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खपत खूब, उत्पादन नाममात्र

By Edited By: Published: Thu, 31 Jul 2014 01:02 AM (IST)Updated: Thu, 31 Jul 2014 01:02 AM (IST)

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य में गत चार वर्षो में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या और बिजली खपत में 50 फीसद की बढ़ोतरी की तुलना में उत्पादन नाममात्र ही बढ़ा है। इससे बिजली संकट हल होने के बजाय और गहरा रहा है।

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संबंधित अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर में वर्ष 2010-11 से अब तक उपभोक्ताओं और बिजली खपत में 50 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। लेकिन बिजली उत्पादन में सिर्फ 12 फीसद की ही बढ़ोतरी हो सकी है। राज्य ऊर्जा अथवा बिजली विभाग ने जम्मू-कश्मीर राज्य बिजली नियामक प्राधिकरण को जो अपनी पुनर्निधार्रित वार्षिक योजना सौंपी है, उसके मुताबिक वर्ष 2010-11 में राज्य में घरेलू व व्यावसायिक उपभोक्ताओं की संख्या 1277369 थी, जो वर्ष 2014-15 के दौरान 1914527 तक पहुंच गई है। अगले वित्त वर्ष के अंत यह आंकड़ा 1963250 हो जाएगा। आंकड़ों के मुताबिक यह संख्या वर्ष 2010-11 की तुलना में 53.69 फीसद ज्यादा है। गत चार वर्षो में उपभोक्ताओं की संख्या के साथ ही बिजली खपत भी बढ़ी है। वर्ष 2010-11 में कनेक्टिड लोड अथवा मीटर के मुताबिक पूर राज्य में बिजली खपत 1623 मेगावाट थी, जो वर्ष 2014-15 में लगभग 80 फीसद बढ़कर 2911 मेगावाट हो चुकी है। वर्ष 2015-16 के अंत तक राज्य में बिजली की मांग अथवा खपत 3189 मेगावाट होगी, मतलब इसमें वर्ष 2010-11 की तुलना में 96.48 फीसद की बढ़ोतरी होगी।

संबंधित अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2010 में राज्य मे 10301 मिलियन यूनिट बिजली उपलब्ध थी। लेकिन वर्ष 2014-15 के दौरान इसमें मात्र 11 फीसद की बढ़ोतरी हुई है और इस समय हमारे पास 11506 मिलियन यूनिट बिजली है। उम्मीद की जा रही है कि वर्ष 2015-16 के दौरान राज्य में 11580 मिलियन यूनिट बिजली होगी।

संबंधित अधिकारियों के मुताबिक, एनएचपीसी समेत सीपीएसयू से राज्य को वर्ष 2010 से मिली रही बिजली में अभी तक मात्र 12.99 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2010-11 के दौरान जम्मू-कश्मीर को सीपीएसयू 8362 मिलियन यूनिट बिजली मिल रही थी और वर्ष 2014-15 में यह बढ़कर 9449 मिलियन यूनिट ही हो पाई है। अगले वित्तवर्ष के दौरान भी इसमें कोई ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है। जम्मू-कश्मीर राज्य ऊर्जा विकास निगम जेकेएसपीडीसी के अधीन राज्य में जारी विभिन्न जलविद्युत परियोजनाओं में भी गत चार वर्षो के दौरान सिर्फ 10.16 फीसद ही उत्पादन बढ़ा है। वर्ष 2010-11 में जेकेएसपीडीसी से 2310 मिलियन यूनिट बिजली खरीदी गई थी, जबकि वर्ष 2014-15 के दौरान 2546 मिलियन यूनिट ही खरीदी गई है।


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