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जीवन रक्षक विधा में भी राज्य पुलिस को पारंगत करने की तैयारी Jammu News

राज्य पुलिस संगठन के अधिकारियों और जवानों को अब नियमित पुलिस ट्रेनिंग के अलावा बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) का भी प्रशिक्षण लेना होगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 11:04 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 11:04 AM (IST)
जीवन रक्षक विधा में भी राज्य पुलिस को पारंगत करने की तैयारी Jammu News
जीवन रक्षक विधा में भी राज्य पुलिस को पारंगत करने की तैयारी Jammu News

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो । राज्य पुलिस संगठन के अधिकारियों और जवानों को अब नियमित पुलिस ट्रेनिंग के अलावा बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) का भी प्रशिक्षण लेना होगा। स्वास्थ्य विभाग शुरू में प्रत्येक जिले से पुलिस के 20-20 अधिकारियों व कर्मियों को प्रशिक्षण देगा। प्रशिक्षण में सफल रहने वाले जवानों व अधिकारियों को पुलिस विभाग बीएलएस की ट्रेनिंग का जिम्मा सौंपेगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बाबा अमरनाथ यात्र संपन्न होने के बाद शुरू होगा।

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बीएलएस ट्रेनिंग की पुष्टि करते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोमवार को इस संदर्भ में राज्यपाल के सलाहकार के विजय कुमार की पुलिस संगठन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। उन्होंने बताया कि किसी भी तरह के हादसे में सबसे पहले पुलिस ही मौके पर पहुंचती है। इसलिए पुलिस जवानों का इस जीवन रक्षक विधा में पारंगत होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर (आरआइएचएफडब्ल्यू) धोबीवन के प्रिंसिपल डॉ. अरशद रफी ने बैठक में स्वास्थ्य विभाग की ओर से पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को दी जाने वाली बीएलएस ट्रेनिंग और उन्हें मास्टर ट्रेनर बनाने के मुद्दे पर जानकारी दी। बीएलएस वह स्वास्थ्य सेवा है, जो घातक बीमारी या जख्मी होने की स्थिति में पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने से पहले दी जाती है।

20 प्रशिक्षकों के लिए त्रिदिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का होगा आयोजन

प्रस्तावित योजना के तहत पुलिस संगठन हर जिले से 20 संभावित प्रशिक्षकों को नामित करेगा। इसके बाद आरआइएचएफडब्ल्यू धोबीवन 20 प्रशिक्षकों के लिए त्रिदिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन करेगा।

समन्वय बनाए रखने के लिए अधिकारी होंगे नियुक्त

सलाहकार के विजय कुमार ने बैठक में संबंधित मुद्दों पर विचार विमर्श के बाद पुलिस विभाग को बीएलएस ट्रेनिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय बनाए रखने के लिए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को नियुक्त करने का निर्देश दिया। उन्होंने ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर इस ट्रेनिंग के लिए भेजने पर जोर दिया क्योंकि आपात स्थिति में वही लोगों की मदद के लिए सड़क पर उपलब्ध होते हैं। उन्होंने बैठक में पुलिस अधिकारियों को इस कार्यक्रम के लिए सभी आवश्यक सुविधाओं का प्रबंध करने के लिए कहा।

प्रशिक्षित बीएलएस ट्रेनर पुलिस विभाग में किए जाएंगे तैयार

बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक, राज्य के प्रत्येक जिले में सभी पुलिस कर्मियों व अधिकारियों चाहे वह ट्रैफिक पुलिस विंग से हों या फायर एंड इमरजेंसी विंग या अन्य विभागों से। उन्हें बीएलएस ट्रेनिंग कार्यक्रम से आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित और प्रमाणित बीएलएस ट्रेनर पुलिस विभाग में तैयार किए जाएंगे। ट्रेनिंग की गुणवत्ता की भी निगरानी होगी।


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