Hockey World Cup 2018: क्वार्टर फाइनल में पहुंचा भारत, कनाडा को 5-1 से दी शिकस्त
चौथे क्वार्टर में भारतीय खिलाड़ियों ने जबरदस्त हमला बोला। 46वें मिनट में भारत के चिंग्लेनसना ने गोल दागकर भारत को 2-1 से आगे किया।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय टीम ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए पूल-सी के अपने अंतिम मैच में कनाडा को 5-1 से हराकर भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में खेले जा रहे हॉकी विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। भारत की ओर से ललित उपाध्याय (47 व 57 मिनट) ने दो गोल दागे, जबकि हरमनप्रीत सिंह (12वें मिनट), चिंग्लेनसना सिंह (46वें मिनट) और अमित रोहिदास (51 मिनट) को एक-एक गोल करने में सफलता मिली। कनाडा की ओर से एकमात्र गोल वान सोन फ्लोरिस (39वें मिनट) ने दागा।
इस जीत के साथ भारत अपने पूल में सात अंकों के साथ शीर्ष स्थान पर रहा। बेल्जियम के भी भारत के ही बराबर सात अंक रहे, लेकिन गोल औसत के हिसाब से भारत ने पूल में पहला स्थान हासिल किया। बेल्जियम को क्वार्टर फाइनल में प्रवेश के लिए अब क्रॉसओवर मैच खेलना होगा। हालांकि, कनाडा की टीम हार के बावजूद तीसरे स्थान पर रहते हुए क्रॉसओवर दौर में पहुंचने में सफल रही।
भारतीय टीम जीत के दृढ़ इरादे के साथ मैदान पर उतरी और उसने इसमें सफलता भी पाई। टीम के प्रत्येक खिलाड़ी ने योगदान दिया और ऊंचे दर्जे का खेल खेला। भारत की ओर से शानदार गोल दागे गए और गोल दागने वालों को उनके साथियों ने बेहतरीन पास दिए। कनाडा के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं था और शायद यही वजह थी कि उसने शुरुआती तीन-चार मिनट तक आक्रामक हॉकी खेली और भारत पर हावी होने की कोशिश की। वे भारतीय खिलाड़ियों को दबाव में लाने की कोशिश कर रहे थे और हम गेंद को अपने ग्रिप में लाने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, उनके पास कोई और रास्ता भी नहीं था, लेकिन उनकी रणनीति सफल नहीं हो सकी।
एक बार भारतीय टीम ने अपनी लय पकड़ी तो कनाडा के पास उसका कोई जवाब नहीं था। भारतीय टीम पहले ही क्वार्टर में बढ़त लेने में कामयाब रही। 12वें मिनट में भारत को पेनाल्टी कॉर्नर मिला, जिस पर हरमनप्रीत के गोल करते हुए टीम को 1-0 की बढ़त दिलाई। पहले हाफ में हमारे दो मौके बेकार चले गए। हमने एक बायीं और एक दायीं ओर से गोल करने का मौका गंवाया। जहां तक गेंद पर कब्जा जमाने की बात है तो कनाडा ने इसमें बाजी मारी, लेकिन खेल ज्यादातर मिडफील्ड के ऊपर ही चलता रहा। यह खेल दोनों टीमों की तरफ से देखने को मिला।
कनाडाई खिलाड़ी भारत की डी तक पहुंचने के लिए जूझते ही रहे। भारत ने कनाडा की टीम को खेलने के लिए कोई जगह नहीं दिया। इसका श्रेय हमारे डिफेंस को जाता है, जिसने बहुत मजबूती दिखाई। हरमनप्रीत सिंह, सुमित, वरुण कुमार सभी ने शानदार प्रदर्शन किया। मंदीप सिंह और मनप्रीत सिंह ऑलराउंडर खिलाड़ी की तरह है जो किसी भी जगह खेलने में सक्षम है। वे डिफेंस के साथ मिड में भी खेल रहे हैं और आगे भी जा रहे हैं।
नीलाकांत शर्मा की भी तारीफ करनी होगी, जिन्होंने कुछ बेहतरीन पास निकाल कर दिए। पहले हाफ तक गेंद पर कनाडा का कब्जा ज्यादा रहा, लेकिन वह गोल करने में नाकाम रही। तीसरे क्वार्टर में कुछ खेल में बदलाव हुआ। इस क्वार्टर में सुमित ने बायीं ओर से रोहित को पास दिया, लेकिन रोहित गेंद तक अपनी स्टिक को नहीं पहुंचा सके। यह गोल करने का अच्छा मौका था, जो भारत ने गंवा दिया। भारतीय टीम की ओर से एक खास बात देखने को मिली कि उसके खिलाड़ियों ने ऊंचाई की गेंद फेंकी। 38वें मिनट में सिमरनजीत सिंह की गफलत भारत को भारी पड़ी। कनाडा के गॉर्डन जोंस्टन ने उनसे गेंद छीनकर वान सोन फ्लोरिस को दी जिन्होंने गोल करते हुए अपनी टीम को 1-1 की बराबरी दिला दी।
इस पूरे मैच का रोमांच चौथे क्वार्टर फाइनल में सिमट कर रह गया। चौथे क्वार्टर में भारतीय खिलाड़ियों ने जबरदस्त हमला बोला। 46वें मिनट में भारत के चिंग्लेनसना ने गोल दागकर भारत को 2-1 से आगे किया। यह गोल काफी शानदार रहा। 47वें मिनट में ललित के गोल से भारत ने 3-1 से आगे हो गया। 51वें मिनट में अमित ने पेनाल्टी कॉनर्र पर गोल दागकर भारत को 4-1 से आगे किया। 57वें मिनट में ललित ने एक ओर गोल कर भारत की 5-1 से जीत सुनिश्चित की।