Kashmir: कश्मीर में अब तक 72 अभियानों में 177 आतंकी मारे गए, 20 युवकों को आतंकी बनने से रोका
श्रीनगर में यह हमारा सातवां बड़ा आतंकरोधी अभियान है लेकिन हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी जुनैद सहराई को मार गिराने का अभियान सबसे बड़ा और सफल अभियान कहा जाएगा।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने वीरवार को एक बार फिर आतंकवाद की राह पर निकले युवकों से मुख्यधारा में लौटने की अपील करते हुए बताया कि इस साल अब तक 20 स्थानीय युवकों को आतंकी बनने से बचाया गया है जबकि 72 अभियानों 177 में आतंकी मारे गए हैं। इनमें 22 विदेशी हैं। जम्मू-कश्मीर में हालात बिगाड़ने के लिए पाकिस्तान हर संभव साजिश कर रहा है।
वह आज ग्रीष्मकालीन राजधानी में नागरिक सचिवालय से कुछ ही दूरी पर स्थित फिरदौसाबाद बटमालू में एक मुठभेड़ में तीन स्थानीय आतंकियों के मारे जाने के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर आइजीपी कश्मीर रेंज विजय कुमार और आइजी सीआरपीएफ सेंट्रल कश्मीर रेंज चारू सिन्हा भी मौजूद थी। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि आतंकियों के समूल नाश तक हमारे आतंकरोधी अभियान जारी रहेंगे। हम चाहते हैं कि गुमराह होकर आतंकवाद की राह पर निकले सभी स्थानीय युवक मुख्यधारा में लौटें, उनके पुनर्वास में पूरा सहयोग किया जाएगा।
बटमालू मुठभेड़ का जिक्र करते हुए डीजीपी ने कहा कि इसमें तीन आतंकी मारे गए हैं। सीआरपीएफ के एक डिप्टी कमांडेंट जख्मी हैं। क्रास फायरिंग की चपेट में आकर एक महिला की भी मौत हुई है। जब भी मुठभेड़ के दौरान क्रास फायरिंग की चपेट में आकर किसी नागरिक की मौत होती है, हमें बहुत तकलीफ होती है। आतंकियों को सरेंडर का पूरा मौका दिया गया, लेकिन उन्होंने फायरिंग जारी रखी। मारे गए ये तीनों आतंकी दक्षिण कश्मीर के रहने वाले हैं।
ग्रीष्मकालीन राजधानी में बीते कुछ महीनों के दौरान बढ़ती आतंकी गतिविधियों से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि उत्तरी और दक्षिण कश्मीर से अकसर आतंकी श्रीनगर में सुरक्षाबलों पर हमलों को अंजाम देने की साजिश के तहत आते रहते हैं, लेकिन हम उन्हें मार गिरा रहे हैं। नौगाम में 14 अगस्त को हमारे दो पुलिसकर्मी एक आतंकी हमले में शहीद हुए थे। इससे पूर्व पांडच में दो बीएसएफ कर्मी एक आतंकी हमले में शहीद हो गए। कुछ दिन पहले आतंकियों ने पंथाचौक में भी सुरक्षाबलाें पर हमला किया था, लेकिन जवाबी कारवाई मे तीनों आतंकी मारे गए। पुलिस और सीआरपीएफ पूरी तरह अलर्ट है, जब भी श्रीनगर में आतंकियों की उपस्थिति की जरा सी भनक लगती है, हम उन्हें मार गिराने या फिर पकड़ने का पूर प्रयास करते हैं। इस दौरान हमारा प्रयास रहता है कि किसी भी प्रकार की नागरिक क्षति न हो।
बटमालू में आज सुबह मारे गए आतंकी भी श्रीनगर में किसी हमले को अंजाम देने अाए थे, लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें मार गिराया। श्रीनगर में यह हमारा सातवां बड़ा आतंकरोधी अभियान है, लेकिन हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी जुनैद सहराई को मार गिराने का अभियान सबसे बड़ा और सफल अभियान कहा जाएगा।
