Jammu Cable Car Project: तवी में अवैध खनन से खतरे में केबल कार परियोजना
विभाग ने अपने कंट्रोल रूम से खनन माफिया पर नजर रखने का दावा भी किया लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी नही हुआ।
जम्मू, अवधेश चौहान। तवी नदी पर बनी बहुप्रतीक्षित केबल कार परियोजना को खनन माफिया खतरे में डाल रहे हैं। तवी नदी में रेत, बजरी और पत्थरों के खनन से पानी का बहाव अपना रास्ता बदल रहा है। इससे केबल कार के लिए तवी के बीच लगे पिलरों के पानी के बीच में आ जाने से इसकी नींव कमजोर पड़ सकती है। कोई बड़ा हादसा भी न्यौता दे सकता है। महामाया मंदिर से पीरखो तक रोपवे तवी नदी के ऊपर से गुजरता है।
करीब 500 मीटर इस रास्ते पर चार पिलर लगाए गए हैं। इन्हें ऐसे स्थानों पर लगाया गया है जहां पानी नहीं है। प्रतिबंध के बावजूद रात के अंधेरे में खनन ने तवी नदी को छलनी कर दिया है। इससे तवी का बहाव पिलरों की तरफ बढ़ रहा है। परियोजना पर काम कर रहे इंजीनियरों का कहना है कि अगर इस पर रोक नहीं लगी तो करोड़ों रुपये की लागत से तैयार हुई परियोजना पर संकट आ सकता है।
जम्मू कश्मीर केबल कार परियोजना के प्रबंधक निदेशक शमीम अहमद वानी का कहना है कि तवी नदी में खनन को रोकने के लिए उन्होंने जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर और आईजी जम्मू को भी लेटर लिखा है। लेकिन खनन से पिलरों को नुकसान हो सकता है। तवी का रुख पिलरों की ओर बढ़ सकता है, अगर खनन को रोका नहीं गया।
जमीन पर नहीं उतरा हाईकोर्ट का आदेश: पर्यावरण संरक्षण को लेकर जम्मू कश्मीर में दायर याचिका पर कोर्ट ने गत वर्ष तवी नदी से खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। रेत, बजरी, कंकड़ की बढ़ती मांग को देखते हुए खनन माफिया रात के अंधेरे में खनन कर रहे हैं। पुलिस की मिलीभगत से यह धंधा काफी फलफूल रहा है। तवी नदी के आसपास स्टोन क्रशर पर नकेल कसने के लिए अब जियोलॉजी एडं माइनिंग विभाग ने सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया। बेलीचराना, सिद्धड़ा सहित अन्य इलाकों को चिन्हित भी किया। विभाग ने अपने कंट्रोल रूम से खनन माफिया पर नजर रखने का दावा भी किया, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी नही हुआ।
ये भी सुविधाएं
पीरखो व बाहूफोर्ट में वाहनों के लिए पार्किंग स्थल, व्यू प्वाइंट, शौचालय निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। बाहुफोर्ट में विश्व स्तरीय यूरोपियन स्टाइल का रेस्तरां भी उद्घाटन का इंतजार कर रहा है जहां से तवी नदी व पुराने शहर का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। संभवत राज्यपाल परियोजना का उद्घाटन करेंगे।
क्या कहते हैं अधिकारी
- पुलिस जिम्मेदार है। रात के अंधेरे में खनन का काम चलता है। यहां चेक पोस्ट बनाने और तवी नदी और अन्य जलस्नोतों जहां खनन हो रहा है वहां सीसीटीवी कैमरे और मॉनिटरिंग के लिए कंट्रोल रूम बनाने का का काम शुरू नहीं हो पाया है। प्रशासन से धन राशि भी नहीं मिल पाई है। -फारूक अहमद खान, डायरेक्टर जियोलॉजी एडं माइनिंग विभाग
- खनन पर कोर्ट का प्रतिबंध है। पुलिस के आला अधिकारियों से इस बारे में बात करूंगा। अगर ऐसा है, तो इस पर रोक लगाना जरूरी है। -संजीव वर्मा, डिवीजनल कमिश्नर जम्मू संभाग
- अगर जियोलॉजी एडं माइनिंग विभाग पुलिस से शिकायत करें तो हम एक्शन लेंगे। विभाग के डायरेक्टर अगर अपना नुमांइदा पुलिस में भेजेंगे तो पुलिस साथ मिलकर कार्रवाई करेगी। पुलिस को कई बार यह भी नहीं पता होता कि किस जगह खनन पर प्रतिबंध है। -तेजेंद्र सिंह, एसएसपी जम्मू
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