मौसम बन रहा यात्रा में विलेन, अफसर बोले- तैयार हैं हम; हर घंटे मौसम का पूरा अपडेट, संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष तैयारी
शाम पांच बजे तक वह वाहन जवाहर टनल पार कर गए। फंसने के बावजूद बाबा बर्फानी के भक्तों के उत्साह में किसी तरह की कमी नहीं आई।
जम्मू/ऊधमपुर, जागरण न्यूज नेटवर्क। श्री अमरनाथ की वार्षिक यात्रा के बीच मानसून ने दस्तक दे दी है। मानसून की पहली झमाझम ने हाईवे की स्थिति और तैयारी पर कई सवाल भी पैदा कर दिए। पहली बारिश के दौरान रामबन के पास भूस्खलन से यात्रा के वाहन घंटों फंसे रहे। वहीं पत्थर गिरने से एक श्रद्धालु घायल भी हो गया। घंटों की मशक्कत के बाद मलबा हटा वाहनों को रवाना कर दिया गया लेकिन चिंता है कि आने वाले दिनों में मौसम बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है। हालांकि राज्य प्रशासन व अन्य एजेंसियों का दावा है कि प्रशासन पूरी तरह से चौकस है और श्रद्धालुओं की सुरक्षा में तमाम प्रशासनिक अमला दिन-रात जुटा है।
बारिश के कारण रामबन के पास एक साथ कई स्थानों पर भूस्खलन होने से मंगलवार को जम्मू-श्रीनगर हाईवे को तकरीबन ढाई घंटे तक बंद रहा। इससे अमरनाथ यात्रा जत्थे के वाहन भी नाशरी से रामबन के बीच फंस गए।
हाईवे पर सुबह साढ़े नौ बजे के करीब रामबन जिले में डिगडोल, गांगरू, मोम पस्सी, अनोखी फॉल, बैटरी चश्मा सहित अन्य स्थानों पर भूस्खलन होना शुरू हो गया। इससे काफी मलबा सड़क पर आग गिरा और पहाड़ों से पत्थर भी गिरने लगे। इससे अमरनाथ यात्रियों का जत्थे के वाहन फंस गए। बालटाल मार्ग से यात्रा करने वाले जत्थे के वाहन मगरकोट से लेकर पंतिहाल के बीच फंस गए। जबकि पहलगाम मार्ग से यात्रा करने वाले श्रद्धालु नाशरी से लेकर रामबन के बीच में फंस गए। मलबा हटाने के बाद तकरीबन ढाई घंटे बाद यात्रा जत्थे के वाहनों को सबसे पहले निकाला गया। हालांकि शाम पांच बजे तक वह वाहन जवाहर टनल पार कर गए। फंसने के बावजूद बाबा बर्फानी के भक्तों के उत्साह में किसी तरह की कमी नहीं आई।
गौरतलब है कि बारिश में 300 किलोमीटर लंबा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग ऊधमपुर से जवाहर सुरंग तक विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन के कारण बार-बार बंद हो जाता है। रामबन -बनिहाल के बीच करीब 40 किलोमीटर का क्षेत्र अत्यंत संवेदनशील माना जाता है। हाईवे के विस्तार का कार्य भी चल रहा है। ऐसे में परेशानी बढ़ने की आशंका रहती है। जनवरी माह में तो बार-बार हाईवे बंद होने के कारण कई-कई दिन तक आवागमन ठप रहा था। बीते साल भी तीन दिनों तक श्री अमरनाथ की यात्रा में इसी क्षेत्र में हुए भूस्खलन ने रुकावट पैदा कर रखी थी।
उधर राज्य प्रशासन का दावा है कि बीते सालों के अनुभव से सबक लेते हुए इस बार हाईवे पर श्रद्धालुओं काे होने वाली असुविधा से निपटने के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अनुसार यात्रा के संपन्न होने तक हाईवे और यात्रा मार्ग पर रहने वाले मौसम का हरेक घंटे बाद जायजा लिया जा हरा है। इसके आधार पर ही जम्मू से तीर्थयात्रियों के वाहनों को रवाना किया जाता है। अचानक भूस्खलन की स्थिति में यात्रा को ऊधमपुर या फिर रामबन में रोक लिया जाएगा। ऊधमपुर व रामबन में शिविर बनाए गए हैं और श्रद्धालुओं को तुरंत उन शिविरों में पहुंचाया जाएगा।