स्थानीय आतंकियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील: पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने गुमराह हो आतंकवाद की राह पकड़ने वाले स्थानीय युवकों से मुख्यधारा में लौटने की अपनी अपील दोहरायी। उन्होंने गुमराह हुए युवकों से बंदूक छोड़ एक शांत, सामान्य व सम्मानजनक जीवन जीने के लिए मुख्यधारा में शामिल होने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ के दौरान हम आतंकियों को सरेंडर का पूरा मौका देते हैं। हम आतंकवाद का रास्ता छोड़ने वाले युवकों के पुनर्वास में पूरी मदद करते हैं। जो आतंकवाद का रास्ता नहीं छोड़ेगा, उसके साथ कठोरता से निपटा जाएगा। मुठभेड़ के दौरान सरेंडर करने वाले कई आतंकी आज अपने परिजनों के साथ सामान्य जिंदगी जी रहे हैं। पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने अपने प्रयासों के जरिए इस साल आतंकवाद का रास्ता चुनने वाले 20 लड़को को वापस मुख्यधारा में लाया है। सुरक्षा कारणों से हम इनका नाम नहीं ले सकते, लेकिन आज ये युवक बहुत खुश हैं। अगर कोई नौजवान आतंकी बनता है तो वह पूरे समाज और अपने परिवार को तबाह करने के रास्ते पर ही आगे बढ़ता है।
72 अभियानों में 177 आतंकी ढेर: पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बताया कि इस साल जम्मू-कश्मीर में 72 अभियानों में 177 आतंकी मारे गए हैं। इनमें 22 विदेशी हैं। जम्मू प्रांत में पहली जनवरी 2020 से अब तक 12 आतंकी मारे गए जबकि कश्मीर घाटी में 165 आतंकी। लश्कर, हिज्ब, जैश, अलबदर, आईएसजेके और अंसार गजवातुल हिंद जैसे आतंकी संगठनों के सभी प्रमुख कमांडर विभिन्न मुठभेड़ों में सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए हैं।
अल-बदर फिर हो रहा है सक्रिय: पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में हालात बिगाड़ने और आतंकी हिंसा का फैलाने के लिए हर संभव साजिश कर रहा है। वह यहां असमंजस और अराजकता पैदा करने के लिए टीआरएफ व पीएएफएफ जैसे नए आतंकी संगठन भी बना रहा है। इसके अलावा उसने अल-बदर मुजाहिदीन संगठन को भी फिर से सक्रिय कर रहा है। आज मारे गए आतंकियों में एक अल-बदर का ही आतंकी है।
डीएनए नमूनों की जांच रिपोर्ट चंद दिनों में आएगी: पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने अमशीपोर शोपियां मुठभेड़ में राजौरी के तीन लापता श्रमिकों के कथित तौर मारे जाने संबंधी सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इस मामले की जांच जारी है। कुछ भी नहीं छिपाया जाएगा। लापता श्रमिकों के परिजनों के डीएनए के नमूने लिए गए हैं। डीएनए जांच में समय लगता है। हम हर तथ्य की पुष्टि कर रहे हैं। मुझे लगता है कि अगले चंद दिनों में डीएनए की जांच रिपोर्ट आ जाएगी।
मीडियाकर्मियों पर हमले पर अफसोस जताया: पुलिस महानिदेशक ने गत दिनों पुलवामा में मुठभेड़ की कवरेज के समय सुरक्षाबलाें द्वारा मीडियाकर्मियों की पिटाई के मामले पर अफसोस प्रकट करते हुए कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। आतंकरोधी अभियानों के दौरान अकसर सभी उत्तेजित होते हैं। कई बारे अपने साथियों के जख्मी होने से जवान बहुत गु़स्से में आ जाते हैं। कई बार उनके गुस्से का शिकार वहां मौजूद मीडियाकर्मी हो जाते हैं। भविष्य में ऐसा न हो, इसका पूरा प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यहां जम्मू कश्मीर में मीडियाकर्मी और पुलिस के जवान व अधिकार आपस में बहुत अच्छे मित्र माने जाते हैं।
सोपोर मामले की हो रही है जांच: सोपोर में एक कथित ओजीडब्ल्यू इरफान अहमद डार की संदिग्ध मौत के संदर्भ में पूछे जाने पर आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है। उसे हथियारों की बरामदगी के लिए उसके बताए ठिकाने पर ले जाया गया था। वहां वह चकमा देकर भाग निकला और बाद में उसका शव मिला। पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। सोपोर में तनाव को देखते हुए ही मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद रखने का फैसल लिया गया है। हम नहीं चाहते थे कि शरारती तत्वों को अफवाहें फैलाने, कानून व्यवस्था के लिए संकट पैदा करने का कोई मौका मिले।