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सफलता के लिए जिम्मेदारी लेना जरूरी

विश्व में भारत कुछ क्षेत्रों में अभी भी बहुत पीछे है। यदि आप इसके मूल कारण को खोजेंगे तो पाएंगे क

By Edited By: Published: Wed, 28 Sep 2016 01:01 AM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2016 01:01 AM (IST)

विश्व में भारत कुछ क्षेत्रों में अभी भी बहुत पीछे है। यदि आप इसके मूल कारण को खोजेंगे तो पाएंगे कि इसका एक मुख्य कारण अपनी जिंदगी को औरों की जिम्मेदारी समझना है।

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कोई भी काम गलत हो जाए, उससे चाहे कितनी ही हानि हो, लोग दूसरों पर जिम्मेदारी डाल खुद को मुक्तकर लेते हैं। किसी भी काम की जिम्मेदारी लेना, समझना और उसे पूरा करना सफलता की ओर पहला कदम है। अपने सोलह वर्षो के प्राचार्य काल के अनुभव में मैंने देखा कि कुछ बच्चे जो अपना परिणाम अच्छा न आने या अंक कम आने का कारण अस्वस्थ होना, घर में शादी या त्योहार या अपने अध्यापक गण को मानते रहे, जिंदगी में ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाए। उन्होंने अपने अवांछित परिणाम की जिम्मेदारी अपने ऊपर कभी नहीं ली।

इसके विपरीत छात्रों को परिणाम के अपेक्षा अनुसार न आने का कारण खुद में ढूंढना चाहिए। जिसने भी सुधार लाने के प्रयास किए, जिंदगी में बहुत आगे निकल गए।

किसी भी कार्य में हुई त्रुटि के लिए आप अपना बचाव करते रहेंगे तो कभी भी उसे बेहतर नहीं कर पाएंगे। अपनी जिम्मेदारी पूर्ण रूप से और अच्छे ढंग से निभाना ही आपको एक स्वतंत्र नागरिक बनाता है।

आप जीवन में क्या बनना चाहते हैं? क्या करना चाहते हैं? क्या आपका निर्णय है, इसकी जिम्मेदारी किसी और की कैसे हो सकती है। पूरी जिम्मेदारी के साथ प्रयास करें तो आप अपने सपने साकार कर सकते हैं।

अपना उत्तरदायित्व समझने वाला व्यक्ति, अपनी सारी ऊर्जा संचित कर कार्य करता है। यही सत्य है। पूर्ण जिम्मेदारी से कार्य करने वालों और अपनी गलतियां मानने वालों की लोग भी सहायता करते हैं।

हम सभी अपनी जिंदगी की जिम्मेदारियों के प्रति यदि सजग हो जाएं और पर्यावरण के संरक्षण को अपनी जिम्मेदारी समझें, हर कोई स्वच्छता के प्रति प्रण ले, प्रत्येक व्यक्तिनैतिक मूल्यों को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाकर कार्य करे, कोई भी व्यक्ति दूसरे पर दोषारोपण से पहले अपने को जांच ले तो हम बहुत सी मुश्किलों से बच सकते हैं।

अपने जीवन की जिम्मेदारी लेना आपको शक्ति,सफलता व मानसिक बल देगा। स्वाभिमान को भी बढ़ाएगा। यही सब आपको खुशियां देगा।

क्या आप अपनी परिस्थितियों, हालत के मारे हैं? क्या जीवन में बहुत कुछ आपके बस के बाहर है? यदि ऐसा है तो यह सोच छोड़ दें।

अपने जीवन को जिम्मेदारी से लेकर देखें। अपनी किस्मत को कोसने के बजाय जब आप गाड़ी का स्टीय¨रग खुद संभालेंगे तो गाड़ी मन चाही दिशा में जाएगी।

-अलोक बेताब, प्रिंसिपल

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शिक्षक

मेरी जिंदगी मेरी जिम्मेदारी

-मेरी जिंदगी मेरी जिम्मेदारी है, मनुष्य की सफलता के लिए यह एक मूल मंत्र है। शिक्षिका होने के नाते मैं अपने छात्र-छात्राओं को यही सिखाने का प्रयत्न करती हूं। यदि हमारे आज के बच्चे मेरा जीवन मेरा उत्तरदायित्व जैसी गहन बात समझ लेते हैं तो निश्चय ही हम एक सुनहरे कल का स्वप्न संजो सकते हैं।

