके मंदिर जाता है लेकिन इस बार कोरोना महामारी के बीच मंदिरों में यह रौनक दिखने वाली नहीं। कोरोना महामारी के चलते प्रदेश के सभी धार्मिक स्थल सोलह अगस्त से खुलने है। ऐसे में इस बार की जन्माष्टमी लोगों को घरों में ही मनानी पड़ेगी। न तो लोग मंदिरों में जाकर भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मना पाएंगे और न ही इस बार बच्चों को बाल गोपाल बनाकर मंदिरों में ले जाएंगे। इन सबके बावजूद बाजार में बाल गोपाल की पोशाक की मांग नजर आ रही है जो त्योहार को लेकर लोगों के उत्साह को दर्शा रहा है।


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