राज्य के दिव्यांग 'स्वभावलंबन' से दूर
राज्य ब्यूरो, जम्मू : देशभर में लागू होने वाली योजनाओं का जम्मू-कश्मीर में क्या हश्र होता है, यह दिव
राज्य ब्यूरो, जम्मू : देशभर में लागू होने वाली योजनाओं का जम्मू-कश्मीर में क्या हश्र होता है, यह दिव्यांगों के लिए शुरू हुई राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना से साफ झलकता है। इसका लाभ आज तक राज्य के लाखों दिव्यांगों को नहीं मिल पाया है। ट्रस्ट फंड फार एम्पावरमेंट विद डिस्एबिलिटी और न्यू इंडिया इंश्योरेंस ने दिव्यांगों के लिए ग्रुप मेडिक्लेम पालिसी 'स्वभावलंबन' शुरू की थी। इसके तहत हर उस दिव्यंाग परिवार को जिसकी वार्षिक आय तीन लाख से कम है, उसे दो लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर मिलना है। कुल 3100 रुपये इंश्योरेंस कंपनी को देने हैं। इसमें से भी दिव्यांग को मात्र 355 रुपये ही देने हैं। योजना का राज्य के किसी भी दिव्यांग को कोई लाभ नहीं मिल पाया है।
राज्य में इस समय चार लाख दिव्यांग हैं। उनमें से अधिकांश की आर्थिक हालत अच्छी नहीं हैं। यह लोग सरकारी पेंशन के सहारे हैं। वे भी समय पर नहीं मिल पा रही है। सरकरा दिव्यांगों को मात्र एक हजार प्रति माह ही देती है। जम्मू में दिव्यांगों के लिए काम कर रही जेएंडके हैंडीकैप्ड वेलफेयर एसोसिएशन के केके वर्मा ने बताया कि यह इंश्योरेंस योजना शुरू होने के बाद उन्हें भी लगा था कि इससे उन्हें भी लाभ होगा, मगर यहां पर अभी तक किसी को भी इसका लाभ नहीं मिल पाया है। इस योजना के तहत देश के प्रतिष्ठित अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था की गई है। वर्मा का कहना है कि वे इस बारे में सरकार के कई प्रतिनिधियों से मिल चुके हैं मगर कोई भी लाभ नहीं हुआ।