-मीनू बेताब, सुपरवाइजरी हेड

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जिम्मेदारी लेने वाला ही सफल होता है

जो व्यक्तिअपनी जिंदगी की जिम्मेदारी स्वयं लेता है, वही सफल होता है। बस इसी कथन से प्रेरित होकर मैंने अपनी जिम्मेदारियां स्वयं निभाने का प्रण लिया। अब जब भी हम कक्षा से बाहर जाते हैं या फिर छुट्टी के बाद मैं खुद सभी पंखे और लाइट बंद करके जाती हूं। मैं यह अपनी जिम्मेदारी समझती हूं। पानी भरने जाती हूं तो इस बात का ध्यान रखती हूं कि पानी का नल खुला न रहे। हमें विद्यार्थी होने के नाते इन सब चीजों का खास ध्यान रखना चाहिए ताकि हम विकास की ओर अग्रसर हों और अपनी जिम्मेदारियां स्वयं लेना सीखें।

-प्रणवी शर्मा, छात्र

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प्रगति के लिए जिम्मेदारी लेना जरूरी

हम सब वही हैं, जो हमारे विचार हैं या हमारे कर्म हैं। यदि हम अपने जीवन में जिम्मेदारी नहीं लेते हैं तो हम प्रगति नहीं कर सकते। यदि हर व्यक्तिअपने जीवन से संबंधित अपने कार्य, खानपान, रहन-सहन जीवनयापन, पर्यावरण व समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझ लें और उसे निभाए तो निश्चय ही यह संसार एक सुखमय बन सकता है। हमारा जीवन उंगलियों के निशान नहीं, जो बदले नहीं जा सकते। आवश्यकता है अपने जीवन में अपनी जिंदगी और जिम्मेदारी को समझने की। इससे हम अपना और अपने समाज का प्रारूप बदल सकते हैं।

-शशि किरण बेदी, सुपरवाइजरी हेड

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हर काम जिम्मेदारी से करें

बाहर के देशों में लोग अपने बच्चों को पंद्रह साल के होते ही घर से बाहर भेज देते हैं। वे खुद कमाते हैं और खुद ही अपना खर्चा उठाते हैं। अकेले कमाकर बच्चे जिंदगी के पहलुओं से वाकिफ होते हैं और जीना सीखते हैं। जब हम अपनी जिंदगी को अपनी जिम्मेदारी समझेंगे तभी हम देश की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठा सकेंगे। आज के बच्चे ही कल का भविष्य हैं। जिम्मेदारी का मतलब छोटे से लेकर हर बड़ा काम अपनी जिम्मेदारी पर करें। हर गलती को अपने सिर लें। इससे यह होगा कि अगली बार वही काम करते समय वैसी गलती नहीं दोहराएंगे।

-एकारणव, 11वीं-बी, छात्र

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सफलता के लिए जिम्मेदारी पूर्वक करें काम

मेरी जिंदगी मेरी जिम्मेदारी से यह अभिप्राय है कि विद्यार्थी को सफल जिंदगी बनाने के लिए खुद ही अपने जिम्मेदारी समझनी होगी। जैसे स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम, सकारात्मक सोच, पर्याप्त नींद, पौष्टिक एवं संतुलित आहार आदि शरीर को मुहैया कराने की खुद की जिम्मेदारी होती है। उसी तरह शिक्षा में सफलता पाने के लिए विद्यार्थी को स्वयं अपने कर्तव्य को समझना होगा, क्योंकि जब वह अपनी जिम्मेदारी को समझेगा और उसका पालन करेगा तभी वह अपनी जिंदगी में आगे बढ़ेगा।

-माधवी शर्मा, ग्यारहवीं बी

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फोटो 13 सहित

जिम्मेदारी का एहसास ही महान बनाता है

जिम्मेदारी का एहसास ही आदमी को महान बनाता है। जिम्मेदार व्यक्तिपर हर कोई विश्वास करता है। जिम्मेदारी के लिए एक सकारात्मक सोच की जरूरत होती है। हरेक को अपने दायित्व का निर्वाह करना आना चाहिए। जो अपनी जिम्मेदारी को समझेगा वही वास्तव में कामयाब कहलाएगा।

-सुनीता जम्वाल

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