संवेदनशील क्षेत्रों के लिए विशेष तैयारी
राज्य सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक बारिश और भूस्खलन की स्थिति में ग्रेफ, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और केंद्रीय व राज्य लोकनिर्माण विभाग को भूस्खलन की स्थिति में तुरंत अपने दल बल के साथ सड़क को यातायात योग्य बनाने का निर्देश दिया गया है। संवेदनीशल जगहों को चिह्नित किया गया है। इनमेें उधमपुर अौर चिनैनी के बीच बल्ली नाला, चिनैनी व रामबन के बीच नाशरी, रामबन-बनिहाल के बीस सेरी, केला मोढ़, मंकी मोड़, बैटरी चश्मा, अनोखी फाल, डिगडोल, पंथियाल, खूनी नाला, मरोग, मगरकोट में बारिश के दौरान भूस्खलन होता है। आस-पास की पहाड़ियों से चट्टानें खिसककर कर हाईवे पर आ जाती हैं, कई बार सड़क भी बह जाती है। इसलिए इन जगहों पर दोनों तरफ से रास्ता खोलने के लिए डोजर और जेसीबी समेत सभी आवश्यक मशीनें व पर्याप्त संख्या में श्रमिक तैनात किए गए हैं। राजमार्ग के विस्तार में जुटी संस्था को भी दल-बल सहित सड़क को तुरंत खोलने के लिए काम में लगने के लिए कहा गया है।
पूरी तैयारी के बाद ही जाएंगे वाहन
प्रवक्ता ने बताया जम्मू से जाने वाले वाहनों को ही प्राथमिकता के आधार पर छोड़ा जाएगा। श्रद्धालुओं को आधार शिविर से तभी आगे बढ़ने दिया जाएगा,जब रास्ता पूरी तरह साफ होगा, अन्यथा नहीं। मौसम के खराब होने की स्थिति में या फिर भूस्खलन के चलते अगर हाईवे बंद होता है और वापस लौट रहे श्रद्धालुओं का कोई जत्था जवाहर सुरंग पार कर गया होगा तो उसे शैतानी नाला के पास या फिर बनिहाल में रोक लिया जाएगा। इसके अलावा हाईवे पर रामबन से बनिहाल के बीच ट्रैफिक पुलिस के करीब 100 अधिकारी और कर्मी अतिरिक्त रुप से तैनात किए गए हैं। सेना और अर्द्धसैनिक बलों के जवान भी हाईवे पर लगातार गश्त करते हुए भूस्खलन या किसी अन्य आपदा के कारण फंसे श्रद्धालुओं को तत्काल मदद उपलब्ध कराते हुए उनके वाहनों को वहां से निकाल निकटवर्ती सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएंगे।
- आइजी ट्रैफिक आलोक कुमार ने कहा कि हमने हाईवे की स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही यात्रा के वाहनों के लिए समय सारिणी तैयार की है। हाईवे पर यात्रा के वाहन किसी भी जगह न फंसे इसके लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। पर्याप्त संख्या में ट्रैफिकर्मी तैनात किए गए हैं जो सभी अत्याधुनिक संचार उपकरणों से लैस हैं। नियंत्रण कक्षबनाए गए हैं। इसके अलावा हाईवे पर कई जगह विशेष चौकियां स्थापित की गई हैं जो मौसम खराब होने पर या भूस्खलन की स्थिति में श्रद्धालुओं के निकटवर्ती सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएंगी।
- मंडलायुक्त जम्मू संजीव वर्मा ने कहा कि हमने एक आपात योजना भी बना रखी है जो भूस्खलन और बारिश की स्थिति में यात्रा को राेके जाने से पैदा होने वाले हालात से निपटने के लिए है।
- एसएसपी रामबन अनीता शर्मा के मुताबिक शाम पांच बजे तक अमरनाथ यात्रियों के जत्थे के सभी वाहन शाम पांच बजे तक जवाहर सुरंग पार कर घाटी की तरफ गुजर गए। वहीं दर्शन कर लौटे वाले भक्तों के वाहन भी जम्मू की तरफ रवाना हो गए।