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पहली जुलाई से राज्य में थम जाएगा व्यापार

ललित कुमार, जम्मू वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र के बेनतीजा खत्म हो

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Jun 2017 02:08 AM (IST)Updated: Mon, 19 Jun 2017 02:08 AM (IST)
पहली जुलाई से राज्य में थम जाएगा व्यापार

ललित कुमार, जम्मू

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वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र के बेनतीजा खत्म होने से यह साफ हो गया है कि जम्मू-कश्मीर में पहली जुलाई से जीएसटी लागू नहीं होगा। जीएसटी लागू न होने की स्थिति में राज्य में व्यापार भी लगभग थम जाएगा। ऐसे में पहली जुलाई के बाद राज्य में महंगाई व किल्लत का दौर शुरू हो जाएगा।

पहली जुलाई के बाद जम्मू-कश्मीर में किसी ब्रांड के उत्पाद आयात नहीं हो पाएंगे, क्योंकि देश भर में जीएसटी लागू होने के बाद हर बिल जीएसटी पर काटा जाएगा। राज्य के व्यापारियों के पास जीएसटी नंबर न होने के कारण इन्हें कोई भी कंपनी अपना सामान नहीं भेज पाएगी। राशन व अन्य नान-ब्रांड चीजें मंगवाने पर टैक्स की दोहरी मार पड़ेगी। जिस राज्य से भी सामान आएगा, वहां जीएसटी चुकाना पड़ेगा और राज्य में वैट। राज्य के व्यापारियों के पास जीएसटी नंबर न होने के कारण उन्हें 'इनपुट टैक्स क्रेडिट' नहीं मिलेगा। लिहाजा चीजों की किल्लत पैदा होगी, जो महंगाई को जन्म देगी।

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जितना वैट, उतना महंगा

राज्य में जिस उत्पाद पर जितना वैट लगता है, पहली जुलाई के बाद उस उत्पाद की कीमत में उतनी बढ़ोतरी होना लगभग तय है। मसलन इलेक्ट्रॉनिक पर 28 फीसद जीएसटी लग रहा है। राज्य में इन पर 14.5 फीसद वैट है। ऐसे में अगर कोई इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद राज्य के बाहर से आयात किया जाता है तो उस पर 42.5 फीसद टैक्स देना पड़ेगा।

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जितनी देर, उतना नुकसान

राज्य में जीएसटी लागू करने में जितना विलंब होगा, राज्य के सरकारी खजाने को भी उतना ही नुकसान झेलना पड़ेगा। दोहरे टैक्स की मार के चलते व ब्रांड उत्पादों के आयात बंद होने से सरकार को वैट के रूप में राजस्व का घाटा झेलना पड़ेगा।

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भंडारण व कालाबाजारी बढ़ेगी

जीएसटी को लेकर बने संशय के चलते राज्य में खाद्य वस्तुओं के भंडारण व कालाबाजारी की संभावनाएं भी पैदा हो गई है। दोहरे टैक्स से बचने के लिए थोक व्यापारी पहली जुलाई से पूर्व अपने गोदाम भर लेंगे और जुलाई के बाद महंगे दामों पर सामान बेचा जाएगा।

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फोटो नंबर 15 के साथ

-जीएसटी देश व व्यापार के हित में है और इसे लागू करने में देरी नहीं करनी चाहिए। राज्य के व्यापारियों के हितों को देखते हुए जीएसटी में आवश्यक संशोधन करके पहली जुलाई से लागू कर देना चाहिए नहीं तो राज्य के व्यापार पर टैक्स की दोहरी मार पड़ेगी।

-दीपक गुप्ता, महासचिव ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाउस, नेहरू मार्केट

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फोटो नंबर 14 के साथ

-जीएसटी को लेकर सरकार ने कोई तैयारी नहीं की। अभी तक व्यापारियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन नहीं मिला। इसे व्यापार हित में बताने वाले नेता पहले इस पर व्यापारियों के साथ खुली बहस करें। इसे लेकर संशय दूर करें, लोगों को जागरूक करें, फिर इसे लागू करने पर विचार करे।

-रमेश गुप्ता, पूर्व प्रधान ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाउस, नेहरू मार्केट

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फोटो नंबर 16 के साथ

-राज्य को दोहरे टैक्स की मार से बचाने के लिए सरकार हल ढूंढ रही है। जीएसटी पर ऑल पार्टी कमेटी अपने सुझाव देगी और सरकार को पूरी उम्मीद है कि बहुत जल्द राज्य में भी जीएसटी लागू होगा।

-डॉ. निर्मल सिंह, उप-मुख्यमंत्री

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