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World population day: जम्मू-कश्मीर पूरे देश को पढ़ा रहा जनसंख्या नियंत्रण का पाठ

जम्मू देश के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य जम्मू कश्मीर ने बढ़ती जनसंख्या पर काबू पा लिया है। राज्य में जन्म दर हर साल कम होती जा रही है जो राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 10:08 AM (IST)Updated: Thu, 11 Jul 2019 10:11 AM (IST)
World population day: जम्मू-कश्मीर पूरे देश को पढ़ा रहा जनसंख्या नियंत्रण का पाठ
World population day: जम्मू-कश्मीर पूरे देश को पढ़ा रहा जनसंख्या नियंत्रण का पाठ

जम्मू, रोहित जंडियाल। जम्मू देश के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य जम्मू कश्मीर ने बढ़ती जनसंख्या पर काबू पा लिया है। राज्य में जन्म दर हर साल कम होती जा रही है, जो राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है। इस समय जम्मू कश्मीर में प्रति हजार जनसंख्या के पीछे यह दर महज 15.4 है। प्रजनन दर भी दो से कम ही है।

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अनंतनाग जैसे दक्षिण कश्मीर के जिले को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर जिलों में जनसंख्या वृद्धि दर पूरी तरह नियंत्रण में है। वहीं दूसरी ओर दक्षिण कश्मीर का ही कुलगाम जिला जनसंख्या नियंत्रण में मिसाल बन रहा है। जनसंख्या वृद्धि दर नियंत्रण में जम्मू कश्मीर को पुरस्कृत किया जा चुका है।

देशभर के बड़े राज्यों में जनसंख्या वृद्धि दर अभी भी चुनौती बनी हुई है। जम्मू कश्मीर में भी एक समय में अन्य राज्यों की तरह जनसंख्या तेजी से बढ़ रही थी लेकिन इसे स्वास्थ्य विभाग की मुहिम का असर कहें या लोगों की जागरूकता, इस स्थिति पर नियंत्रण हासिल कर लिया गया।

राज्य में साल 1951-61 के बीच एक हजार जनसंख्या के पीछे औसतन 41 बच्चे जन्म लेते थे। लेकिन साल 1990 आते-आते यह दर 30.2 पर आ गई। उसके बाद तेजी से गिरावट देखने को मिली। साल 2016 में राष्ट्रीय स्तर पर जन्म दर 20.8 थी।

वहीं जम्मू कश्मीर में यह मात्र 16.2 थी। साल 2017 में राष्ट्रीय स्तर पर जन्म दर 17 थी तो जम्मू कश्मीर में यह 15.7 थी। साल 2018 में राष्ट्रीय स्तर पर जन्म दर जहां 18 थी तो जम्मू कश्मीर में और कम होकर मात्र 15.4 ही रह गई है। इसी तरह राज्य में प्रजनन दर में भी इस दौरान काफी कमी आई है। पांचवें दशक में यहां प्रजनन दर 5.7 थी, जो कि नवें दशक में आते-आते 3.8 रह गई। साल 2018 में प्रजनन दर सिर्फ 1.7 दर्ज की गई।

परिवार कल्याण विभाग के निदेशक डॉ. अरुण शर्मा का कहना है कि राज्य में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए गए हैं। यही नहीं परिवार नियोजन के तरीकों और साधनों के बारे में जानकारी दी जाती है। यह निशुल्क भी बांटे जाते हैं।

शर्मा के मुताबिक, एक कारण यह भी है कि जम्मू कश्मीर में साक्षरता दर बढ़ी है। लोग परिवार नियोजन के तरीके अपना रहे है। जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ समय से मनोरंजन के साधन बढ़ गए हैं। मॉल, मल्टी प्लेक्स कल्चर आ गया है। इससे जनंसख्या को नियंत्रण करने में मदद मिली है। 

2011 की जनगणना

मुस्लिम 68.31 फीसद

हिंदू 28.43 फीसद

सिख 01.87 फीसद

बौद्ध एवं अन्य 0.89 फीसद 


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