¨सथेटिक का तो मिला नहीं, मिटटी का ट्रैक भी छीना
विकास अबरोल, जम्मू नार्थ जोन जूनियर एथलेटिक प्रतियोगिता शुरू होने को उलटी गिनती शुरू हो गइ
विकास अबरोल, जम्मू
नार्थ जोन जूनियर एथलेटिक प्रतियोगिता शुरू होने को उलटी गिनती शुरू हो गई है। इसके खिलाड़ियों के नसीब में अभ्यास करने के लिए एथलेटिक का ¨सथेटिक ट्रैक तो दूर अब तो मिट्टी का ट्रैक भी नहीं है।
मौलाना आजाद स्टेडियम के मुख्य मैदान को अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट स्टेडियम की लुक देने का काम जारी है। केंद्र सरकार की ओर से जम्मू के मौलाना आजाद स्टेडियम और श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम को अपग्रेड करने के लिए 200 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। आने वाले समय में राज्य के क्रिकेट प्रेमियों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबले और अंतरराष्ट्रीय स्तरीय क्रिकेट स्टेडियम तो नसीब हो जाएगा लेकिन इससे एथलीट का भविष्य अंधकारमय बन जाएगा।
एमए स्टेडियम में पिछले पांच दशक से भी अधिक समय से खिलाड़ी मुख्य मैदान में बने मिट्टी के ट्रैक पर ही दौड़कर राज्य का नाम रोशन करते आ रहे हैं। मैदान में जारी विकास कार्यो के कारण जगह-जगह ईंटों, रेत और अन्य सामान के ढेर लग गए हैं। इससे खिलाड़ी आगामी प्रतियोगिता में अपने प्रदर्शन को लेकर काफी ¨चतित हैं।
राज्य में एथलेटिक का एक भी ¨सथेटिक ट्रैक नहीं है और न ही स्टेट स्पोर्ट्स काउंसिल ¨सथेटिक ट्रैक बिछाने के लिए कोई दिलचस्पी दिखा रही है। एथलेटिक एसोसिएशन की ओर से जम्मू-कश्मीर स्टेट स्पोर्ट्स काउंसिल को पत्र लिखकर राज्य टीम के कैंप के आयोजन के लिए आग्रह किया गया है लेकिन इसका भी अभी तक कोई जवाब नहीं मिल पाया है। एसोसिएशन द्वारा जम्मू यूनिवर्सिटी से भी संपर्क किया गया है। फिलहाल अभी तक खिलाड़ी अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं जिसको लेकर एसोसिएश्न और खिलाड़ी दोनों ¨चतित हैं। हालांकि जम्मू-कश्मीर स्टेट स्पोर्ट्स काउंसिल के पूर्व सचिव वाहिद उर रहमान पारा ने जीजीएम साइंस कॉलेज के मैदान में एथलेटिक का ¨सथेटिक ट्रैक बिछाने के बड़े-बड़े दावे किए थे लेकिन आज तक किसी ने भी खिलाड़ियों की सुध नहीं ली है। गौरतलब है कि हरियाणा के रोहतक में 6 से 7 अक्टूबर तक नार्थ जोन जूनियर एथलेटिक प्रतियोगिता शुरू हो रही है। इसमें राज्य के 37 खिलाड़ियों का चयन किया गया है और खिलाड़ी अब अभ्यास के लिए मैदान की उपलब्धता की प्रतीक्षा में बैठे हैं। -राशि का हो सदुपयोग
एथलेटिक फेडरेशन ऑफ इंडिया के उपप्रधान डॉ. आशुतोष शर्मा ने बताया कि केंद्र की ओर से खेलों के विकास के लिए पर्याप्त फंड आए हैं। उनका ईमानदारी से इस्तेमाल किया जाना चाहिए। ¨सथेटिक का एथलेटिक ट्रैक बिछाने के लिए भी स्पोर्ट्स काउंसिल को मंथन करना चाहिए क्योंकि मौलाना आजाद स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में परिवर्तित करने के उपरांत एथलेटिक खेल से जुड़े खिलाड़ी पूरी तरह से अभ्यास करने से महरूम हो जाएंगे।