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डेंगू के डंक से सकते में सांबा प्रशासन, बीआरओ के 14 जवानों की रिपोर्ट पॉजीटिव; जम्मू भी सतर्क

मेडिकल कालेज में विशेषज्ञ डा. संजीव गुप्ता के अनुसार जब अचानक तेज बुखार हो और सिर में आगे की ओर तेज दर्द हो व मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द तो यह डेंगू के लक्षण हो सकते हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 09:24 AM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 09:24 AM (IST)
डेंगू के डंक से सकते में सांबा प्रशासन, बीआरओ के 14 जवानों की रिपोर्ट पॉजीटिव; जम्मू भी सतर्क
डेंगू के डंक से सकते में सांबा प्रशासन, बीआरओ के 14 जवानों की रिपोर्ट पॉजीटिव; जम्मू भी सतर्क

सांबा, संवाद सहयोगी। सांबा के चीची माता मंदिर के पास स्थित बीआरओ 69 आरसीसी के 13 जवान जोकि डेंगू से पीड़ित हैं। उनका उपचार यहां के निजी अस्पताल व सेना अस्पताल में चल रहा है। गत दिवस मानसर मोड़ में स्थित बीआरओ कार्यालय के पास यह जवान डेंगू से पीड़ित हुए थे। जानकारी के अनुसार इन लोगों को बुखार आया और उसके बाद इनमें से कुछ जवान सीधे तौर पर सांबा के दियानी में स्थित क्रिस्तु ज्योति अस्पताल चले गए और वहां पर उन्हें बताया कि उन्हें डेंगू है। वहीं पांच मरीज जोकि सेना के अस्पताल ले जाए गए जिनमें चार जवान व एक महिला शामिल थी। बीआरओ कैंप में इतने सारे डेंगू के मरीजों के पाए जाने के बाद दहशत का माहौल फैल गया। कैंप में स्प्रे किए जा रहे हैं।

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वहीं जवानों व उनके परिवार के सदस्यों को जागरूक करने के लिए डाक्टरों द्वारा जागरूकता शिविर भी लगाए जा रहे हैं। कैंप में एक अधिकारी ने बताया कि कैंप में आए दिन साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है और इस तरह का कैसे हो गया। उन्होंने कहा कि कई बार कुछ जवान घर छुट्टी गए होते हैं और उससे भी यह हो सकता है।

निजी अस्पताल में उपचारधीन एक जवान ने बताया कि उसे पिछले कुछ दिनों से बुखार था और वह सीधे इस निजी अस्पताल में आया और उसे बताया गया कि उसे डेंगू है और उसका उपचार चल रहा है। इस समय क्रिस्तु ज्योति अस्पताल दियानी में 7 मरीजों का उपचार चल रहा है। वहीं उपाचारधीन जवानों में अधिकतर बाहरी राज्यों से हैं और एक स्थानीय कर्मी है।

क्रिस्तु ज्योति अस्पताल से 7 मरीजों को दी गई छुट्टी

सांबा में बीआरओ 69 आरसीसी के जवानों में डेंगू फैलने के बाद क्रिस्तु ज्योति अस्पताल में उपचाराधीन 14 जवानों में से 7 को सोमवार को छुट्टी दे दी गई। अस्पताल की इंचार्ज अधिकारी ने बताया कि सात जवानों की स्थिति में सुधार था इसलिए उन्हें छुट्टी दे गई। उन्होंने बताया कि अभी भी अस्पताल में सात मरीजों का उपचार चल रहा है।

जिला में शक के आधार पर 32 मरीजों के टेस्ट लैब में लाए

डेंगू को लेकर 32 मरीजों के सैंपल टेस्ट के लिए लाए हुए हैं और उनकी रिपोर्ट मंगलवार को मिलेंगे। चीफ मेडिकल अधिकारी डा. राजेन्द्र सम्याल ने कहा कि फिलहाल जिला के सरकारी अस्पताल में अब तक कोई भी डेंगू से पीड़ित मरीज नहीं आया है। उन्होंने बताया कि सैन्य अस्पताल से पांच सैंपल जिला अस्पताल की लैब में भेजे गए हैं जिन्हेें टेस्ट के लिए लगाया गया हुआ है। उन्होंने कहा कि जिला में 32 टेस्टों को शक के आधार पर लगाया गया हुआ है और उनमें कितने पाजिटिव मामले निकलते हैं। उन्होंने कहा कि बीआरओ कार्यालय के आसपास स्प्रे आदि करवा दिया गया है। उन्होंने कहा कि वहां पर जवानाें को डेंगू से बचने के टिप्स भी दिए जा रहे हैं।

चीची माता मंदिर के पास रूका है पानी जो दे रहा न्यौता

सांबा में बीआरओ 69 आरसीसी के पास चीची माता मंदिर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंदा पानी रूका रहता है जोकि कई बीमारियों को न्यौता दे रहा है। चीची माता मंदिर के पास पूरे देश भर से यात्री आते हैं और यहां पर बनी पार्किंग में वाहन भी लगाए जाते हैं। कई बार पार्किंग के बाहर राजमार्ग के किनारे भी वाहन लगा दिए जाते हैं। उसके पास ही बने शौचाल्यों के पास पानी भी जमा रहता है। इस जमा हुए पानी से कई बीमारियां भी फैल सकती हैं। वहीं उसके पास ही बीआरओ कार्यालय भी पास है और वहां से कई जवान डेंगू से पीड़ित भी हुए हैं। इसी तरह से कई लोग यहां पर खुले में ही शौच भी कर देते हैं जोकि कई प्रकार की बीमारियों को न्यौता दे रहे हैं।

