ब्रिटिश हुकूमत की चश्मदीद मानी जाने वाली 107 वर्षीय महिला का निधन
अपनी तीन पीढि़यों का सुख भोगने और ब्रिटिश हुकूमत की चश्मदीद मानी जाने वाली दादी अम्मा 107 वर्ष की आयु में इस संसार से रुखसत हो गई।
संवाद सहयोगी, रामगढ़। अपनी तीन पीढि़यों का सुख भोगने और ब्रिटिश हुकूमत की चश्मदीद मानी जाने वाली दादी अम्मा 107 वर्ष की आयु में इस संसार से रुखसत हो गई। विजयपुर क्षेत्र के गांव नथवाल की दादी अम्मा का गौरव प्राप्त करने वाली 107 वर्षीय पुष्पा देवी पत्नी दिवंगत गंद्धर्व सिंह का मंगलवार तड़के निधन हो गया।
गांव पंचायत में सबसे ज्यादा उम्र का सुख भोगने वाली पुष्पा देवी को लोग दादी अम्मा मानते थे। पूरे गांव नथवाल का वंश उनके हाथों में पला-बढ़ा है। दादी अम्मा का जन्म सन 1911 में हुआ था। जिस समय उनको गांव नथवाल की बहू बनने का रुतबा प्राप्त हुआ, उस समय देश में ब्रिटिश शासन लागू था। अपनी जवानी के दिनों में उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत का शासन भी देखा और भारत-पाक विभाजन के कठिन दौर का सामना भी किया।
हर परिस्थिति से गुजर कर दादी अम्मा ने अपने घर परिवार नारायणिया राजपूत खानदान का वंश बढ़ाया। आज उन्हीं के हाथों बड़ा हुआ नारायणिया राजपूत खानदान का वंश उनकी तीसरी पीढ़ी कहलाता है। अपनी तीन पीढि़यों को बढ़ता-फूलता देखने वाली 107 वर्षीय दादी अम्मा पुष्पा देवी पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं। बुधवार तड़के उन्होंने अपने भरे-पूरे परिवार में आखिरी सांस लेकर इस संसार को सदा के लिए अलविदा कह दिया। दादी अम्मा के निधन पर पूरे गांव पंचायत में शोक की लहर है।
लोग शोकाकुल परिवार को जहां ढांढ़स बंधाने पहुंच रहे हैं, वहीं दादी अम्मा की इस लंबी उम्र की गाथाएं भी दोहरा रहे हैं। बुधवार दोपहर को दादी अम्मा की शवयात्रा बैंडबाजों के साथ निकाली गई। उनकी शवयात्रा में हजारों की संख्या में लोग व तीनों पीढि़यों के सदस्य बराबर के शरीक बने। बुधवार को दोपहर बाद उत्तरवाहिनी देविका घाट पर दादी अम्मा का सम्मानपूर्ण अंतिम संस्कार कर दिया गया।