सैन्य अध्यक्ष ने सियाचिन में जवानों का हौसला बढ़ाया
राज्य ब्यूरो, जम्मू : थलसेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने लद्दाख के सियाचिन क्षेत्र का दौरा कर दुर्गम
राज्य ब्यूरो, जम्मू : थलसेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने लद्दाख के सियाचिन क्षेत्र का दौरा कर दुर्गम हालात में मातृभूमि की रक्षा कर रहे जवानों का हौसला बढ़ाया। उन्हें सेना की आन, बान, शान को बरकरार रखने के लिए कहा गया। थलसेना अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार रावत ने सियाचिन का दौरा किया। थलसेना अध्यक्ष ने लद्दाख में चीन, पाकिस्तान से लगती सीमा की सुरक्षा का जायजा लेने के साथ श्रीनगर में कश्मीर के सुरक्षा हालात को लेकर बैठक भी की। गौरतलब है कि थलसेना पांच जनवरी को खराब मौसम के कारण कश्मीर व लद्दाख नहीं जा पाए थे। वह जम्मू संभाग की सुरक्षा की समीक्षा कर ही लौट गए थे।
सोमवार को जनरल रावत, उत्तरी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डी अनबू के साथ सियाचिन के आधार शिविर पहुंचे। उन्होंने सियाचिन वार मेमोरियल पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। रावत ने सियाचिन में तैनात सैनिकों से मिलकर उनकी दिक्कतें जानकर विश्वास दिलाया कि उन्हें हर संभव सहयोग मिलेगा। इसके बाद जनरल रावत लेह पहुंचे। कोर कमांडर ने उन्हें क्षेत्र की मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों व उनसे निपटने के लिए की तैयारियों से रूबरू कराया। थलसेना अध्यक्ष ने लेह गैरीसन में अधिकारियों व जवानों से भेंट की। उन्होंने लद्दाख में सेना के अधिकारियों, जवानों के योगदान व उनकी कुर्बानियों की भी सराहना की। इसके बाद थलसेना अध्यक्ष कश्मीर के अपने दौरे पर पहुंचे। वहां उच्च स्तरीय बैठक में सुरक्षा हालत व आतंकवाद से निपटने के लिए अपनाई जा रही रणनीति के बारे में जानकारी दी। उन्हें बताया कि बेहतर खुफिया इनपुट व तालमेल से सेना कामयाबी हासिल कर रही है। थलसेना अध्यक्ष कश्मीर में आतंकवाद से निपटने के मामले में महारत रखते हैं। वह वर्ष 2011 में डेगर डिवीजन व इससे पहले सोपोर-बांडीपोरा सेक्टर में राष्ट्रीय राइफल्स की डिवीजन की भी कमान कर चुके हैं।