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160 जिंदगियां बचा चुका ब्लडमैन ऑफ कश्मीर

वर्ष 2005 का विनाशकारी भूकंप हो या फिर 2014 की बाढ़, इसमें भी शब्बीर और उसके साथियों ने अहम भूमिका निभाई।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 01 Oct 2018 10:46 AM (IST)Updated: Mon, 01 Oct 2018 11:27 AM (IST)
160 जिंदगियां बचा चुका ब्लडमैन ऑफ कश्मीर

जम्मू, रोहित जंडियाल। पिछले तीन दशक से कश्मीर में आतंकवाद के कारण हजारों लोगों का खून बहा है। परंतु यहां कई लोग ऐसे भी हैं जो कि जरूरत पड़ने पर हमेशा रक्तदान के लिए आगे रहते हैं। इन्हीं में एक 55 वर्षीय शब्बीर हुसैन खान है जो 37 साल में डेढ़ सौ से अधिक बार रक्तदान कर चुके हैं। उन्हें कश्मीर के ब्लडमैन भी कहा जाता है।

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श्रीनगर के कमानगरपोरा मुहल्ले के रहने वाले शब्बीर का ओ नेगेटिव ब्लड है। राज्य में इस ब्लड ग्रुप के कम लोग हैं जो सामने आकर रक्तदान करते हैं। परंतु शब्बीर सबसे अलग है। 37 साल पहले जब वह अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था तो उसका एक दोस्त उस सड़क हादसे में घायल हो गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया। उस समय अस्पताल में यह ब्लड ग्रुप नहीं था।

शब्बीर को जब यह पता चला तो उसने दोस्त की जान बचाने के लिए पहली बार रक्तदान किया। विड़बना यह रही कि दोस्त की बावजूद जान नहीं बच पाई। इस घटना ने शब्बीर को बदल दिया और एक नए शब्बीर ने जन्म लिया। उसने हर तीन माह बाद रक्तदान करने की ठानी और अन्य को भी प्रेरित करना शुरू किया। उसकी मुहिम रंग लाने लगी। उनके साथ लोग जुड़ने लगे और उन्होंने एक स्वयं सेवी संगठन भी बनाया है।

वर्ष 2005 का विनाशकारी भूकंप हो या फिर 2014 की बाढ़, इसमें भी शब्बीर और उसके साथियों ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कई लोगों को ब्लड दिया। कुछ दिन पहले मुहर्रम पर शब्बीर ने 160वीं बार रक्तदान किया। यह भी राज्य में एक रिकॉर्ड है।

शब्बीर को इतनी बार रक्तदान करने के लिए जम्मू के डॉक्टरों ने ब्लडमैन ऑफ कश्मीर का टाइटल दिया। राजस्थान में भी उन्हें रक्तदान के लिए प्रशस्ति पत्र दिया गया है।


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