होमलैंड ही पंडितों की वापसी का एकमात्र विकल्प
जागरण संवाददाता, जम्मू : कश्मीरी पंडितों की वादी वापसी के लिए केंद्र शासित होमलैंड को ही विकल्प मानते हुए कश्मीरा वाहिनी ने कहा कि संगठन समुदाय में होमलैंड की विचारधारा के प्रति जागरूक करने के लिए कार्नर बैठकों का आयोजन कर रही है। इसके अलावा वापसी व पुनर्वास पर भी जल्द ही एक दिवसीय महिला सम्मेलन का आयोजन भी किया जाएगा।
जम्मू में बुधवार को संवाददाताओं से पनुन कश्मीर की महिला विंग कश्मीरा वाहिनी की राष्ट्रीय प्रवक्ता और चीफ कोआर्डिनेटर सुदेशा कौल ने वादी में अन्य समुदाय द्वारा उत्पन्न किए जा रहे मौजूदा हालात पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ढुलमुल नीति की वजह से ही अलगाववादी बेलगाम हो रहे हैं। डॉ. क्षमा कौल ने केंद्र सरकार को वादी में पैदा हुए हालात के लिए जिम्मेवार ठहराया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में कट्टरपंथी फिर से हिंदुओं की आस्था के स्थलों पर वार कर रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने तुलमुला क्षीरभवानी पर किए गए पथराव पर अफसोस जताया। उन्होंने अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि एनडीए सरकार भी यूपीए सरकार की राह चल पड़ी है।
उन्होंने कहा कि पंडितों समुदाय को होमलैंड के लिए मानसिक रूप से तैयार करने में कश्मीरा वाहिनी का प्रमुख योगदान है। कश्मीरा वाहिनी इसी कड़ी में संपर्क अभियान भी छेड़ेगी। डॉ. कौल ने आंतकवादियों के हाथों मारे गए कश्मीरी पंडितों के दोषियों को सजा दिलवाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने की भी मांग उठाई।