वन भूमि पर कब्जा कर रहे भूमाफिया को खदेड़ा, टिप्पर-जेसीबी जब्त
वन भूमि पर कब्जा कर रहे भूमाफिया को खदेड़ा टिप्पर-जेसीबी जब्त
जागरण संवाददाता, जम्मू : शहर से लगते चाटा इलाके में वन भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करने प्रयास को वन विभाग और पुलिस ने मिलकर विफल कर दिया। रात के अंधेरे में वन भूमि पर कब्जे का प्रयास किया जा रहा था। इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को लग गई। इसके बाद वन विभाग ने पुलिस की मदद से मौके पर पहुंच कर कब्जे के प्रयास को विफल किया। मौके से छह टिप्पर व एक जेसीबी मशीन को जब्त किया जो वन भूमि पर कब्जे के काम में लगी हुई थी।
इस कार्रवाई को डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर अलोक कुमार मौर्य के नेतृत्व में अंजाम दिया गया। शनिवार देर रात को वन विभाग को सूचना मिली कि सुंजवां से लगते चाटा इलाके में कुछ लोग वन भूमि पर कब्जे का प्रयास कर रहे हैं। यही नहीं वहां काफी जमीन से पेड़ों की कटाई के साथ भूमि को समतल करने का काम शुरू कर दिया है। सूचना पर कार्रवाई करते हुए वन विभाग के अधिकारियों ने पुलिस के साथ संपर्क साधा और चाटा-सुंजवां मार्ग पर नाका लगा दिया। इस दौरान नाके पर छह बड़े टिप्पर पहुंचे जो मिट्टी व कटे हुए पेड़ों की लकड़ी से लदे हुए थे। पुलिस ने इन सभी गाड़ियों को कब्जे में ले लिया। उसके बाद पुलिस व वन विभाग की टीम चाटा में उस जगह पहुंची जहां से पेड़ों की कटाई की गई थी। मौके पर पहुंचने पर पुलिस ने देखा कि काफी जगह से पेड़ों को काट जगह को समतल किया जा चुका था। इस काम के लिए वहां पर जेसीबी मशीन लगाई गई थी। पुलिस ने काम में लगी मशीन को भी कब्जे में ले लिया जबकि इस संदर्भ में फॉरेस्ट एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
वर्जन---
वन विभाग भूमाफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा। इस मामले में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराओं में भी केस दर्ज करवाया जाएगा। वन विभाग अलग से कार्रवाई करेगा।
-आलोक कुमार मौर्य, डीएफओ लाखों कनाल वन भूमि पर है कब्जा, बना लिया मकान
मौजूदा समय में जम्मू-कश्मीर का कुल वन क्षेत्र 20, 230 वर्ग किलोमीटर है। इस पर भी भू-माफिया की नजर है। अब भी करीब 2 लाख 66 हजार कनाल भूमि पर भूमाफिया ने कब्जा जमा रखा है। इस भूमि को मुक्त करवाना वन विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है।
जम्मू शहर के आसपास भी वन भूमि पर कब्जे के कई मामले आ चुके हैं। शहर से सटे सिदड़ा, रंगूड़ा, बठिडी, सुजवां, रैका आदि इलाकों में वन भूमि पर अवैध कॉलोनियां बन चुकी हैं। इन अवैध कॉलोनियों में नेताओं, नौकरशाहों के भी आलीशान मकान हैं। इस कारण वहां पर अतिक्रमण हटाने का साहस वन विभाग नहीं जुटा पा रहा है।
-----
कई बार हमले भी हुए टीम पर
वन भूमि पर कब्जा हटाना वन विभाग के लिए आसान काम नहीं है। कई बार कब्जा हटाने गई वन विभाग की टीमों पर भूमाफियाओं ने हमले भी किए हैं। कई बार उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा भी है। शहर से लगते सिदड़ा, रंगूड़ा आदि इलाकों में वन भूमि पर कब्जा छुड़ाने गए कर्मियों पर हमले भी हुए हैं। वन विभाग ही नहीं जेडीए को भी अपनी भूमि को खाली करवाने के लिए कई प्रयास करने पड़ते हैं। बेलीचराना, गोल गुजराल में भी कब्जा छुड़ाने गई टीमों पर हमले हुए हैं।
-----
पुरमंडल में हुआ था वन विभाग की टीम पर हमला
इसी वर्ष दो मार्च को वन भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने गए वन विभाग तथा पुलिस अधिकारियों पर भूमाफिया ने पथराव कर दिया था। हमले में वन विभाग के रेंज ऑफिसर, एसडीपीओ सब डिवीजन बड़ी ब्राह्मणा समेत आधा दर्जन पुलिस कर्मी घायल हो गए। भू-माफिया के लोगों ने पथराव से बचकर भाग रहे पुलिस कर्मियों का काफी दूर पर पीछा किया और पिटाई कर दी थी। पथराव में एसडीपीओ बड़ी ब्राह्मणा की जिप्सी के अलावा कई पुलिस अधिकारियों के वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए थे। हमले में वन विभाग के रेंज ऑफिसर मोहम्मद सलीम, एसडीपीओ सुनील केसर, पुलिस कांस्टेबल कुलदीप राज, वीरेंद्र सिंह, राहुल शर्मा, आंचल सिंह तथा परवेज अहमद घायल हो गए थे।