भाजपा ने किया राज्यपाल के फैसले का स्वागत, कट ऑफ कम होने से उत्साहित
आरएस पठानिया ने कहा कि जब पीओ को जम्मू कश्मीर और अन्य राज्यों की किसी भी शाखा में नियुक्ति की जा सकती है
जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर बैंक के प्रोबेशनरी ऑफिसर (पीओ) की मुख्य परीक्षा के लिए कट ऑफ मेरिट कम होने से भाजपा उत्साहित है। पहले बैंक प्रबंधन ने कश्मीर संभाग के लिए कट ऑफ मेरिट 40 फीसद और जम्मू संभाग के लिए 62.5 फीसद किया था। बाद में दोनों संभागों के लिए 40 फीसद कर दिया गया।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविन्द्र रैना ने बैंक पीओ की मुख्य परीक्षा में जम्मू के युवाओं से भेदभाव का मुद्दा राज्यपाल सत्यपाल मलिक से उठाया था। राज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद सोमवार को जम्मू के युवाओं का कट ऑफ मेरिट भी कश्मीर के युवाओं के बराबर कर दिया गया। सोमवार को भाजपा ने त्वरित कार्रवाई के लिए राज्यपाल का आभार जताया। दोपहर को पार्टी मुख्यालय में भाजपा प्रवक्ता और पूर्व विधायक आरएस पठानिया ने कहा कि बैंक प्रबंधन को इस परीक्षा का आयोजन राज्य स्तर पर करना चाहिए। जम्मू कश्मीर बैंक के कामकाज को पारदर्शी बनाने के लिए इसको सूचना का अधिकार (आरटीआइ) के दायरे में भी लाने की जरूरत है।
आरएस पठानिया ने कहा कि जब पीओ को जम्मू कश्मीर और अन्य राज्यों की किसी भी शाखा में नियुक्ति की जा सकती है तो संभागीय स्तर की परीक्षा की जगह राज्य स्तर पर परीक्षा और एक समान कट ऑफ मेरिट होना चाहिए। पठानिया के साथ प्रवक्ता बलवीर राम, अश्वनी चरंगू, भाजपा के साथ प्रकोष्ठों के प्रभारी विरेन्द्रजीत सिंह व भाजयुमो के प्रदेश प्रधान विकास चौधरी भी मौजूद थे। पठानिया ने राज्यपाल की अध्यक्षता वाली राज्य प्रशासनिक परिषद की बैठक में बैंक को आरटीआइ के दायरे में लाने के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि इसे प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि बैंक में सूचना अधिकारी के साथ पीठासीन अधिकारी भी बनाया जाए। बैंक में पारदर्शिता न होने के कारण ही मसले पैदा हो रहे हैं।
जिला स्तर पर नियुक्तियों की प्रक्रिया अवैध : शाम लाल
पूर्व मंत्री और भाजपा नेता शाम लाल शर्मा ने राज्यपाल को पत्र लिखकर जम्मू कश्मीर बैंक में जिला स्तर पर नियुक्तियों को अवैध करार देते हुए उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। शाम लाल ने कहा था कि जम्मू कश्मीर बैंक ने पहले राज्य स्तर पर नियुक्तियां की थी। बैंक ने कभी भी इस नीति को उजागर नहीं किया कि वह जिला स्तर पर नियुक्तियां करेगा। बैंक को इस तरह के नीतिगत फैसले लेते समय सरकार की अनुमति लेनी चाहिए थी। विज्ञापन वाले नोटिस पर भी इसका जिक्र नहीं किया गया।
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