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अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर यात्रा मार्ग पर बनाए जाएंगे 10 मौसम केंद्र

बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए यात्रा मार्ग पर किसी भी आपदा से निपटने के लिए पूरे साजोसामान के साथ एनडीआरएफ के चार दल तैनात रहेंगे।

By Edited By: Published: Fri, 01 Jun 2018 10:41 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jun 2018 03:58 PM (IST)
अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर यात्रा मार्ग पर बनाए जाएंगे 10 मौसम केंद्र

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए यात्रा मार्ग पर किसी भी आपदा से निपटने के लिए पूरे साजोसामान के साथ एनडीआरएफ के चार दल तैनात रहेंगे। यात्रा के दौरान मौसम की निगरानी के लिए 10 छोटे मौसम केंद्र भी स्थापित होंगे। राज्य में भूस्खलन से नुकसान को न्यूनतम बनाने के लिए संबंधित क्षेत्र के लिए 15-15 करोड़ की राशि भी मिलेगी।

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यह जानकारी राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल एनसी मारवाह ने शुक्रवार को आपदा प्रबंधन की तैयारियों और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के कार्यान्वन की एक उच्चस्तरीय बैठक में समीक्षा करते हुए दी। एनसी मारवाह ने बताया कि राज्य सरकार के आग्रह पर एनडीआरएफ की एक बटालियन को नियमित तौर पर जल्द ही जम्मू कश्मीर में तैनात किया जाएगा। इसके अलावा मौसम को लेकर समय रहते चेतावनी जारी करने और मौसम के सही पूर्वानुमान को यकीनी बनाने के लिए तीन नए डॉपलर रडार स्टेशन भी यहां क्रियाशील बनाए जाएंगे।

इसी माह शुरू हो रही बाबा अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर यात्रा मार्ग पर भी 10 छोटे मौसम केंद्र बनाए जाएंगे। इस दौरान किसी भी आपात परिस्थिति में संचार तंत्र को बनाए रखने के लिए एनडीएमए राज्य सरकार को सेटेलाइट फोन भी उपलब्ध कराएगा। राज्य के विभिन्न हिस्सों में अक्सर भूस्खलन से पैदा होने वाले हालात का जिक्र करते हुए एनसी मारवाह ने बतायाकि जम्मू कश्मीर सरकार को क्षेत्र विशेष पर आधारित भूस्खलन खतरा न्यूनीकरण की परियोजना रिपोर्ट एनडीएमए, सीबीआरआइ, सीआरआरइ व जीएसआइ के विशेषज्ञों द्वारा तय मानकों और राय के मुताबिक बनाने के लिए कहा गया है।

प्रत्येक भूस्खलन न्यूनीकरण क्षेत्र के लिए 15 करोड़ की राशि दिए जाने का प्रस्ताव है। उन्होंने इसी साल के अंत में जम्मू कश्मीर में आपदा प्रबंधन पर राज्य स्तरीय एक अभ्यास को एनडीएमए द्वारा आयोजित किए जाने की योजना की जानकारी देते हुए बताया कि जम्मू कश्मीर को कॉमन एलर्ट प्रोटोकाल, प्रायरिटी कॉल राउ¨टग और लो कास्ट अर्ली वार्निग सेंसर जैसी पायलट योजनाओं में भी शामिल किया गया है।

उन्होंने बैठक मे मौजूद सभ जिला उपायुक्तों को किसी भी आपदा से निपटने के लिए अपने कार्याधिकार क्षेत्र में उपलब्ध सभी संसाधनों और मानव श्रम की पूरी जानकारी भारतीय आपदा संसाधन नेटवर्क आईडीआरएन की वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए भी कहा है।

उन्होंने कहा कि यह जानकारी किसी जिला विशेष में आपदा से निपटने की तैयारियों का आकलन करने में सहयोगी रहेगी। बैठक में मुख्य सचिव बीबी व्यास, उपाध्यक्ष जम्मू कश्मीर इंपार्ड, राजस्व वित्तायुक्त, एडीजी सीडी, एचजी होमगार्ड, मंडलायुक्त जम्मू, सचिव, महानिदेशक स्वास्थ्य, निदेशक फायर एंड इमरजेंसी सेवा, निदेशक आपदा प्रबंधन , सहनिदेशक आइएमडी व अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।


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