हॉकी में फिर से बड़े टूर्नामेंट में फिर से पदक जीतना असल चुनौती: जेटली
जेटली ने कहा, ‘यह अच्छी बात है कि विश्व कप भुवनेश्वर में हो रहा है।
नई दिल्ली, उमेश राजपूत। हॉकी विश्व कप से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत हॉकी के अग्रणी देशों में से एक है और हमारी टीम के लिए बड़े टूर्नामेंटों में फिर से पदक जीतना असल चुनौती है। जेटली भारतीय हॉकी के इतिहास पर लिखी गई किताब ‘द इलस्ट्रेटेड हिस्ट्री ऑफ इंडियन हॉकी : ए सागा ऑफ ट्रायंफ, पेन एंड ड्रीम्स’ के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे।
इस किताब के लेखक वी कृष्णास्वामी हैं। इस किताब में ओलंपिक, विश्व कप, एशियन गेम्स सहित कई बड़े टूर्नामेंटों में भारत की उपलब्धियों के बारे में बताया गया है।
जेटली ने कहा, ‘यह अच्छी बात है कि विश्व कप भुवनेश्वर में हो रहा है। भारतीय हॉकी के पारंपरिक गढ़ों पर फोकस करने से हम भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। हम विश्व हॉकी में शीर्ष टीमों में पहुंच गए हैं और अब गेंद को गोल के भीतर डालने की जरूरत है।’ जेटली ने भारत के पहले ओलंपिक कप्तान जयपाल सिंह के खेल, सामाजिक एवं राजनीतिक करियर की बात करते हुए उनके योगदान के बारे में बताया।
जेटली ने चुटकी लेने के अंदाज में कहा, ‘भारतीय हॉकी में राजनीति की तरह गठबंधन की शुरुआत 1968 के ओलंपिक से हुई। उस ओलंपिक में भारतीय टीम दो कप्तानों के साथ गई थी और वहीं से भारतीय हॉकी का ढलान शुरू हुआ। लेकिन, पिछले एक दशक में भारतीय हॉकी का संगठन बहुत बेहतर हुआ है।’
इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के अध्यक्ष नरेंद्र बत्र ने कहा, ‘भारतीयों का हॉकी से जज्बाती जुड़ाव रहा है और हमारा वैभवशाली इतिहास इस खेल में है। इस किताब के जरिये उसकी बानगी पेश करने की कोशिश की गई है।