वर्ष 2012 में भी सांबा डेंगू से पीड़ित हुआ था

सांबा- सांबा जिला वर्ष 2012 में भी डेंगू पीड़ितों से प्रभावित रहा है। उस समय भी यहां से काफी पीड़ित जो हैं वह दूसरे राज्यों में उपचार के लिए गए थे। उस समय जिला में डेंगू से दो लोगों की मौत हो गई थी जिसके बाद लोगों में काफी रोष भी पनपा था।

जिला अस्पताल में डेंगू का कोई मरीज नहीं: मेडिकल सुपरिटेंडेंट

  • सांबा जिला अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. इंदिरा भुटेयाल ने कहा कि बीआरओ से कोई भी जवान जिला अस्पताल में नहीं आया। उन्होंने कहा कि वह सभी निजी अस्पताल और सैन्य अस्पताल में गए हैं। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में अभी तक एक भी मरीज डेंगू से पीड़ित नहीं पाया गया है। उन्होंने कहा कि शक के आधार पर कुछ सैंपल लगाए गए हुए हैं जिनका पता मंगलवार को लग जाएगा।

जम्मू में डेंगू का कोई मामला दर्ज नहीं, फिर भी अस्पताल प्रबंधन सतर्क

कठुआ और सांबा जिलों में डेंगू के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। पिछले कुछ दिनों में दोनों जिलों में पंद्रह से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। हालांकि जम्मू जिले में अभी सरकारी अांकड़ों के अनुसार एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है लेकिन कई जगहों पर जमा होने वाला पानी डेंगू की आशंका को बढ़ाता है। जम्मू में हर साल डेंगू के मामले दर्ज होते हैं। जम्मू संभाग में जम्मू, कठुआ और सांबा जिले में ही सबसे अधिक मामले दर्ज होते हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले साल जम्मू-कश्मीर में डेंगू के 68 मामले दर्ज हुए थे। लेकिन अगर निजी अस्पतालों में भी भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या को जोड़ दिया जाए तो यह आंकड़ा दोगुना हो जाता है। इस बार भी जम्मू जिले में सरकारी स्तर पर बेशक कोई भी मामला दर्ज नहीं हुआ हो लेकिन बिश्नाह के तीन मरीज डीएमसी में अपना इलाज करवा चुके हैं। यही नहीं कई अन्य मरीज भी निजी अस्पतालों में अपनी जांच करवाते हैं। जम्मू के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. दानिश अयूब खान का कहना है कि अभी तक जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल में कोई भी मरीज नहीं आया है।

कई जगहों पर पानी रहता है खड़ा

जम्मू में कई ऐसे स्थान हैं जहां पर हर समय पानी खड़ा रहता है। साफ पानी में ही डेंगू मच्छर पनपता है। इन क्षेत्रों में बिक्रम चौक के पास स्थित एसआरटीसी यार्ड, प्रदर्शनी मैदान, तालाब तिल्लो के निचले क्षेत्र, बागे बाहू क्षेत्र शामिल हैं। यही नहीं कई लोग ऐसे हैं जो कि घरों में भी पानी को ढांप कर नहीं रखते। कुलरों में पानी नहीं बदलते। इनमें भी डेंगू मच्छर पनपता है। इससे यह बीमारी अधिक फैलने की आशंका रहती है।

स्वास्थ्य विभाग-नगर निगम ने चलाया है अभियान

स्वास्थ्य विभाग और जम्मू नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि लोगों को जागरूक करने के लिए उन्होंने अभियान चलाया हुआ है। लोगों को समाचार पत्रों के माध्यम से भी अपने क्षेत्रों में पानी खड़ा नहीं रहने देने की सलाह दी जाती है। यही नहीं जिन क्षेत्रों में डेंगू की अधिक आशंका रहती है, वहां पर फागिंग भी की जा रही है। तालाबों में मच्छर न पनपेइसके लिए गंबूजिया मछली का सहारा लिया जाता है। यह मछली मच्छर को नहीं पनपने देती है। स्वास्थ्य विभाग डेंगू से निपटने के लिए हर साल 'गंबुजिया' मछली का सहारा लेता है। जम्मू संभाग में वर्तमान में 340 तालाब हैं। इनमें से 130 सांबा और 95 जम्मू जिले में हैं। इन सभी में यह मछली डाली जाती है।

डेंगू के लक्षण

मेडिकल कालेज में विशेषज्ञ डा. संजीव गुप्ता के अनुसार जब अचानक तेज बुखार हो और सिर में आगे की ओर तेज दर्द हो व मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द तो यह डेंगू के लक्षण हो सकते हैं। यही नहीं जी घबराना, चक्कर आना, त्वचा में लाल निशान होना भी डेंगू के लक्षण है। अगर कोई भी लक्षण हो तो तुरंत अस्पताल में इलाज के लिए आना चाहिए।

वर्ष               कुल मामले

2011          04

2012          07

2013          1838

2014          01

2015          153

2016          79

2017          488

2018          62


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