पंजाबी की अनदेखी पर सिखों ने किया प्रदर्शन
राज्य ब्यूरो, जम्मू : स्कूलों में नौवीं कक्षा से डोगरी, कश्मीरी व बौद्धी भाषा को लागू करने व पंजाबी
राज्य ब्यूरो, जम्मू : स्कूलों में नौवीं कक्षा से डोगरी, कश्मीरी व बौद्धी भाषा को लागू करने व पंजाबी को शामिल न करने के स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश से खफा सिख समुदाय ने प्रदर्शन किया।
समुदाय ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए पंजाबी भाषा को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। गुरुद्वारा प्रबंधक बोर्ड जम्मू-कश्मीर, जिला गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी जम्मू व अन्य सिख संगठनों के प्रतिनिधि, सिख समुदाय के लोग शनिवार सुबह दस बजे गुरुद्वारा बाबा फतेह सिंह गांधी नगर के बाहर इकट्ठा हुए और रैली की शकल में डिवीजनल कमिश्नर कार्यालय पहुंचे। सिख प्रतिनिधियों ने पंजाबी भाषा के साथ अनदेखी से संबंधित डिवीजनल कमिश्नर के जरिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। सिख समुदाय को संबोधित करते हुए गुरुद्वारा प्रबंधक बोर्ड के प्रधान टीएस वजीर ने कहा कि शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है, जिसमें पंजाबी भाषा को नजरअंदाज किया गया है। इससे सिख समुदाय का सरकार पर से विश्वास उठ गया है। वर्ष 1981 तक जम्मू-कश्मीर में पंजाबी विषय स्कूलों में पढ़ाया जाता रहा है। उस समय विद्यार्थी हिंदी, पंजाबी या उर्दू में से एक विषय ले सकते थे। उसके बाद सरकार ने साजिश के तहत पंजाबी भाषा को स्कूलों से बाहर कर दिया। सिख समुदाय पिछले काफी समय से पंजाबी भाषा को लागू करने की मांग करता रहा है। हैरानगी की बात यह है कि जब आदेश निकाला गया तो पंजाबी को बाहर कर दिया गया। अगर समुदाय की मांग नहीं मानी गई तो आंदोलन छेड़ दिया जाएगा।
इस मामले को श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर, दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अलावा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाया जाएगा।