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कभी था गांव की शान, अब अपनी ही हालत पर आंसू बहा रहा 100 साल पुराना डाक बंगला

कभी स्कूली बच्चों का पिकनिक स्थल रहा मीरां साहिब के गांव मरालिया का सरकारी सरकारी डाक बंगला आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। सरकारी डाक बंगले की लगभग 100 साल पहले बनाई गई इमारत पूरी तरह जर्जर हाल में है

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 09:32 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 09:32 PM (IST)
कभी था गांव की शान, अब अपनी ही हालत पर आंसू बहा रहा 100 साल पुराना डाक बंगला
कभी था गांव की शान, अब अपनी ही हालत पर आंसू बहा रहा 100 साल पुराना डाक बंगला

जैंबल चौधरी, मीरां साहिब : कभी स्कूली बच्चों का पिकनिक स्थल रहा मीरां साहिब के गांव मरालिया का सरकारी सरकारी डाक बंगला आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। सरकारी डाक बंगले की लगभग 100 साल पहले बनाई गई इमारत पूरी तरह जर्जर हाल में है और कभी भी गिर सकती है। लोगों ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से गुहार लगाई कि डाक बंगले की इमारत की सजावट की जाए, ताकि यह पुराने दौर में लौट सके।

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किसान नेता सुभाष दसगोतरा बताते हैं कि आजादी के पहले महाराजा प्रताप सिंह ने रणबीर नहर बनवाई थी तो अफसरों के रहने के लिए मुख्य नहर के किनारे कई जगह पर सरकारी डाक बंगले बनाए गए थे। गांव मरालिया स्थित सरकारी डाक बंगले की बात करें या फिर अन्य दूसरे क्षेत्रों में स्थित डाक बंगले की सभी आजादी के पहले बनाए गए थे। इनकी हालत आज खस्ता हो चुकी है। इनकी देखरेख के लिए सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। गांव मरालिया में सरकारी डाक बंगला करीब 15 कनाल भूमि में बना है। इसमें 7 कमरे और बरामदा बना हुआ है। इस समय सारी बिल्डिग जर्जर है, जो कभी गिर सकती है। वीआइपी आता है तो कराई जाती है साफ-सफाई

सेवानिवृत्त मास्टर बरीता राम का कहना है कि सरकारी डाक बंगले में आसपास के गांवों से स्कूल के बच्चे पिकनिक पर आते थे। बच्चे खूब मस्ती करते थे, लेकिन सरकार की अनदेखी से डाक बंगले की दशा खराब हो गई। आज हालत यह है कि अगर किसी मंत्री को डाक बंगले में आना हो तो साफ-सफाई तत्काल करवा दी जाती है और उसके बाद सुध नहीं ली जाती। उनके अनुसार आज डाक बंगले में मात्र एक चौकीदार और कुछ जिलेदार जो कि नहर की सफाई करते हैं, रहते हैं। इसके अलावा कोई नहीं आता। उनके अनुसार अगर डाक बंगले की रखरखाव की ओर सरकार ध्यान दे तो आज अपने पुराने रूप में लौट सकता हैं और फिर बच्चों के पिकनिक स्पाट बन सकते हैं। इसी तरह लवली शर्मा, जोगराज कुंडल आदि का कहना है कि सरकार को जल्द डाक बंगले की खस्ताहाल इमारत को ठीक करने के लिए कदम उठाने चाहिए नहीं तो क्षेत्र के लोग सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करने पर मजबूर हो सकते हैं। उधर, इस संबंध में पूछे जाने पर सिचाई विभाग के एईई सेवाराम ने बताया कि विभाग के उच्च अधिकारियों को डाक बंगले की खस्ताहाल इमारत की हालत के बारे में लिखित में अवगत करवाया गया है। फंड की कमी के कारण बंगले की अभी तक रिपेयर का काम शुरू नहीं हो सका है। जैसे ही फंड उपलब्ध होता है, बिल्डिग को ठीक कर दिया जाएगा।


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