टैक्स वसूली के लिए हर अधिकारी को लक्ष्य दिया जाए
स्टेट टैक्स विभाग हर अधिकारी को टैक्स वसूली के लिए एक लक्ष्य निर्धारित करे। ई-वे बिलों में से कम से कम एक फीसद चेक किया जाए ताकि गलतियों पर नजर रखी जा सके।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : स्टेट टैक्स विभाग हर अधिकारी को टैक्स वसूली के लिए एक लक्ष्य निर्धारित करे। ई-वे बिलों में से कम से कम एक फीसद चेक किया जाए ताकि गलतियों पर नजर रखी जा सके।
वित्त विभाग के वित्तीय आयुक्त अरुण कुमार मेहता ने स्टेट टैक्स विभाग के वर्ष 2019-2020 की कामकाज की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर महीने बेहतर प्रदर्शन करने वाले पांच अधिकारियों और खराब प्रदर्शन करने वाले पांच अधिकारियों के नाम सामने लाए जाएं। इस प्रक्रिया को नियमित बनाया जाए। टैक्स फाइल करने वालों के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाया जाए। जो लोग टैक्स रिटर्न नहीं भर रहे हैं, उन्हें जागरूक किया जाए और रिटर्न फाइल न करने के नुकसान के बारे में बताया जाए।
वित्तीय आयुक्त ने कहा कि विभाग को हमेशा 100 फीसद रिटर्न दाखिल करने का प्रयास करना चाहिए। लक्ष्य प्राप्त के लिए सभी प्रकार के नवीन उपायों को अपनाना चाहिए। पिछले वित्तीय वर्ष से राजस्व प्राप्ति में लगभग 20 फीसद वृद्धि के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभाग एक मिशन मोड में अथक प्रयास कर रहा है। पिछले साल के औसत मासिक राजस्व 360.61 करोड़ रुपये के मुकाबले इस साल यह आंकड़ा 401.16 करोड़ रुपये प्रतिमाह हो गया है।
वित्तीय आयुक्त ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान इसी अवधि के लिए 5421 करोड़ रुपये के मुकाबले जनवरी 2020 तक 5854 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया गया है। बैठक में सभी प्रतिभागियों से विभाग के कामकाज को अधिक सुचारु बनाने के बारे में जानकारी ली गई। बैठक में बताया गया कि विभाग के पास लगभग 98098 पंजीकृत टैक्स देने वाले हैं और उनकी सुविधा के लिए जम्मू कश्मीर को 64 टैक्स सर्कल में बांटा गया है। एमनेस्टी योजना 30 जून तक बढ़ाया
राज्य ब्यूरो, जम्मू : राज्य वित्त विभाग ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को सुचारु रूप से चलाने के लिए पुराने टैक्स के अनसुलझे मुद्दों के समाधान के लिए एमनेस्टी योजना को 30 जून 2020 तक बढ़ाने की घोषणा की है। सरकार ने उम्मीद जताई है जो डीलर एमनेस्टी योजना का लाभ नहीं उठा पाए हैं, उनके लिए यह मौका है, बशर्ते 30 जून से पहले टैक्स चुका दें। यह योजना उन डीलरों के लिए होगी जिन्होंने योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन किया था, पर समय पर किश्त जमा नहीं करवा पाए थे। इस योजना का आकर्षक पहलू यह है कि जिनकी टैक्स पर बकाया राशि, ब्याज या जुर्माना है, उन्हें जम्मू कश्मीर वैट एक्ट 2005 जो समाप्त हो चुका है, के तहत ब्याज व जुर्माना नहीं देना होगा।