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जम्मू कश्मीर में बेरोजगारी का आलम; 8575 पदों के लिए 4 लाख से अधिक ने करवाया पंजीकरण

वहीं 79000 उम्मीदवारों ने बोर्ड की वेबसाइट पर जानकारियां हासिल की। बोर्ड ने यह स्पष्ट किया है कि चतुर्थ श्रेणी पदों के लिए अधिकतम योग्यता बारहवीं पास रखी गई है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 01:10 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 01:10 PM (IST)
जम्मू कश्मीर में बेरोजगारी का आलम; 8575 पदों के लिए 4 लाख से अधिक ने करवाया पंजीकरण

जम्मू, राज्य ब्यूरो: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में पढ़े लिखे बेरोजगारों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। रोजगार को लेकर कोई नीति न होने के कारण युवा पिस रहे है। चूंकि जम्मू कश्मीर में प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के साधन नहीं के बराबर है इसलिए युवा सरकारी नौकरियों पर ही निर्भर है।

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बेरोजगारों की बढ़ती संख्या के पुख्ता प्रमाण इससे मिलते है कि जम्मू कश्मीर में चतुर्थ श्रेणी के 8575 पदों के लिए अब तक 404200 उम्मीदवारों ने आन लाइन पंजीकरण करवा लिया है। आवेदन फार्म भरने की प्रक्रिया दस जुलाई से शुरु हुई थी जो 17 अगस्त तक चलेगी। जम्मू कश्मीर सर्विस सिलेक्शन बोर्ड के अनुसार अब तक 205400 उम्मीदवारों ने आवेदन फार्म भर दिए है। वहीं एकाउंट असिस्टेंट के करीब 1900 पदों के लिए अब तक 46100 उम्मीदवारों ने आन लाइन आवेदन कर दिया है।

वहीं 79000 उम्मीदवारों ने बोर्ड की वेबसाइट पर जानकारियां हासिल की। बोर्ड ने यह स्पष्ट किया है कि चतुर्थ श्रेणी पदों के लिए अधिकतम योग्यता बारहवीं पास रखी गई है। इससे अधिक की योग्यता वाले आवेदन नहीं कर सकते है। इस शर्त के बावजूद अब तक चार लाख से अधिक युवाओं का आन लाइन पंजीकरण करवाने से पता चलता है कि आवेदन करने वालों की संख्या भी चार लाख पार कर जाएगी। कड़ी प्रतिस्पर्धा होगी। इस बार सिर्फ लिखित परीक्षा होनी है। कोई साक्षात्कार नहीं होगा। जम्मू कश्मीर सरकार ने विभिन्न विभागों में पदों को चिन्हित करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है।

कमेटी ने ही शुरुआती दौर में करीब दस हजार पदों की पहचान की है जिन्हें सर्विस सिलेक्शन बोर्ड को रेफर किया गया है। हालांकि सरकार ने पहले पचास हजार पदों को निकालने की घोषणा की थी। उपराज्यपाल प्रशासन जम्मू कश्मीर में निवेश लाने के प्रयास कर रहा है। प्राइवेट सेक्टर में निवेश लाने से बेरोजगारी पर काबू पाया जा सकता है।

कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए हिमायत योजना को भी तेजी से लागू करने की जरूरत पर बल दिया गया है। जम्मू कश्मीर में एक अनुमान के अनुसार बेरोजगारों की संख्या साढ़े छह लाख से अधिक है।


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