क्लस्टर यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए दरबदर हुए विद्यार्थी
जागरण संवाददाता जम्मू क्लस्टर यूनिवर्सिटी की दाखिला प्रक्रिया पर विद्यार्थियों ने रोष व्यक्त किया है।
जागरण संवाददाता, जम्मू : क्लस्टर यूनिवर्सिटी की दाखिला प्रक्रिया पर विद्यार्थियों ने रोष व्यक्त किया है। विद्यार्थियों का कहना है कि यूनिवर्सिटी को सब्जेक्ट कंबिनेशन के हिसाब से मेरिट लिस्ट जारी करनी चाहिए थी। इससे विद्यार्थियों को मेरिट लिस्ट जारी होते ही अनुमान हो जाता कि उसे दाखिला मिलेगा या नहीं। अब तो जम्मू यूनिवर्सिटी के सभी कॉलेजों में भी लेट फीस शुरू हो गई है। वहीं कुछ विद्यार्थियों ने कहा कि पहली प्राथमिकता जम्मू के विद्यार्थियों को मिलनी चाहिए। जब सब जिलों में नए डिग्री कॉलेज खोले गए हैं तो वहां के विद्यार्थी भी वहां दाखिला नहीं लेंगे तो दूसरा कौन लेगा। बाहरी क्षेत्रों से दाखिला लेने क्लस्टर यूनिवर्सिटी विद्यार्थियों ने साफ किया कि उनके क्षेत्रों के कॉलेजों के परिणाम को देखकर वह वहां दाखिला नहीं लेना चाहते।
अभिमन्यु शर्मा ने कहा कि सब्जेक्ट कंबिनेशन के हिसाब से मेरिट लिस्ट निकालनी चाहिए थी। इससे विद्यार्थियों को अपनी मर्जी के विषय मिलना संभव था। इससे विद्यार्थियों को दस दिन पहले ही पता चल जाता कि उसे दाखिला मिलेगा कि नहीं। इस बार की दाखिला प्रक्रिया बिल्कुल ठीक नहीं है। कहने को तो आठ हजार बच्चों को काउंसलिग के लिए चयनित किया गया है, लेकिन अब विद्यार्थी क्या करेंगे।
सौरभ सिंह ने बताया कि उसके 71 प्रतिशत अंक हैं। मेरिट लिस्ट में 5728 रैंक है, लेकिन पीसीएम कंबिनेशन की सभी सीटें भरी जा चुकी हैं। कम से कॉलेज में दाखिले में तो आरक्षण नहीं होना चाहिए। पूरा सिस्टम ही फ्लॉप शो लग रहा है।
रिकी शर्मा ने बताया कि उनका रैंक 5581 है। उन्होंने बीकॉम, बीबीए के लिए फार्म भरा था, लेकिन सभी सीटें कुछ दिन पहले ही भरी जा चुकी हैं। दूसरा कोई कॉमर्स कॉलेज शहर में है भी नहीं। महिलाओं के लिए तो नया कॉमर्स कॉलेज खोला गया है, लेकिन लड़के कहां जाएं।
युवराज सिंह ने बताया कि उसके 72 प्रतिशत अंक हैं। उसने बीकॉम और बीबीए के लिए फार्म भरा था लेकिन सभी सीटें फुल हो चुकी हैं। मेरा पांच हजार रैंक है और चार हजार रैंक पहुंचने तक ही सभी सीटें फुल हो चुकी थी।
आरएस पुरा के मनप्रीत सिंह ने कहा कि उसके 73 प्रतिशत अंक हैं, लेकिन पीसीएम कंबिनेशन नहीं मिला है। वह चाहता तो डिग्री कॉलेज आरएसपुरा में भी दाखिला ले सकता था, लेकिन उनका पिछला रिजल्ट इतना खराब है कि दाखिला लेना भी खतरे से खाली नहीं है। अगर शिक्षा मंत्रालय चाहता है कि सभी कॉलेजों में विद्यार्थी दाखिला लें तो उन्हें सभी कॉलेजों को सभी सुविधाओं से लैस करना चाहिए।
रामगढ़ के हरविद्र सिंह ने कहा कि उसके 70 प्रतिशत अंक हैं लेकिन उसके बावजूद दाखिला नहीं मिल पा रहा। उनके क्षेत्र में डिग्री कॉलेज हैं, लेकिन उनकी हालत शहर के किसी भी कॉलेज के बराबर नहीं है। अध्यापक भी नहीं मिलते। ढांचागत सुविधाएं भी नहीं हैं। एक्सपोजर की भी कमी है। ऐसे में प्रवेश में ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।