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यह तो शुरुआत है, असल परीक्षा तो अगले साल होगी: महिला हॉकी कोच हरेंद्र

टीम और सभी खिलड़ियों को इस प्रदर्शन का इनाम मिला है।

By Bharat SinghEdited By: Published: Tue, 07 Nov 2017 11:34 AM (IST)Updated: Tue, 07 Nov 2017 11:47 AM (IST)
यह तो शुरुआत है, असल परीक्षा तो अगले साल होगी: महिला हॉकी कोच हरेंद्र
यह तो शुरुआत है, असल परीक्षा तो अगले साल होगी: महिला हॉकी कोच हरेंद्र

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय महिला हॉकी टीम को 13 साल बाद एशिया कप जिताने के बावजूद हरेंद्र सिंह संतुष्ट होने वाले कोचों में से नहीं हैं और उनका कहना है कि इस टीम से अब उन्हें हर टूर्नामेंट में पदक चाहिए। उनका कहना है कि यह तो बस महिला टीम की शुरुआत है। उसकी असली परीक्षा तो 2018 में कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स के साथ ही विश्व कप में होगी। 

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उन्होंने कहा, 'एशिया कप तो शुरुआत है। हमें इससे और अधिक हासिल करना है। 2018 भारतीय महिला हॉकी के लिए काफी महत्वपूर्ण है। हमें तीन अहम टूर्नामेंट कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स और विश्व कप खेलने हैं। इन टूर्नामेंटों से मुझे कम से कम दो पदकों की उम्मीद है।' भारतीय महिलाओं ने रविवार को चीन को पेनाल्टी शूटआउट में 5-4 से शिकस्त देकर 2004 के बाद पहली और कुल दूसरी बार एशिया कप की ट्रॉफी पर कब्जा किया। 

हरेंद्र के मार्गदर्शन में ही पिछले साल दिसंबर में लखनऊ में जूनियर पुरुष टीम विश्व विजेता बनी थी। महिला टीम के साथ हरेंद्र का यह पहला टूर्नामेंट था। उन्होंने कहा कि मुझे याद नहीं कि इस साल के शुरुआत में जोहांसबर्ग में हॉकी वर्ल्ड लीग (एचडब्ल्यूएल) सेमीफाइनल्स से पहले मैंने महिला हॉकी को इतने नजदीक से देखा हो। इस साल राष्ट्रीय टीम से जुड़ने के बाद मुझे लगा कि मैं महिला हॉकी में कुछ कर सकता हूं। 

एक कोच के रूप में जूनियर पुरुष विश्व कप की खिताबी जीत के साथ महिला एशिया कप की तुलना करने के बारे में पूछे जाने पर हरेंद्र ने कहा कि एक कोच के लिए प्रत्येक टूर्नामेंट महत्वपूर्ण होता है। यह दोनों जीत बिलकुल अलग हैं। दोनों में सिर्फ एक बात अलग है। वो यह कि मैंने जूनियर पुरुष टीम को तीन साल में तैयार किया, जबकि लड़कियों को सिर्फ 23-24 दिन में। इसलिए दोनों जीत की संतुष्टि अलग है। लेकिन मैं कभी संतुष्ट नहीं होता।

विजेता सदस्यों को मिलेंगे 1-1 लाख रुपए

हॉकी इंडिया (एचआइ) एशिया कप विजेता भारतीय महिला टीम की प्रत्येक सदस्य को एक-एक लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की। एचआइ ने सोमवार को जारी बयान में 18 सदस्यीय टीम के अलावा मुख्य कोच को एक लाख रुपये, जबकि अन्य सहयोगी स्टाफ में से प्रत्येक को 50 हजार रुपये देने की भी घोषणा की। भारतीय टीम इस टूर्नामेंट में अजेय रही और उसने खिताब की राह में अधिक रैंकिंग की चीन और जापान की टीम को भी हराया। एचआइ के महासचिव मुहम्मद मुश्ताक अहमद ने कहा कि महिला टीम ने 13 साल बाद एशिया कप जीतकर वास्तव में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने अपने जज्बे और प्रतिबद्धता का शानदार नमूना पेश किया और टूर्नामेंट जीतकर महाद्वीपीय चैंपियनशिप के तौर पर अगले साल के विश्व कप के लिए अपने दम पर क्वालीफाई किया।

शीर्ष 10 में शुमार होकर मिला इनाम

एशिया कप का खिताब जीतने का इनाम भारतीय महिला हॉकी टीम को रैंकिंग में शीर्ष दस में शुमार होकर मिला है। अंतरराष्ट्रीय हॉकी संघ (एफआइएच) की जारी ताजा रैंकिंग में भारतीय महिला टीम दो पायदान के फायदे से दसवें स्थान पर पहुंच गई हैं। भारत दक्षिण कोरिया से एक स्थान पीछे और स्पेन से एक स्थान आगे है। वहीं भारतीय पुरुष टीम ने अपना छठा स्थान बरकरार रखा है। यूरोपियन चैंपियन नीदरलैंड्स ने अपना शीर्ष स्थान कायम रखा है। इंग्लैंड दूसरे और पैन अमेरिका कप चैंपियन अर्जेटीना तीसरे स्थान पर हैं। 2017 ऑस्ट्रेलियाई चौथे, न्यूजीलैंड पांचवें, जर्मनी छठे, अमेरिका सातवें और चीन आठवें स्थान पर हैं।

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